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Saturday, September 30, 2023

05 अक्टूबर 2023 को आयोजित निपुण भारत मिशन शैक्षिक गुणवत्ता सेमिनार एवं एडुलीडर्स सम्मान कार्यक्रम के संबंध में 75 शिक्षकों की सूची जारी

05 अक्टूबर 2023 को आयोजित निपुण भारत मिशन शैक्षिक गुणवत्ता सेमिनार एवं एडुलीडर्स सम्मान कार्यक्रम के संबंध में 75 शिक्षकों की सूची जारी

अत्यधिक गर्मी होने के कारण प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में स्कूलों के खुलने तथा बन्द होने का समय 31 अक्टूबर तक यथावत रखे जाने के सम्बन्ध में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ का पत्र

अत्यधिक गर्मी होने के कारण प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में स्कूलों के खुलने तथा बन्द होने का समय 31 अक्टूबर तक यथावत रखे जाने के सम्बन्ध में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ का पत्र 


बेसिक शिक्षकों को छह साल से जिले के अन्दर तबादले का इंतजार

बेसिक शिक्षकों को छह साल से जिले के अन्दर तबादले का इंतजार

 
प्रयागराज : परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को छह साल से जिले के अंदर तबादले का इंतजार है। शिक्षकों का पद जिले का कैडर होने के बावजूद तबादला न होने और अंतरजनपदीय स्थानान्तरण से आने वाले शिक्षकों को शहर के आसपास के स्कूलों में तैनाती मिलने से जिले में मौलिक नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों में रोष है।


इन शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश सरकार 2017 से अब तक तीन बार अंतरजनपदीय स्थानांतरण कर चुकी है । लेकिन छह साल में एक बार भी ओपन ट्रांसफर नहीं किया गया।


 सन 2017, 2019 और 2023 में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का लाभ पाने वाले कई हजार शिक्षकों ने विभिन्न जिलों में तैनाती सीधे सामान्य ब्लॉक में प्राप्त कर ली। 


जबकि जिन पुरुष शिक्षकों ने नियमानुसार जिले के अंदर पिछड़े ब्लॉक में तैनाती के पांच वर्ष तथा शिक्षिकाओं ने दो वर्ष पूरे कर लिए, उनके तबादले पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।

शिक्षामित्रों को जल्द मानदेय देने की मांग, अगस्त माह का मानदेय नहीं मिला और सितंबर भी बीतने वाला

शिक्षामित्रों को जल्द मानदेय देने की मांग, अगस्त माह का मानदेय नहीं मिला और सितंबर भी बीतने वाला


लखनऊ। प्रदेश के लगभग 1.37 लाख शिक्षामित्रों को अगस्त माह का मानदेय नहीं मिला और सितंबर भी बीतने को है। किंतु केंद्र से बजट न मिलने के कारण अभी तक मानदेय नहीं जारी हुआ है। वहीं जुलाई का मानदेय जिलों के बजट से दिया गया था लेकिन बस्ती, सीतापुर, बांदा आदि कई जिलों में बजट न होने से यहां जुलाई का भी मानदेय शिक्षामित्रों को नहीं मिल पाया है। 


उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा कि इस बारे में जब अधिकारियों से बात की जाती है तो वह कहते हैं कि बजट संबंधी फाइल वरिष्ठ अधिकारी के पास भेज दी गई है।



शिक्षामित्रों को दो माह से नहीं मिला मानदेय, जल्द भुगतान की उठाई मांग

उप्र बीटीसी शिक्षक संघ की बैठक में जल्द भुगतान की उठाई गई मांग


लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 1.30 लाख शिक्षामित्रों को दो माह से मानदेय नहीं मिला है। इससे उनके सामने भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। उप. बीटीसी शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यालय पर बृहस्पतिवार को हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने सरकार से मांग की कि शिक्षामित्रों के मानेदय का अविलंब भुगतान किया जाए। उन्होने बताया कि कुछ जिलों में जुलाई तो कुछ जगह अगस्त का भुगतान नहीं हुआ है, जबकि सितंबर भी समाप्त होने वाला है।


उन्होंने कहा कि नियमित शिक्षकों को एक-दो तारीख को वेतन जारी हो जाता है। लेकिन शिक्षामित्र मात्र 10 हजार रुपये पाते हैं, उनको दो-तीन महीने बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने जल्द मानदेय भुगतान करते हुए बिहार, राजस्थान की भांति शिक्षामित्रों को भी समायोजित करने की मांग की। 


अनिल ने कहा कि आए दिन शिक्षक निदेशालय पर जिले के अंदर पारस्परिक तबादले के लिए ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इसे जल्द पूरा किया जाए। महामंत्री संदीप दत्त ने कहा कि विद्यालय अवधि के बाद शिक्षकों की बीआरसी की बैठकों पर रोक लगाई जाए। बैठक में विनय सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव, अमित सिंह, अजित सिंह, श्याम सिंह, विद्या निवास, राकेश पांडेय आदि शामिल हुए।

कोटा में बढ़ती आत्महत्याओं को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश, टॉपर्स का बखान नहीं कर सकेंगे कोचिंग संस्थान, टेस्ट के नतीजे भी रखने होंगे गोपनीय

कोटा में बढ़ती आत्महत्याओं को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश, टॉपर्स का बखान नहीं कर सकेंगे कोचिंग संस्थान, टेस्ट के नतीजे भी रखने होंगे गोपनीय


जयपुर। देश के कोचिंग हब कोटा में छात्रों के आत्महत्या करने की घटनाएं बढ़ने के बीच राजस्थान सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत ये संस्थान टॉपर्स छात्रों का बखान नहीं कर सकेंगे। यही नहीं, संस्थानों को नियमित टेस्ट के नतीजे गोपनीय रखने का निर्देश भी दिया गया है। 


राज्य सरकार ने कोचिंग संस्थानों और अन्य हितधारकों के परामर्श के बाद शिक्षा सचिव भवानी सिंह | देथा की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय समिति गठित की थी। इसके कुछ दिन बाद अब नौ पन्नों के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें इजी एग्जिट एवं हेल्पलाइन सेवाओं के अलावा 24 घंटे निगरानी व्यवस्था सुचारू रखने को भी कहा गया है। इसके अलावा संस्थानों की ओर से रिफंड पॉलिसी अपनाने पर भी जोर दिया गया।


काउंसलिंग एवं ट्रेनिंग संबंधित दिशा-निर्देश के तहत छात्रों पर मानसिक दबाव घटाने के कई उपाय सुझाए गए हैं। सरकार की ओर से जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को भी जिले के कोचिंग संस्थानों में दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि कोटा शहर में इस साल 23 छात्रों ने आत्महत्या की है, जो अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है। पिछले साल यह आंकड़ा 15 था।


नौवीं कक्षा से पहले प्रवेश नहीं : दिशा-निर्देशों के मुताबिक, नौंवी कक्षा से पहले छात्रों को कोचिंग संस्थानों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। छात्रों में मानसिक दबाव दूर करने की जिम्मेदारी कोचिंग संस्थानों की होगी। इसके अलावा छात्रों को हर हफ्ते डेढ़ दिन का अवकाश देना और बच्चों और शिक्षकों का अनुपात संतुलित रखने पर भी जोर दिया गया है।

Friday, September 29, 2023

गृह जिले में तबादले के लिए दिव्यांग शिक्षकों का प्रदर्शन

गृह जिले में तबादले के लिए दिव्यांग शिक्षकों का प्रदर्शन


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में तैनात दिव्यांग शिक्षकों ने गृह जिले में तैनाती की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया और बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के आवास के घेराव का प्रयास किया। मंत्री के आवास पर न होने से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई।


शिक्षकों ने बताया कि कई ऐसे हैं जिनके पति या पत्नी दोनों दिव्यांग हैं, ऐसे में उनका तबादला जिले में किया जाए। अन्य जिले में तैनाती से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन शिक्षकों ने शिक्षण कार्य में छूट देने और असाध्य रोगियों से भी अधिक 25 अंक का भारांक देने की मांग की। 


शिक्षकों के प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस पहुंची और जानकारी दी कि मंत्री आवास पर नहीं हैं। इसके बाद पुलिस ने उन्हें बस से ईको गार्डन भेज दिया। शिक्षकों ने कहा कि जल्द उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे फिर प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन में सुनील कुमार, रजनीश शुक्ला, अरुण कनौजिया, प्रमोद कुमार, मनीष कुमार, रोहित कुमार समेत कई शिक्षक शामिल हुए। 


राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन एक अक्तूबर से

राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन एक अक्तूबर से


लखनऊ। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना वर्ष 23- 24 के लिए नेशनल स्कालरशिप पोर्टल एक अक्तूबर से खोल दिया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों को विवरण भेज दिया है। 


राष्ट्रीय मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभार्थियों के खाते में सीधे छात्रवृत्ति आती है। आवेदन के लिए एक अक्तूबर से पोर्टल खुलेगा। आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 नवंबर है। 


आवेदकों का पहले चरण का सत्यापन 15 दिसंबर तक किया जाएगा। दूसरे चरण का सत्यापन 30 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। आवेदकों का पंजीकरण आधार से ही किया जाएगा।


 18 वर्ष से कम आवेदकों के लिए भी आधार से पंजीकरण होगा। आधार न होने की स्थिति में उनके माता-पिता या वैधानिक परिजन के आधार से पंजीकरण किया जाएगा। 

Thursday, September 28, 2023

उमस और गर्मी के चलते परिषदीय विद्यालयों के समय को लेकर PSPSA का सीएम योगी को पत्र

उमस और गर्मी के चलते परिषदीय विद्यालयों के समय को लेकर PSPSA का सीएम योगी को पत्र 


निर्देश : तबादला पाए बेसिक शिक्षकों का वेतन और एरियर जल्द जारी करें

निर्देश : तबादला पाए बेसिक शिक्षकों का वेतन और एरियर जल्द जारी करें


लखनऊ। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने कहा है कि एक से दूसरे जिले में तबादला पाए शिक्षकों के वेतन व एरियर का भुगतान नियमानुसार किया जाए। साथ ही निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को समय तय समय में पूरा करें। 


बुधवार को योजना भवन में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में उन्होंने यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत विद्यालयों में सभी निर्धारित मानक बिंदुओं पर आवश्यक कार्यवाही की जाए। 


विद्यालयों व शौचालयों की साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था, निपुण लक्ष्य एप पर आंकलन, शिक्षक संकुल, एसआरजी व एआरपी की ओर से निपुण विद्यालय की कार्यवाई तेज की जाए। 

एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों ने अब किया शिक्षा निदेशालय का घेराव, नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार विभाग व अधिकारियों के चक्कर काट रहे

एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों ने अब किया शिक्षा निदेशालय का घेराव, नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार विभाग व अधिकारियों के चक्कर काट रहे 



लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से नियुक्ति से वंचित रह गए अभ्यर्थी लगातार विभाग व अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के आवास के घेराव के बाद बुधवार को अभ्यर्थियों ने फिर से बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। प्रदर्शन कर उन्होंने एक अंक के विवाद को जल्द निस्तारित कर नियुक्ति देने की मांग उठाई।


 दोपहर में अभ्यर्थियों की महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से वार्ता हुई। उन्होंने बताया कि अंतिम कट ऑफ गुणांक निर्धारित ना होने में एक अंक मामले में समस्या आ रही है। विभाग इस पर काम कर रहा है, अभ्यर्थी थोड़ा इंतजार करें।



शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने घेरा बेसिक शिक्षामंत्री का आवास, मिला जल्द हल निकालने का आश्वासन 




लखनऊ : प्राथमिक विद्यालयों की 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया। एक घंटे बाद मंत्री ने अभ्यर्थियों के तीन सदस्यीय दल को वार्ता के लिए बुलाया। अन्य को पुलिस ने बस से इको गार्डन भेज दिया। मंत्री ने अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाया जल्द ही इसका हल निकालेंगे। यह अभ्यर्थी 50 दिन से इको गार्डन में धरना दे रहे हैं।


100 अभ्यर्थी मंगलवार सुबह नौ बजे बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर पहुंचे। आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर 2022 को एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट के अनुसार चयन करने का अंतिम आदेश दिया था। 11 माह बाद सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अभ्यर्थियों में से तीन को बुलाकर बेसिक शिक्षामंत्री ने वार्ता की।


अभ्यर्थी शिवानी शर्मा, रजनीश कुमार, शुभांशु सिंह ने बताया कि एक अंक मामले में नियुक्ति की लिखित कार्यवाही होने तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। दुर्गेश शुक्ला, सूरज वर्मा, शैलेंद्र वर्मा, रॉकी सिंह, अभिषेक, कुलदीप, विजय भारती, पूजा श्रीवास्तव, शिखा तिवारी, लक्ष्मी, संध्या मिश्रा, काजोल सिन्हा, अल्का यादव सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों ने नाराजगी जतायी।


महिला अभ्यर्थी बेहोश हुई

मंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों में से सिद्धार्थनगर निवासी एक महिला अभ्यर्थी अनीता चौधरी की तबीयत बिगड़ गई। अभ्यर्थी गर्मी से गश खाकर गिर गईं। पुलिस की मदद से महिला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद महिला को छुट्टी दे दी गई। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि वह घर छोड़कर 50 दिन से लखनऊ में धरना दे रहे हैं। उनकी कोई सुनवायी नहीं हो रही है।



मांग पूरी करने को लेकर 69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से वंचित अभ्यर्थियों ने किया सुंदरकांड का पाठ


लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में एक अंक से नियुक्ति से वंचित रहे अभ्यर्थियों ने रविवार को सुंदरकांड का पाठ किया। साथ ही शिक्षक बनने के लिए 48 दिन से ईको गार्डेन में धरना प्रदर्शन भी जारी रखा। पाठ और प्रदर्शन में अंजनी कुमार पाण्डेय, राकेश कुमार, सूरज वर्मा, मनोज शुक्ला, स्वाति, शोभा पांडेय, अल्का, शिवानी शर्मा, अनीता चौधरी, पूजा श्रीवास्तव, शिखा, संध्या आदि शामिल रहे।



69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों ने दी अब भूख हड़ताल की चेतावनी


🆕 अपडेट
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों में सुनवाई न होने से नाराजगी बढ़ रही है। ईको गार्डन में 47 दिन से धरना दे रहे अभ्यर्थियों ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। 


उच्चतम न्यायालय के आदेश के 11 माह बाद भी संशोधित परिणाम जारी न होने से ये अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित हैं। मांग को लेकर इन अभ्यर्थियों ने शनिवार शाम को प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री से न्याय की 69 हजार अभ्यर्थियों ने शनिवार को प्रदर्शन कर सीएम से मांगा न्याय स्रोत संगठन गुहार लगाई। 


अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे दुर्गेश शुक्ला ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के अड़ियल रवैये से हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है। प्रदर्शन में सूरज वर्मा, शैलेंद्र, रॉकी सिंह, अभिषेक, कुलदीप, पूजा श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल रहे। 



41 दिन से धरना दे रहे एक नंबर से वंचित शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी, सुनवाई न होने से धैर्य रहा टूट 


लखनऊ। प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों का ईको गार्डेन में धरना रविवार को 41वें दिन भी जारी रहा।


अभ्यर्थियों ने इस दौरान विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत कई को भी इस मामले में  ज्ञापन दिया, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में उनका धैर्य अब टूट रहा है।


 धरने में शामिल हरदोई के नवीन पटेल ने कहा कि विभागीय अधिकारियों से मिलकर कई बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन की मांग की गई है।


धरने में शामिल दुर्गेश शुक्ला, प्रसून दीक्षित, सूरज वर्मा, अल्का यादव, पूजा श्रीवास्तव ने एक नंबर के लिए पात्र अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी करने की मांग की। कहा कि नियुक्ति चयन सूची जारी होने तक उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।

परिषदीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में वाराणसी शीर्ष पर, ललितपुर सबसे नीचे

परिषदीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में वाराणसी शीर्ष पर, ललितपुर सबसे नीचे 



लखनऊ। प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी टॉप पर है। निपुण भारत योजना के तहत मुख्य सचिव को प्रेषित सर्वे रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। वाराणसी के प्राइमरी स्कूलों में प्रतिदिन औसतन 60 प्रतिशत तक बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गई है। वहीं ललितपुर में छात्रों की उपस्थिति सबसे खराब पाई गई है। जहां छात्रों की उपस्थिति 44 फीसदी तक ही दर्ज की गई है।



रिपोर्ट के अनुसार स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति के मामले में वाराणसी के बाद सुलतानपुर दूसरे नम्बर पर है जहां 59 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई है। खराब स्थिति वाले जिलों ललितपुर, चंदौली, फिरोजाबाद, गोण्डा, सीतापुर, रामपुर, जालौन, कौशाम्बी तथा संभल के स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने को अभियान चलाने की संस्तुति की गई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के मुताबिक ऑनलाइन मॉनिटरिंग ने छात्रों की संख्या के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम लगा दी है।



एक अंक विवाद मामले में अवमानना की सुनवाई 11 अक्टूबर को

एक अंक विवाद मामले में अवमानना की सुनवाई 11 अक्टूबर को 


लखनऊ : 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक अंक विवाद मामले में याची सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 11 अक्तूबर की तिथि नियत की है। साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि यदि मामले में रिट कोर्ट के आदेश का अक्षरश पालन नहीं होता है तो सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को कोर्ट के समक्ष पुन हाजिर होना होगा।


 यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने सुरंगमा शुक्ला की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि भर्ती परीक्षा के शैक्षिक परिभाषा के एक प्रश्न पर एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट कट ऑफ गुणांक के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश पारित किया गया था। इस आदेश के विरुद्ध सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी लेकिन 9 नवंबर 2022 को अपील खारिज हो गई।



69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद में हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार को अवमानना मामले में कारवाई का ब्योरा पेश करने को दिया मौका


लखनऊ। प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को पहले दिए गए रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर इसका ब्योरा पेश करने को और समय दिया है।


इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव दीपक कुमार व अन्य पक्षकारों से, रिट कोर्ट के 20 दिसंबर 2021 के फैसले के तहत प्रस्तावित कारवाई का ब्योरा मांगा था। जो, सरकार की ओर से पेश नहीं किया गया। सरकारी वकील ने इसके लिए और समय देने का आग्रह किया। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।


 साथ ही सख्त रुख अपनाकर तकीद किया था कि तत्परता से पहले के आदेश के पालन का हलफ़नामा दाखिल न होने पर पक्षकार दो अफसरों सचिव - बेसिक शिक्षा प्रताप सिंह भगेल और परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को कोर्ट में पेश होंगें। आदेश पालन हलफ़नामा सोमवार को दाखिल न होने पर यह दोंनो अफसर कोर्ट में पेश हुए।


न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने यह आदेश अभ्यर्थी सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर दिया।

पांच साल की सेवा अब हुई पूरी, तबादले से शिक्षक वंचित, 68500 भर्ती में चयनित पुरुष शिक्षकों का हाल

पांच साल की सेवा अब हुई पूरी, तबादले से शिक्षक वंचित, 68500 भर्ती में चयनित पुरुष शिक्षकों का हाल



प्रयागराज : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित हजारों शिक्षक पांच साल की सेवा पूरी होने के बावजूद अंतर जनपदीय पारस्परिक तबादले से वंचित हो रहे हैं। शासन ने शिक्षकों के तबादले के लिए न्यूनतम पांच साल जबकि शिक्षिकाओं के लिए दो साल सेवा की अनिवार्यता रखी है। 68500 में चयनित पुरुष शिक्षकों को सात सितंबर 2018 को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे।


अब सेवा की न्यूनतम समयसीमा पूरी होने पर ये शिक्षक अपर मुख्य सचिव बेसिक दीपक कुमार, महानिदेशक विजय किरन आनंद, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल आदि से मिलकर तबादले का अनुरोध कर रहे हैं। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। इस बीच पारस्परिक अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए सचिव ने सभी बीएसए को पांच से 12 अक्तूबर तक जोड़ा (पेयर) बनाने की कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए हैं।


68500 में चयनित और पांच साल की सेवा पूरी कर चुके हंडिया ब्लॉक में तैनात संजीव त्रिपाठी अपने गृह जनपद प्रतापगढ़ के लिए पारस्परिक साथी भी ढूंढकर बैठे हैं। इनका कहना है नौ माह से पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण पूरा नहीं हो सका है। अभी 12 अक्तूबर तक जोड़ा बनाने की प्रक्रिया चलेगी तो 68500 के पुरुष शिक्षकों को बाहर करना अनुचित है। 


68500 में चयनित शिक्षक सत्येंद्र शुक्ल व हिमांशु मिश्र कहते हैं कि तय मानक पूरा करने के बावजूद अंतर्जनपदीय स्थानांतरण और पदोन्नति दोनों से बाहर कर दिया गया जो अनुचित है। शिक्षक भास्कर द्विवेदी का आरोप है कि अधिकारियों से शिक्षक हित जैसे स्थानांतरण, निशुल्क चिकित्सा, पदोन्नति की बात की जाए तो वह सालों साल लटकाने का काम करते है। जबकि विभागीय आदेश मनवाने के लिए जबरजस्ती से भी पीछे नहीं हटते।

अल्पसंख्यक छात्रों को मेरिट के आधार पर मिलेगी छात्रवृत्ति

अल्पसंख्यक छात्रों को मेरिट के आधार पर मिलेगी छात्रवृत्ति

लखनऊ : राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए मेरिट आधारित व्यवस्था लागू की है। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आधार प्रमाणीकरण और डीबीटी के माध्यम से अब ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा। शिक्षण संस्थाओं के लिए शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडायस) और उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) कोड की अनिवार्य की गई है। अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मोनिका एस गर्ग ने बुधवार को संशोधित नियमावली जारी की।


अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में पूर्व दशम कक्षाओं के छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए मौजूदा जरूरतों को देखते हुए संशोधन किया गया है। नई व्यवस्था में पाठ्यक्रम के आधार पर बजट का अनुपातिक रूप से निर्धारण किया गया है। पूर्व व्यवस्था से नए आवेदकों को प्राथमिकता व वरीयता देने से उच्च मेधा वाले नए आवेदकों का लाभ नहीं मिल पाता था। अल्पसंख्यक छात्रों की उच्च मेधा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मेरिट व्यवस्था लागू की गई है। छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदक का आधार प्रमाणीकरण कराते हुए ऑनलाइन सीधे खाते में भेजने की व्यवस्था की गई है।


उन्होंने कहा है कि इससे फर्जी, अस्तित्वहीन और गैर संचालित शिक्षण संस्था अब योजना का अनुचित लाभ नहीं ले पाएंगे। पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा उत्तरदायित्व निर्धारित करने के उद्देश्य से शिक्षण संस्थाओं के संस्थान के प्रमुख और नोडल अधिकारी को डिजिटल सिग्नेचर से अभ्यर्थियों का सत्यापन करना होगा।

राजकीय विद्यालयों में बढ़ेंगे शिक्षकों के 1298 पद

राजकीय विद्यालयों में बढ़ेंगे शिक्षकों के 1298 पद

प्रयागराज : प्रदेश के नवनिर्मित राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के 1298 पद बढ़ेंगे। वर्तमान सत्र 2023-24 में खुले 71 राजकीय इंटर कॉलेज और 13 हाईस्कूलों में प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों के कुल 1298 पदों के सृजन का प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद रिक्त पदों का अधियाचन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा जाएगा, ताकि इन पदों पर नियमित शिक्षकों की नियुक्ति हो सके।


फिलहाल यहां दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को संबद्ध कर पढ़ाई कराई जा रही है। इस सत्र से विभिन्न जिलों में 53 राजकीय इंटर कॉलेज, एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज और 17 प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम के तहत कुल 71 इंटर कॉलेज खुले हैं। इनमें से प्रत्येक विद्यालय में प्रवक्ता के 10-10 कुल 710 और सहायक अध्यापक के सात-सात कुल 497 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।


इसके अलावा 13 राजकीय हाईस्कूलों में से प्रत्येक में सात-सात के हिसाब से कुल 91 सहायक अध्यापकों की आवश्यकता है। इस प्रकार प्रवक्ता और सहायक अध्यापक के 1298 पद सृजित होने हैं। इसके अलावा इंटर कॉलेज में 71 प्रधानाचार्य और हाईस्कूल में 13 प्रधानाध्यापक की भी नियुक्ति होगी।

536 बाबू और चपरासी की भी भर्ती होगी इन स्कूलों में बाबू और चपरासी के 536 पदों पर भी भर्ती होगी। चतुर्थ श्रेणी या स्वीपर के 381, जबकि 71 वरिष्ठ सहायक और 84 कनिष्ठ सहायकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है। चतुर्थ श्रेणी की भर्ती आउटसोर्स से, जबकि लिपिक के पदों पर अधीनस्थ सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्ति होती है।

2020 के बाद से नहीं हुई शिक्षकों की भर्ती

राजकीय विद्यालयों में आखिरी बार 2020 में प्रवक्ता की भर्ती हुई थी। उस समय बालक वर्ग में 991 व बालिका वर्ग में 482 पदों पर नियुक्ति हुई थी। वहीं सहायक अध्यापकों (एलटी ग्रेड) की भर्ती 2018 के बाद से नहीं हुई। उस समय आयोग ने बालक वर्ग में 5364 व बालिका वर्ग में 5404 कुल 10768 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे।

Wednesday, September 27, 2023

पदों के घालमेल से घट रहे राजकीय पुरुष शिक्षकों के पद

पदों के घालमेल से घट रहे राजकीय पुरुष शिक्षकों के पद

प्रयागराज : सभी विभागों के रिक्त पदों को भरने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के पुरुष संवर्ग के शिक्षक पदों पर घालमेल से असमंजस है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भर्ती व्यवस्था से लेकर पदोन्नति एवं निदेशालय में पटल निर्धारण पुरुष और महिला संवर्ग के लिए अलग-अलग है। इसके विपरीत पुरुष संवर्ग के विद्यालयों में महिलाओं की तैनाती किए जाने से स्वीकृत पद तो भरे दिखते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि वह पद पुरुष संवर्ग के हैं। ऐसे में पुरुष संवर्ग के विद्यालयों में पुरुष शिक्षकों की तैनाती की जाए, जिससे पद रिक्त दिखें और उन पर पुरुषों को नियुक्ति मिल सके। इसी तरह कुछ और समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर राजकीय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।


भेजे पत्र में राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय एवं महामंत्री सत्यशंकर मिश्र ने संयुक्त रूप से बताया है कि प्रदेश के लगभग सभी जनपद मुख्यालयों के पुरुष संवर्ग के राजकीय विद्यालयों में काफी संख्या में महिला संवर्ग की शिक्षकाएं कार्यरत हैं, जबकि बालिका विद्यालयों में पद रिक्त पड़े हैं। पुरुष विद्यालयों में महिलाओं की तैनाती से पुरुषों के सृजित पद घट रहे हैं। इसे स्पष्ट कर लिखा है कि जब विभाग रिक्ति की सूचना सौंपता है तो पुरुष संवर्ग के विद्यालयों में महिलाओं के होने के कारण पद भरे दिखाए जाते हैं, जबकि वह पद पुरुषों के हैं और उसे रिक्त दिखाया जाना चाहिए। आरोप लगाया है कि यह स्थिति अधिकारियों के अदूरदर्शी निर्णय से उत्पन्न हुई है। इसके अलावा 10 विषयों में एलटी से प्रवक्ता की पदोन्नति करीब 14 वर्ष से नहीं हुई है। इसके विपरीत 21 मई को हुई डीपीसी में पदोन्नत शिक्षकों की पदस्थापना टुकड़ों - टुकड़ों में की जा रही है। उसमें भी शिक्षक जो विकल्प भर कर देते हैं, उसके विपरीत दूर जिले में मनमाने तरीके से विद्यालय आवंटन कर दिया जाता है। वरिष्ठता का निर्धारण भी समय से नहीं किया जा रहा। वर्ष 2000 से अद्यतन एलटी ग्रेड (स्नातक वेतनक्रम) के शिक्षकों की अंतिम ज्येष्ठता सूची जारी नहीं की गई है।

3.75 लाख युवाओं को मुफ्त मिलेंगे स्मार्टफोन, योजना के तहत 25 लाख युवाओं को मिलेंगे स्मार्टफोन

3.75 लाख युवाओं को मुफ्त मिलेंगे स्मार्टफोन

लखनऊ : स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत योगी सरकार अगले महीने से 25 लाख युवाओं को निशुल्क स्मार्टफोन बांटने जा रही है।


इसके लिए सरकार ने चार कंपनियों को आपूर्ति किए जाने वाले स्मार्टफोन की संख्या तय कर दी गई है और इसके लिए 371.90 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम भी जारी कर दी है।


इस संबंध में औद्योगिक विकास विभाग ने आदेश जारी किया है। पहले चरण में 25 लाख स्मार्टफोन का 15 प्रतिशत वितरण होना है। इस हिसाब से 375000 स्मार्टफोन का वितरण होगा। सरकार ने कंपनी से 9972 रुपये प्रति दर से स्मार्टफोन खरीदे हैं। यह स्मार्टफोन सैमसंग व लावा कंपनियों के हैं। इसके लिए विजन डिस्ट्रब्यूशन 784314, सेलकॉन इम्पेक्स 686275, एनएफ इंफ्राटेक 588235 व इंस्टेंट प्रिक्योरमेंट 441176 कंपनियों को स्मार्टफोन बांटने हैं। आदेश में कहा गया है कि आपूर्ति, टेस्टिंग, वारंटी व अन्य शर्तों का पालन आपूर्तिकर्ता फर्मों को करना है।

यूपी बोर्ड से मान्यता के लिए NOC भी मिलेगी ऑनलाइन

यूपी बोर्ड से मान्यता के लिए NOC भी मिलेगी ऑनलाइन




प्रयागराज। यूपी बोर्ड से स्कूलों की मान्यता से जुड़े सभी काम अब ऑनलाइन होंगे। इसके लिए एनआईसी लखनऊ की टीम अलग पोर्टल तैयार कर रही है।


पोर्टल की खास बात है कि इसके जरिये सभी विभागों से एनओसी भी ऑनलाइन ली जा सकेगी। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर विभिन्न विभागों के सक्षम अधिकारियों की ई-मेल आईडी मंगवा ली है। इन मेल आईडी पर ही सत्यापन के लिए कागजात भेज और मंगाए जाएंगे।


लखनऊ NIC की टीम तैयार कर रही अलग पोर्टल

बोर्ड की तरफ से मान्यता की संपूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाइन किए जाने के लिए मेल आईडी को पोर्टल से इंटीग्रेट कराया जाएगा। मान्यता के लिए भवनों का निर्माण नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) 2005 में निर्धारित मानकों के अनुसार होने और अग्निशमन यंत्र की समुचित व्यवस्था होने संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र आवश्यक होता है।


 इसके लिए आवेदित संस्थाओं को चक्कर न लगाना पड़े, इसलिये ऑनलाइन व्यवस्था की जा रही है। बोर्ड सचिव ने सभी डीआईओएस से अग्निशमन और एनबीसी के लिए सक्षम अधिकारी का पदनाम, ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और विभाग की वेबसाइट का यूआरएल भेजने को कहा है। 


बोर्ड सचिव ने बताया कि इसके लिए तेजी से तैयारी चल रही है। पोर्टल पर ऑनलाइन व्यवस्था के संचालन के बाद लोगों को बोर्ड या फिर क्षेत्रीय कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। पोर्टल पर मान्यता को लेकर समय भी निर्धारित किया जाएगा।

बेसिक शिक्षा विभाग के पैनल अधिवक्ता सूची की वैधता को चुनौती

बेसिक शिक्षा विभाग के पैनल अधिवक्ता सूची की वैधता को चुनौती





प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के पैनल अधिवक्ता सूची की वैधता चुनौती याचिका पर राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है।


याचिका की अगली सुनवाई 16 अक्तूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने पंकज कुमार सिंह और चार अन्य की याचिका पर दिया है।


याची के वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेन्द्र ने अधिवक्ता पैनल गठन की पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बिना सरकारी अनुमति लिए अधिवक्ता पैनल सूची जारी कर दी गई। सरकार के कोर्ट को दिए गए आश्वासन व उप्र बेसिक शिक्षा अधिनियम के उपबंधों का उल्लंघन किया गया है। 

पुरानी पेंशन के लिए प्रदेश भर के सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों ने किया कार्य बहिष्कार

पुरानी पेंशन के लिए प्रदेश भर के सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों ने किया कार्य बहिष्कार



लखनऊ : उप्र. माध्यमिक शिक्षक संघ (संयुक्त मोर्चा) के नेतृत्व में सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों ने मंगलवार को सेवा सुरक्षा और पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदेश भर के स्कूलों में चाकडाउन रहा। लखनऊ के 75 से अधिक स्कूलों के शिक्षकों ने शिक्षण कार्य का बहिष्कार किया। कार्यालय में शिक्षक एकता जिंदाबाद और सेवा सुरक्षा व पुरानी पेंशन बहाली के नारे लगाए। शिक्षकों ने कहा कि सरकार एडेड विद्यालयों का राजकीयकरण और पुरानी पेंशन को बहाली करे। चयन बोर्ड और चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 21, 18 तथा 12 में मिली हुई शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और सेवा शर्तों को पहले की तरह लागू करे।


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (संयुक्त मोर्चा) अध्यक्ष मण्डल सोहन लाल वर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा से जुड़े 14 संगठनों की एकजुटता और सहयोग से गठित संयुक्त मोर्चा के बैनर तले माध्यमिक विद्यालयों में मंगवार को चाक डाउन पूरी तरह सफल रहा। लखनऊ के महाराजा अग्रसेन, एमकेएसडी, रामपाल त्रिवेदी, जनता इंटर कॉलेज, सत्य नारायण तिवारी विद्या मंदिर, बीकेटी इंटर कॉलेज समेत नगर व शहर के 75 से अधिक स्कूलों के शिक्षक और प्रधानाचार्यों ने पढ़ाई का बहिष्कार किया।


प्राथमिक माध्यमिक, उच्च शिक्षा, संस्कृत विद्यालय, मदरसा आदि के शिक्षकों को भी एक मंच पर जोड़ा जाएगा।

Tuesday, September 26, 2023

बेसिक शिक्षकों ने जिले के अंदर परस्पर तबादले के लिए घेरा निदेशालय, कई घंटे के प्रदर्शन के बाद बेसिक शिक्षा निदेशक से हुई वार्ता

बेसिक शिक्षकों ने जिले के अंदर परस्पर तबादले के लिए घेरा निदेशालय,  कई घंटे के प्रदर्शन के बाद बेसिक शिक्षा निदेशक से हुई वार्ता



लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में जिले के अंदर परस्पर तबादले के लिए सोमवार को फिर प्रदेश भर के शिक्षक बेसिक शिक्षा निदेशालय पहुंचे। धरने पर बैठे शिक्षकों ने कहा कि सभी आवश्यक औपचारिकता पूरी करने के बाद भी उनका तबादला नहीं किया जा रहा है। इससे शिक्षक काफी परेशान हैं। दोपहर बाद शिक्षकों की बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव से सकारात्मक वार्ता हुई है।


धरने पर बैठे शिक्षकों ने कहा कि जिले के अंदर परस्पर तबादले का शासनादेश जनवरी 2023 में जारी हुआ। इसके अनुसार इस प्रक्रिया को गर्मी की छुट्टियों में पूरा कर लेना था लेकिन विभाग नहीं कर सका । 


विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से यह प्रक्रिया पिछड़ती गई। सात माह बाद इसकी सारी औपचारिकता पूरी की गई तो अब कहा जा रहा है कि जाड़े की छुट्टियों में इसे पूरा किया जाएगा। तबादला न होने से कोई शिक्षक 100 किलोमीटर तो कोई इससे अधिक की दूरी प्रतिदिन तय कर रहा है।

DGSE ने की यूपी बोर्ड तैयारियों की समीक्षा, शिक्षा निदेशालय भी पहुंचे

DGSE ने की यूपी बोर्ड तैयारियों की समीक्षा,  शिक्षा निदेशालय भी पहुंचे


प्रयागराजः महानिदेशक (डीजी) स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद सोमवार शाम को यूपी बोर्ड मुख्यालय और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पहुंचे। मुख्यालय में बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। सचिव दिव्यकांत शुक्ल से अब तक की गई तैयारियों की जानकारी लेने के बाद बोर्ड परीक्षा में तकनीकी उपयोग बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया।


उन्होंने कहा कि एप बनाकर विद्यालयों का आधारभूत विवरण अपलोड कराएं। इसमें विशेष रूप से कक्ष की जानकारी हो। तकनीक के उपयोग से परीक्षा की आनलाइन निगरानी बढ़ाई जानी है। बोर्ड परीक्षा की देनदारियां व पारिश्रमिक आदि के लंबित मामले निस्तारित कराने के लिए बोर्ड सचिव तथा वित्त नियंत्रक को निर्देश दिए।

मुजफ्फरनगर में छात्र को थप्पड़ मारने और विवादित टिप्पणी का मामला गहराया, सुप्रीम कोर्ट ने दर्ज FIR पर खड़े किए सवाल

मुजफ्फरनगर में छात्र को थप्पड़ मारने और विवादित टिप्पणी का मामला गहराया, सुप्रीम कोर्ट ने दर्ज FIR पर खड़े किए सवाल


उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से अगस्त महीने में वायरल एक वीडियो में नेहा पब्लिक स्कूल की टीचर एक छात्र को अन्य छात्रों से थप्पड़ लगवा रही थी। साथ ही विवादित टिप्पणी भी की थी। इस मामले पर नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि इस मामले पर क्या एक्शन लिया गया। अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर दर्ज FIR पर भी आपत्ति जताई है।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिता ने बयान में आरोप लगाया था कि धर्म के कारण उनके बेटे को पीटा गया है, लेकिन FIR में इस बात का कहीं जिक्र नहीं है। मामले में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपोत्र तुषार गांधी की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि स्टूडेंट को पीटने की घटना की जांच की निगरानी राज्य सरकार की ओर से नामित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी करेंगे और रिपोर्ट कोर्ट में जमा करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश सुनाया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा ये मामला मूल अधिकारों का भी हनन है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन मुहैया कराए। राज्य सरकार RTE एक्ट के तहत पीड़ित बच्चे की उचित शिक्षा की व्यवस्था करेगी। राज्य सरकार सुनिश्चित करे कि पीड़ित लड़का उस स्कूल में नहीं पढ़ेगा। राज्य सरकार तीन हफ्ते में कोर्ट के आदेश का अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करेगी।

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कोर्ट ने आगे कहा कि केवल पीड़ित बच्चे का ही नहीं, उन बच्चों की भी काउंसलिंग होनी चाहिए जिन्होंने बच्चे को पीटा था। पीड़ित बच्चे की जिम्मेदारी राज्य सरकार को लेनी चाहिए। हम इसे हल्के में नहीं ले सकते, क्योंकि ये काफी गंभीर मामला है।

30 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टीचर के कहने पर बच्चों ने उस लड़के को मारा, तो यह किस तरह का एजुकेशन सिस्टम है ? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच आईपीएस रैंक के अधिकारी से कराई जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या पीड़ित छात्र की काउंसलिंग कराई गई? अवैध तरीके से स्कूल चलाने पर भी खड़ा किया सवाल। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि गवाहों को क्या सुरक्षा दी गई? एजुकेशन सिस्टम पर भी सवाल उठाए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही यूपी सरकार को नोटिस जारी कर चुका है।

59,860 अंकपत्र संशोधित कर यूपी बोर्ड ने धोए 38 वर्ष पुराने दाग

59,860 अंकपत्र संशोधित कर यूपी बोर्ड ने धोए 38 वर्ष पुराने दाग

प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने वर्ष 2023 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा बिना पुनर्परीक्षा के संपन्न कराकर 30 वर्ष का रिकार्ड तोड़ने के बाद अब अंकपत्र / प्रमाणपत्र संशोधन के मामले में नया कीर्तिमान बनाया है। अंकपत्र / प्रमाणपत्र संशोधन के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों में लगने वाली भीड़ खत्म करने के लिए यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने नई पहल कर जिलों में कैंप लगवाए। इसमें बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के अफसरों ने लंबित 59,860 मामलों के निस्तारण के लिए पत्रजात जुटाए और अंकपत्र संशोधित कराकर बैकलाग खत्म कर दिया। इसमें 38 वर्ष से लंबित प्रकरण भी निस्तारित कर सभी संशोधित अंकपत्र / प्रमाणपत्र माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट upmsp.edu.in पर आनलाइन कर दिया गया।


समयबद्धता और पारदर्शिता के साथ कार्य संपन्न करने की सरकार की मंशा पर बोर्ड ने अभियान चलाकर मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय में लंबित सर्वाधिक 24,512, बरेली में 5,188, प्रयागराज में 8,356, वाराणसी में 18,591 एवं गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालय में 3,213 अंकपत्र/ प्रमाणपत्र संशोधित कराए। पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों को मिलाकर कुल 59,860 मामले निस्तारित हुए । सर्वाधिक मामले वर्ष 2010 से 2017 तक के हैं। इनके निस्तारण के लिए नोटिस देने के बावजूद साक्ष्य नहीं उपलब्ध कराए जाने पर बोर्ड साक्ष्य जुटाने खुद जिलों में गया। सबसे पुराना प्रकरण मेरठ में हाईस्कूल परीक्षा वर्ष 1984 के परीक्षार्थी संजय कुमार का था, जिसमें पिता के नाम की स्पेलिंग में त्रुटि थी ।

अंकपत्र / प्रमाणपत्र संशोधन के पुराने प्रकरण निस्तारित करने के बाद अब नए मामले आनलाइन निस्तारित किए जाएंगे। इसके लिए पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसमें प्रकरण को ट्रैक करने की भी व्यवस्था रहेगी। नई व्यवस्था में आवेदन, उससे संबंधित साक्ष्य / अभिलेख, सत्यापन व निस्तारण आनलाइन होंगे। निर्धारित समय में संशोधन न होने पर संबंधित कर्मचारियों/ अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।

- दिव्यकांत शुक्ल, सचिव यूपी बोर्ड |

यूपी बोर्ड : कक्षा नौ से 12वीं के दाखिले दस अक्तूबर तक

यूपी बोर्ड : कक्षा नौ से 12वीं के दाखिले दस अक्तूबर तक

 
प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ से 12 तक में प्रवेश की अंतिम तिथि अब दस अक्तूबर तक बढ़ा दी है। 100 रुपये विलंब शुल्क के साथ हाईस्कूल और इंटर के छात्र-छात्राओं का पंजीकरण दस अक्तूबर तक होगा। 


प्रधानाचार्य अपनी लॉगिन आईडी से चालान से जमा परीक्षा शुल्क की सूचना अपलोड कर सकते हैं।

Monday, September 25, 2023

ग्राम प्रधानों के संगठन ने SMC को ग्राम शिक्षा समिति के प्रति जवाबदेह बनाने की मांग उठाई

ग्राम प्रधानों  के संगठन ने SMC को ग्राम शिक्षा समिति के प्रति जवाबदेह बनाने की मांग उठाई

ग्रामीण परिषदीय स्कूलों के संचालन का मामला फिर गरमाया, प्रधानों ने की मांग स्कूल प्रबंधन समिति को ग्राम शिक्षा समिति के प्रति जवाबदेह बनाया जाए


■ प्रधान संगठन ने पंचायती राज निदेशक को सौंपा पत्र


लखनऊ । प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में विद्यालय संचालन के अधिकार का मुद्दा गरमा गया है। ग्राम प्रधानों के संगठन राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने गांव की स्कूल प्रबंधन समिति को ग्राम शिक्षा समिति के प्रति जवाबदेह बनाने की मांग उठाई है।


संगठन के अध्यक्ष ललित शर्मा की ओर से इस बारे में पंचायतीराज निदेशक को पत्र दिया गया है। इस पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1947 में वर्णित ग्राम पंचायत की छह समितियों में से शिक्षा समिति को निष्प्रभावी कर स्कूल प्रबंधन समिति को विद्यालय संचालन के अधिकार सौंपे गए हैं।


ऐसी स्थिति में स्कूल प्रबंधन समिति को ग्राम शिक्षा समिति के प्रति जवाबदेह बनाने की जरूरत है। पत्र में निदेशक पंचायतीराज से आग्रह किया गया है। कि इस मामले को शिक्षा विभाग के साथ समन्वय बनाकर निस्तारित करवाया जाए। 


प्रधान संगठन का कहना है कि विभागों द्वारा पंचायतों की सीमा में कार्य करवाने के लिए कोई पूर्व सूचना ग्राम पंचायतों को नहीं दी जाती है। सांसद-विधायक निधि, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत द्वारा हाईमास्ट लाइट लगवाई जा रही हैं, मगर ग्राम पंचायतों से इसकी अनापत्ति नहीं प्राप्त की जा रही है।

CTET Result 2023 Out : केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट जारी, ऐसे करें चेक

CTET Result 2023 Out : केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट जारी, ऐसे करें चेक


CTET August Exam Result 2023:  केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने  केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। 



CBSE CTET 2023 Result Out: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने  केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) का परिणाम घोषित कर दिया है। परीक्षा में शामिल उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं। इसके लिए उम्मीदवारों को अपने रोल नंबर का उपयोग करना होगा।




कट-ऑफ अंक

सीबीएसई ने कहा कि सीटीईटी परीक्षा का कट-ऑफ सामान्य के लिए 60 प्रतिशत यानी 90 अंक है, जबकि एससी, एसटी, ओबीसी, पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए 55 प्रतिशत यानी 82.5 अंक है। बता दें कि परीक्षा 20 अगस्त को आयोजित की गई थी। अंतरिम उत्तर कुंजी इस महीने की शुरुआत में जारी की गई थी। 


इस बार, 29 लाख से अधिक उम्मीदवार पंजीकृत थे। जिनमें पेपर 1 के लिए 15,01,719 (कक्षा 1 से 5 के लिए) और पेपर 2 के लिए 14,02,184 (कक्षा 6 से 8 के लिए) अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था। परीक्षा में उपस्थिति करीब 80 फीसदी रही। जो उम्मीदवार पेपर 1 पास करते हैं वे कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए योग्य होते हैं और जो उम्मीदवार पेपर 2 पास करते हैं वे कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए योग्य होते हैं।




CBSE CTET Result ऐसे करें चेक
  • सबसे पहले सीटीईटी की आधिकारिक वेबसाइट - ctet.nic.in पर जाएं।

  • होमपेज पर CTET 2023 डाउनलोड लिंक पर क्लिक करें।

  • फिर लॉगिन क्रेडेंशियल दर्ज करें।

  • CTET Result 2023 स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा।

  • CTET रिजल्ट डाउनलोड करें और उसका प्रिंटआउट ले लें।


माध्यमिक स्कूलों का माहौल नशामुक्त बनाएगा प्रहरी क्लब

माध्यमिक स्कूलों का माहौल नशामुक्त बनाएगा प्रहरी क्लब


किशोरावस्था में दिग्भ्रमित होकर नशे की लत में पड़ने वाले बच्चों को बचाने के लिए पहल हुई है। इसके लिए माध्यमिक स्कूल और सजग होंगे। स्कूलों में प्रहरी क्लब का गठन होगा। नशामुक्त शिक्षक को क्लब का प्रभारी मनाया जाएगा। विद्यालय परिवेश से लेकर आसपास सौ मीटर परिधि को यह क्लब नशामुक्त बनाएगा।


11-12 वर्ष की आयु में बच्चे कक्षा छह में प्रवेश लेते हैं। इसके बाद स्कूल समय में अभिभावक से पूरी तरह दूर रहते हैं। इसी आयु में कई बार बच्चे शौक में पान मसाला, सिगरेट समेत नशीले पदार्थों का चोरी-छिपे सेवन शुरू कर देते हैं। धीरे-धीरे यह शौक लत में बदल जाता है। इसके बाद नशे की लत छुड़वा पाना काफी कठिन हो जाता है।


कम उम्र में नशीले पदार्थों का सेवन शुरू करने से उनके मस्तिष्क समेत शरीर के अन्य भाग पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। शिक्षा विभाग इसको लेकर सजग हो गया है। स्कूलों में प्रहरी क्लब बच्चों को नशे से दूर रखने का काम करेगी।


अभिभावक भी होंगे क्लब के सदस्य

 माध्यमिक स्कूल में प्रहरी क्लब में शिक्षक के अलावा छात्र व अभिभावक भी शामिल होंगे।

दशमोत्तर छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति के आवेदन शुरू

दशमोत्तर छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति के आवेदन शुरू

लखनऊ : कक्षा 11 से ऊपर स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी (दशमोत्तर कक्षा) तक के छात्र-छात्राएं शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए छात्रवृत्ति, फीस प्रतिपूति के लिए 31 दिसम्बर तक आवेदन कर सकते हैं। जांच आदि के बाद पात्र छात्र-छात्राओं को होली से पहले 15 मार्च 2024 से छात्रवृत्ति का भुगतान उनके बैंक खातों में किया जाएगा।


छात्रवृति: विद्यार्थियों का नवीनीकरण नहीं कराने पर संस्थानों की होगी जांच

छात्रवृत्ति योजना की समयसारिणी जारी, अक्तूबर के बजाय मार्च में भुगतान


लखनऊ। छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना मैं विद्यार्थियों का नवीनीकरण न कराने पर संबंधित संस्थानों के रिकॉर्ड की जांच होगी। इस बार दो अक्तूबर को भुगतान की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। अब सीधे मार्च में ही छात्रों के खातों में राशि जाएगी। छात्रों से ऑनलाइन आवेदन लेने के लिए वेबसाइट खोल दी गई है।


इस योजना में हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र लाभ लेते हैं। कक्षा 10 से ऊपर के विद्यार्थियों के लिए जारी समयसारिणी के अनुसार सामान्य वर्ग, ओबीसी व अल्पसंख्यक छात्र 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। उन्हें 15 मार्च तक भुगतान किया जाएगा। अनुसूचित जाति / जनजाति के छात्र चालू वित्त वर्ष में कभी भी आवेदन कर सकेंगे, लेकिन 15 मार्च तक | भुगतान उन्हीं एससी-एसटी छात्रों को होगा, जो 31 दिसंबर तक आवेदन करेंगे। एक जनवरी से 31 मार्च के बीच आवेदन करने वाले एससी-एसटी छात्रों के खातों में 21 जून तक राशि भेजी जाएगी।


इस योजना के किसी भी पाठ्यक्रम में जो छात्र नवीनीकरण नहीं कराएंगे, संबंधित संस्थानों को उसकी जानकारी वेबसाइट पर देनी होगी। ऐसे मामलों में डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति उस संस्थानों व नवीनीकरण न कराने वाले छात्रों का 8 जनवरी से 10 फरवरी तक भौतिक सत्यापन करेंगी। रिपोर्ट समाज कल्याण निदेशालय को भेजी जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर संस्थान के खिलाफ कार्रवाई के साथ रिकवरी भी होगी। कक्षा 9-10 के छात्र 10 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्हें फरवरी में भुगतान किया जाएगा। 




साल बीतने के बाद छात्रों को मिलेगा वजीफा

प्रयागराज : दश्मोत्तर कक्षाओं में वजीफे के लिए विद्यार्थियों को इस बार पूरे साल इंतजार करना होगा। वजीफा 15 मार्च 2024 को छात्रों के खाते में जाएगा, जबकि इसकी प्रक्रिया अब पूरे साल चलेगी। छात्रवृत्ति के नियमों में संशोधन के कारण इस बार वजीफा मिलने में विलंब होगा।



पिछले दिनों शासन ने दश्मोत्तर कक्षाओं की छात्रवृत्ति के लिए कैलेंडर जारी किया है। चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में वजीफे की राशि छात्रों के खाते में 15 मार्च 2024 को जाएगी। इसके पहले 19 दिसंबर तक शिक्षण संस्थानों को मास्टर डेटा तैयार करना है। 22 दिसंबर तक छात्रों के विश्वविद्यालय या संस्थान की ओर से फीस जमा करने का सत्यापन कर समाज कल्याण अधिकारी तक भेजा जाएगा। 


31 दिसंबर तक छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करना है। तीन जनवरी 2024 तक त्रुटियों को सुधार कर उसे छात्र की लॉगिन में भेजना है। 25 सितंबर 2023 से 11 जनवरी 2024 तक हार्ड कॉपी का ऑनलाइन आवेदन से मिलान किया जाएगा और संस्थान इसे सत्यापित करेगा। आठ जनवरी से 10 फरवरी तक नवीनीकरण न करने वाले छात्रों को चिह्नित किया जाएगा। 12 जनवरी से 15 फरवरी के बीच वास्तवित छात्रों का सत्यापन और अपात्रों की सूची जारी होगी। 12 जनवरी से 30 जनवरी तक एनआईसी से स्क्रूटनी होगी। 31 जनवरी से चार मार्च तक जनपदीय डेटा लॉक किया जाएगा। जबकि 15 मार्च को 2024 को छात्रवृत्ति खाते में भेजी जाएगी।


सॉफ्टवेयर अपडेट करने के कारण हुआ विलंब

जिला समाज कल्याण अधिकारी प्रज्ञा पांडेय का कहना है कि पहले अप्रैल से शासनादेश आता था और इसी के साथ प्रक्रिया शुरू हो रही थी। इस बार पूरा सॉफ्टवेयर अपडेट हुआ है और शासनादेश अभी आया है। इसके आधार पर मार्च में ही छात्रवृत्ति दी जाएगी। आखिरी महीने में पूरी राशि एक साथ दी जाएगी। जबकि अनुसूचित जाति के मामले में साल में दो बार मई, जून और दूसरी बार मार्च में राशि दी जाएगी।

अब डीआईओएस का रिपोर्ट कार्ड गुरुजी बनाएंगे, समस्याओं के समाधान और अवकाशों की स्वीकृति पर देंगे फीडबैक

अब डीआईओएस का रिपोर्ट कार्ड गुरुजी बनाएंगे, समस्याओं के समाधान और अवकाशों की स्वीकृति पर देंगे फीडबैक 


प्रयागराज : अब जिला विद्यालय निरीक्षकों का रिपोर्ट कार्ड गुरुजी बनाएंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान एवं अवकाशों की स्वीकृति आदि से संबंधित फीडबैक सीधे लेने का निर्णय लिया गया है।


प्रत्येक जिले में एक विस्तृत सर्वे करते हुए जिन जिला विद्यालय निरीक्षकों के कार्यालयों से योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में समस्या आ रही है, उनको सूचीबद्ध किया जाएगा। फीडबैक के आधार पर डीआईओएस के खिलाफ मिली प्रतिकूल टिप्पणी पर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों से विस्तृत जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने फीडबैक प्राप्त करने के लिए यूपीडेस्को के प्रबंध निदेशक को 20 सितंबर को पत्र लिखा है। अनुरोध किया है कि सभी जिलों में रैंडम आधार पर कुल 50 प्रतिशत शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से सीधी कॉल अथवा आईवीआरएस प्रणाली के माध्यम से फीडबैक लेने और उसकी समीक्षा रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। खास बात यह कि शिक्षक और कर्मचारी की जानकारी पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी।


ऐसे प्रश्न पूछे जाएंगे

1- क्या आपके द्वारा मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अवकाश के लिए आवेदन किया जाता है अथवा नहीं?

2- अवकाश आवेदन के पश्चात किसी भी स्तर पर अपारदर्शिता अथवा अनावश्यक शोषण तो नहीं किया जा रहा है?

3- क्या आपने मानव सम्पदा पोर्टल पर लॉगिन करते हुए अपनी ऑनलाइन सेवा पुस्तिका की जांच कर ली है?



माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित विद्यालयों के शिक्षकों / शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को कॉल्स प्रेषित कर सूचना प्राप्त किये जाने के सम्बन्ध में।




विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से माध्यमिक शिक्षकों व कर्मचारियों से लेंगे DIOS कार्यालय के कामकाज का फीडबैक


 लखनऊ : माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों को उत्पीड़न से बचाने के लिए अब उनसे समय-समय पर फीडबैक लिया जाएगा। इनसे पूछा जाएगा कि अवकाश देने सहित अन्य लाभ पाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) कार्यालय का कोई अधिकारी या बाबू उनसे घूस तो नहीं मांग रहा है। शिकायत करने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों का नाम गोपनीय रखा जाएगा। इसकी जांच मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक करेंगे। यदि आरोप सही पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।


महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि परिषदीय स्कूलों की तर्ज पर अब माध्यमिक स्कूलों में भी शिक्षकों व कर्मचारियों को भी परेशानियों से बचाने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से फीडबैक लिया जाएगा। जिलों में कम से कम 50 प्रतिशत शिक्षकों व कर्मचारियों को सीधे काल कर या फिर इंटरएक्टिव वायस रिस्पांस सिस्टम (आइवीआरएस) के माध्यम से फीडबैक लिया जाएगा। उदाहरण के तौर पर अगर किसी शिक्षक या कर्मचारी ने मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश के लिए आनलाइन आवेदन किया है तो क्या उससे छुट्टी स्वीकृत करने की एवज में धन की मांग की जा रही है, यदि उनका उत्तर हां में होगा तो तत्काल संबंधित डीआइओएस के खिलाफ जांच मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक जांच करेगा। वह निर्धारित समय- सीमा में अपनी रिपोर्ट देंगे।

माध्यमिक शिक्षक संघ : सेवा सुरक्षा, पेंशन के मुद्दे पर कल चाक डाउन

माध्यमिक शिक्षक संघ : सेवा सुरक्षा, पेंशन के मुद्दे पर कल चाक डाउन

प्रयागराज : सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों-प्रधानाचार्यों की सेवा सुरक्षा बरकरार रखने, सभी विद्यालयों का राजकीयकरण, पुरानी पेंशन की बहाली आदि मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (संयुक्त मोर्चा) के बैनर तले मंगलवार को प्रदेश के सभी एडेड कॉलेजों में चाकडाउन रहेगा। कुलभास्कर इंटर कॉलेज में रविवार को संयुक्त मोर्चा की बैठक में पदाधिकारियों ने पूरी ताकत के साथ चाक डाउन करने तथा एक अक्तूबर को रामलीला मैदान नई दिल्ली में आयोजित पेंशन शंखनाद महारैली में भागीदारी का निर्णय लिया।


अध्यक्षता करते हुए मोर्चा के संयोजक लालमणि द्विवेदी ने कहा कि शिक्षा का निजीकरण रोकने, शिक्षण संस्थाओं में संविदा और आउटसोर्सिंग की बजाय नियमित नियुक्तियां करने, वित्तविहीन शिक्षकों को समानता के आधार पर वेतन देने तथा भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर आगे बढ़ेंगे। 


उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश शर्मा, एक अन्य गुट के प्रदेश अध्यक्ष सुशील सिंह तथा प्रगतिशील शिक्षक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद शर्मा ने संयुक्त मोर्चा को समर्थन दिया है। माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश के शिक्षकों को एकजुट करके सेवा सुरक्षा के साथ ही पुरानी पेंशन को भी वापस लेंगे। संचालन सुरेंद्र प्रताप सिंह ने किया। बैठक में शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार, आदर्श माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रदेश संगठन मंत्री अशोक कनौजिया, एकजुट के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र वर्मा आदि मौजूद रहे।

माध्यमिक : हर बार सिर्फ आदेश, चार साल से समायोजन नहीं

माध्यमिक : हर बार सिर्फ आदेश, चार साल से समायोजन नहीं

प्रयागराज : प्रदेश के 2363 राजकीय विद्यालयों के सरप्लस शिक्षकों के लिए आदेश तो हर साल जारी हो रहे हैं लेकिन समायोजन चार साल में नहीं हो सका है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसर छात्रसंख्या के आधार पर सरप्लस शिक्षकों का समायोजन करना चाहते हैं जबकि शिक्षक संगठन सृजित पद पर कार्यरत शिक्षकों को हटाने के विरोध में हैं। इसी विवाद के कारण 2018 के बाद से समायोजन नहीं हो सका है। निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने पांच सितंबर को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों और मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों से सरप्लस शिक्षकों की सूचना मांगी है।


निदेशक ने छात्रसंख्या के अनुसार शिक्षकों का निर्धारण करते हुए रिपोर्ट मांगी है। साथ ही जिन विद्यालयों में छात्रसंख्या के अनुपात में शिक्षकों व प्रवक्ता की तत्काल आवश्यकता है उसे भी निर्धारित प्रारूप पर भेजने के निर्देश दिए हैं। राजकीय शिक्षक संघ बीपी सिंह गुट के प्रदेश महामंत्री डॉ. रवि भूषण का कहना है कि यदि शिक्षक अपने स्वीकृत विषय के पद पर कार्यरत हैं और उसमें छात्र नामांकित हैं तो उसे पीरियड की गणना कर सरप्लस घोषित करना विधिक नहीं है। राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक के पदों की स्वीकृति विषयवार होती है।


संगीत, शारीरिक शिक्षा में दो पद पर तीन शिक्षक

कई स्कूल ऐसे हैं जहां स्वीकृत पद से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं लेकिन उनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। उदाहरण के तौर पर राजकीय इंटर कॉलेज प्रयागराज में संगीत व शारीरिक शिक्षा विषय के दो-दो पद स्वीकृत हैं लेकिन यहां इन विषयों के तीन-तीन की तैनाती है। जिला मुख्यालय के इस स्कूल में पुरुष शिक्षकों के पद पर अनियमित तरीके से शिक्षिकाओं को पदस्थापित कर दिया गया है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पद खाली होने के बाद शिक्षकों की तैनाती नहीं है।

416 प्रवक्ताओं की ऑनलाइन तैनाती जल्द

राजकीय इंटर कॉलेजों में सहायक अध्यापक से पदोन्नत 416 प्रवक्ताओं की जल्द ऑनलाइन तैनाती होगी। एनआईसी के पोर्टल पर रिक्त पदों की फीडिंग का काम चल रहा है जो पूरा होने के बाद पदोन्नत प्रवक्ताओं से विकल्प लेते हुए पदस्थापन किया जाएगा। इन सहायक अध्यापकों की नियुक्ति 2010-11 से 2018-19 तक हुई थी। इनमें सर्वाधिक 109 शिक्षक हिंदी के हैं। संस्कृत 85, अर्थशास्त्रत्त् 57, नागरिक शास्त्रत्त् 51, व इतिहास के 46 प्रवक्ताओं को भी तैनाती दी जाएगी।

Sunday, September 24, 2023

माध्यमिक शिक्षा सचिव के फर्जी हस्ताक्षर से जारी कर दिया नियुक्ति पत्र

माध्यमिक शिक्षा सचिव के फर्जी हस्ताक्षर से जारी कर दिया नियुक्ति पत्र


पब्लिक इंटर कॉलेज केराकट जौनपुर में फर्जी क्लर्क की नियुक्ति का मामला उजागर हुआ है. वेतन भुगतान के लिए मामला पहुंचने पर भेद खुला तो आननफानन माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है.


लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव के फर्जी लेटर हेड व हस्ताक्षर से एडेड विद्यालय में क्लर्क के पद पर नियुक्ति का मामला सामने आया है. जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि जिस अभ्यर्थी को नियुक्ति दिया गया है उसने गलत तरीके से सचिव का फर्जी लेटर हेड तैयार करवा कर नियुक्ति पत्र बनवाया है. मामला संज्ञान में आने के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्य कांत शुक्ला ने इस पूरे मामले पर प्रयागराज के सिविल लाइंस थाना प्रभारी को सूचना देकर अराजकतत्वों के विरुद्ध तत्काल मुकदमा दर्ज करवाने की बात कही है


बता दें, माध्यमिक शिक्षा परिषद के फर्जी लेटर हेड पर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज के स्कैन किए गए हस्ताक्षर से राजीव रतन सिंह पुत्र संजय सिंह ग्राम विरमपुर, जौनपुर उत्तर प्रदेश के नाम से पब्लिक इंटर कॉलेज केराकट जौनपुर विद्यालय में क्लर्क के पद पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया गया है. 


सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा प्रदेश के विद्यालयों में क्लर्क अथवा किसी अन्य पद पर नियुक्ति नहीं की जाती है. जो नियुक्ति पत्र माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ के लेटर हेड पर मुद्रित किया गया है. वह पूर्ण रूप से फर्जी व परिषद कार्यालय द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाला लेटर हेड नहीं है. साथ ही निर्गत फर्जी नियुक्ति पत्र में जो प्राप्तांक संख्या यूपीएस 821 मुद्रित है वह भी परिषद कार्यालय का प्राप्तांक नहीं है.


माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव का कहना है कि अभियुक्त द्वारा फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर विद्यालय में क्लर्क के पद पर ज्वाइन कर लिया गया था. वह बीते कुछ महीनों से वहां पर काम कर रहा था. जब उसके वेतन भुगतान के लिए जरूरी कागजात विद्यालय के अन्य शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय भेजे गए. तब वहां पर इस मामले का खुलासा हुआ. 


उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित सहायता प्राप्त विद्यालयों में क्लर्क व चपरासी पदों पर नियुक्ति बीते कुछ सालों से बंद है. ऐसे में इस विद्यालय में कब और किस आधार पर क्लर्क की नियुक्ति की गई. जब सक्षम अधिकारियों ने इस पूरे मामले की जांच की तो पता चला यह मामला पूरी तरह से फर्जी है. इसके बाद इस मामले में आरोपी सहित अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.

बीएड : 59 हजार अभ्यर्थियों ने नहीं कराई काउंसलिंग

बीएड : 59 हजार अभ्यर्थियों ने नहीं कराई काउंसलिंग


झांसी। बुंदेलखंड विवि द्वारा कराई जा रही बीएड की पहले चरण की काउंसलिंग में 59,789 अभ्यर्थियों ने भाग नहीं लिया। 15211 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण करके कॉलेज की च्वाइस भरी थी। इसमें 13018 को कॉलेज आवंटन हो गया है। इन्हें फीस जमा करने के लिए तीन दिन का मौका दिया गया है।


पहले चरण में एक से 75000 रैंक तक के अभ्यर्थियों की बीएड काउंसलिंग 15 सितंबर से शुरू हुई थी। 21 सितंबर तक अभ्यर्थियों को पंजीकरण कराने का मौका दिया गया था। 22 तक कॉलेज की च्वाइस भरनी थी। 15211 अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग में हिस्सा लेकर प्रवेश के लिए पंजीकरण कराया। 


इनके द्वारा भरी गई च्वाइस के आधार पर 13018 को कॉलेज का आवंटन कर दिया गया। कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि ये अभ्यर्थी 26 सितंबर तक ऑनलाइन फीस जमा करके आवंटन पत्र प्राप्त कर सकते हैं।