सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12 तक के उन छात्र-छात्राओं को कॉपी-किताबों से लेकर यूनीफार्म और जूते आदि की निशुल्क सुविधा दी जाएगी जो गरीबी रेखा से नीचे के परिवार से आते हैं। इस पर आने वाले खर्च का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है।
कॉलेजों में दाखिला लेने वालों को मिलेगा लैपटॉप12वीं उत्तीर्ण कर कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं को राज्य की भाजपा सरकार भी निशुल्क लैपटॉप मुहैया कराएगी। सरकार के संकल्प पत्र में इसका उल्लेख पहले ही किया जा चुका था। अब इस योजना को अमली जामा पहनाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। शासन के निर्देश पर लैपटॉप वितरण में आने वाले खर्च संबंधी प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से मांगा गया है। गौरतलब है कि तत्कालीन सपा सरकार ने निशुल्क लैपटॉप वितरित किया था। निदेशालय के एक अधिकारी का कहना है कि शासन ने निशुल्क लैपटॉप से लेकर सरकारी विद्यालयों के आधुनिकरण सहित कई चीजों का प्रस्ताव मांगा है, जिसे तैयार किया जा रहा है।
लखनऊ (डीएनएन)। राजधानी सहित सूबे के सभी सरकारी स्कूलों की जल्द ही सूरत बदली नजर आएगी। इसके लिए इन सभी स्कूलों का आधुनिकरण किया जाएगा। साथ ही इनमें पढ़ने वाले गरीबी रेखा से नीचे वाले बच्चों को कॉपी-किताबों से लेकर यूनीफार्म और स्कूल बैग तक की निशुल्क सुविधा दी जाएगी। राज्य सरकार के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। बीते दिनों निदेशालय के जिम्मेदारों ने इस पर आने वाले खर्च का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन शासन ने पुन: संशोधन के लिए उसे वापस कर दिया। अब फिर से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, ताकि आगामी बजट सत्र में इसे मंजूरी के लिए रखा जा सके।दरअसल, मौजूदा समय में प्रदेश भर में करीब 1600 राजकीय, 4500 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के अलावा 20 हजार वित्तविहीन विद्यालय संचालित हैं।
वर्तमान में बहुत से राजकीय विद्यालयों की दशा अच्छी नहीं है। खासकर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत खुलने वाले बहुत से ऐसे विद्यालय हैं जहां बच्चों के बैठने के लिए न तो अपनी बिल्डिंग है और न ही फर्नीचर। उच्च प्राथमिक विद्यालयों के एक कमरे में चलने वाले विद्यालयों में कक्षा नौ के बच्चों को जमीन में बैठना पड़ रहा है। यह सारी स्थिति उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी है। अब राज्य के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा की स्थिति को सुधारने का निर्णय लिया है। उनके निर्देश पर सभी सरकारी स्कूलों का आधुनिकरण किए जाने के लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तक इस पर 175 करोड़ रुपए के खर्च का प्रस्ताव बनाया गया था, जिसे वापस कर फिर से तैयार करने के लिए कहा गया है।
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