हाथरस : संवाद सहयोगी, हाथरस : सर्वशिक्षा अभियान के तहत 12 साल पूर्व मिड डे मील योजना की शुरुआत बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब व असहाय परिवार के बच्चों के लिए हुई थी। विभाग के आला अधिकारियों को उम्मीद थी कि एमडीएम योजना से बच्चों का नामांकन और एमडीएम योजना अपना ही बजूद तलाश रही है। जिले में करीब 1513 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं।मिड डे मील की शुरुआत कराने के पीछे कुपोषित बच्चों को विद्यालयों में प्रोटीन युक्त खाना मिले। अफसरों को उम्मीद थी कि शायद नामांकन भी साल दर साल बढ़ता जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बताते हैं कि वर्ष 2004 में विद्यालयों में बच्चों का कुल नामांकन करीब दो लाख से अधिक था। साल दर साल छात्रों का नामांकन कम होता गया और एमडीएम में भ्रष्टाचार बढ़ता गया। कनवर्जन कॉस्ट में कमीशन मांगने की शिकायतें निरंतर अधिकारियों के पास आती हैं। शिक्षकों द्वारा मिड-डे मील बनवाने से मना करने के प्रार्थना पत्र भी अधिकारियों के पास आते हैं। एनजीओ को एमडीएम बनवाने की जिम्मेदारी बढ़ती जा रही है। अधिकारी नामांकन कम होने के कारणों का जवाब देने से अब कतरा रहे हैं।’>>वर्ष 2004 में शुरू की गई थी योजना 1’>>नहीं बढ़ पा रही है बच्चों की संख्या
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