शैक्षिक स्तर में सुधार के लिए तैनात ब्लॉक समन्वयकों की डीएम आशुतोष निरंजन ने क्लास ली। इसमें उनके छह साल के कार्य का हिसाब लिया। पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में नवाचार को लेकर किए गए प्रयासों को डीएम ने नाकाफी बताया और इस बार चयन की जिम्मेदारी खुद निभाने की बात कही।
डीएम ने राष्ट्रीय आविष्कार योजना के तहत चयनित 34 प्राथमिक विद्यालयों को विज्ञान मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए शासन द्वारा धनराशि जारी होने के बाद भी क्रियान्वयन न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने ने इस शिक्षा सत्र में बेसिक शिक्षा में बुनियादी एवं बेहतर सुधार करने के निर्देश दिए। डीएम ने मानीटरिंग की कमान अपने हाथों में ली। सहायक समन्वयकों द्वारा बेसिक शिक्षा हेतु किए प्रयासों एवं नवाचारों की पॉवर प्वाइन्ट प्रजेन्टेशन को नाकाफी बताते हुए इसमें और बेहतर करने का निर्देश दिया। जिसके तहत अध्यापकों को बेसिक शिक्षा के सुधार हेतु नवाचार करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने बीएसए से अध्यापकों को प्रशासनिक कार्यों में कम से कम लगाने का निर्देश दिया। बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ बच्चों की उपस्थिति में बढ़ोत्तरी एवं ठहराव बना रहे।1 एबीआरसी के चयन को भी बोर्ड परीक्षा की भांति ही नकल विहीन ढंग से कराने के लिए डीएम ने बीएसए को जिला स्तर पर प्रबंध करने के निर्देश दिए। बीएसए अजय कुमार सिंह, बीईओ अविनाश दीक्षित, रामराज, जिला समन्वयक राजेश सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।
No comments:
Write comments