संवाद सहयोगी, हाथरस : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्रओं की शिक्षा और संचालित योजनाओं पर अब अधिकारियों की नजर रहेगी। इसके लिए जिलाधिकारी ने हर विद्यालय के लिए एक जिलास्तरीय महिला अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि बालिकाओं को बेहतर शिक्षा मिल सके और योजनाओं का सही तरह से क्रियान्वयन हो सके। 1कस्तूरबा विद्यालयों में गरीब, अनाथ और असहाय परिवार की बालिकाओं को आवासीय शिक्षा दी जाती है। जिले में हसायन, हाथरस, मुरसान, सादाबाद, सहपऊ और सिकंदराराऊ ब्लाक में विद्यालय संचालित हैं। विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्रओं की पूरी जिम्मेदारी वहां तैनात वार्डन की होती है। शासन की प्राथमिकता में यह विद्यालय शामिल हैं। समय-समय पर विद्यालयों का निरीक्षण करने के निर्देश भी दे रखे हैं, लेकिन जब विद्यालयों में कोई हादसा हो जाए तब कहीं जाकर अधिकारियों की नींद टूटती है और सतर्कता दिखाई जाती है। विगत सत्र में कस्तूरबा विद्यालय हाथरस में कई छात्रएं बीमार पड़ गई थीं। 1इस प्रकरण में वार्डन प्रतिभा भारद्वाज पर कार्रवाई तय की गई थी। उसके बाद नियमित विद्यालयों के निरीक्षण कराने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिए थे। अब नए सत्र में लगातार विद्यालयों के निरीक्षण हो सकें, इसके लिए अब दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पांच जिला स्तरीय महिला अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। हर माह कम से कम दो बार विद्यालयों का औचक निरीक्षण करके स्थिति देखनी होगी। बीएसए रेखा सुमन ने बताया कि लगातार विद्यालयों का निरीक्षण कराया जाएगा। वे अपनी तरफ से भी सक्रिय महिला शिक्षिकाओं की एक टीम गठित कर रही है जो विद्यालयों का निरीक्षण करेगी।
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