यूपी बोर्ड योग शिक्षा के पाठ्यक्रम को विस्तार देने जा रहा है। प्रदेश भर में जुलाई में शुरू होने वाले नए शैक्षिक सत्र से बढ़ा हुआ पाठ्यक्रम लागू होगा। कक्षा नौ से 12 तक में चरणवार बढ़ोतरी का प्रस्ताव मंगलवार को पाठ्यक्रम समिति ने सौंप दिया है। इस पर बोर्ड मुहर लगाकर इसी माह शासन को भेजेगा। उसके बाद पाठ्यक्रम में उसे औपचारिक रूप से जोड़ दिया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के विद्यालयों में योग शिक्षा पिछले कुछ वर्षो से कक्षा नौ से लेकर इंटरमीडिएट तक में नैतिक शिक्षा व खेल विषय में एक चैप्टर में रूप में जुड़ा है। पाठ्यक्रम में और अंक आदि देने में योग शिक्षा पर विशेष जोर नहीं रहा है। इधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग के अफसर इस ओर गंभीर हुए हैं। बच्चों को योग से जोड़कर चुस्त व दुरुस्त बनाने की तैयारियां एक पखवारे से चल रही हैं। उसी को देखते हुए मंगलवार को पाठ्यक्रम समिति की बैठक बुलाई गई। इसमें योग शिक्षा के रूप में और क्या और कैसे जोड़ा जाए इस पर चर्चा हुई। योग शिक्षा को लेकर यूपी बोर्ड कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पाठ्यक्रम समिति की बैठक में पतंजलि योग पीठ हरिद्वार से चार विशेषज्ञ आमंत्रित किये गए थे। दो स्थानीय विशेषज्ञ और पाठ्यक्रम समिति ने काफी देर तक इस मुद्दे पर मंथन किया। इसमें इस बात पर चर्चा विशेष हुई कि बच्चों को योग की शिक्षा देने के साथ ही उन्हें शारीरिक रूप से आसन आदि भी कराएं जाएं, ताकि तन और मन दोनों ठीक रहे। समिति ने कक्षा नौ से लेकर बारह तक का पाठ्यक्रम विभाजित करके बोर्ड को सौंप दिया है इसमें क्रमवार योग की शिक्षा बढ़ती है। शारीरिक शिक्षक उमेश खरे कहते हैं कि बोर्ड की यह पहल सराहनीय है जिसमें अंक बढ़ने से ही सभी इस ओर गंभीर होंगे
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