शिक्षा मित्रों के सहायक अध्यापक बने रहने का अंतिम फैसला नौ मई को होगा। कैरियर और भविष्य से जुड़ा मामला है। इसलिए शिक्षामित्र अफसर, नेताओं के साथ भगवान को मनाने में भी जुटे हैं। बरेली के सैकड़ों शिक्षा मित्र बालाजी, पूर्णागिरि और हरिद्वार में भगवान को याद करने पहुंच गए हैं। शिक्षा मित्रों का मानना है। शिक्षामित्रों ने बालाजी के दरबार में अर्जी लगाई है। मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है। शिक्षामित्रों को भरोसा है कि ईश्वर उनके साथ न्याय करेगा।सदमे में कई शिक्षा मित्रों की जान जा चुकी: संयुक्त सक्रिय शिक्षक/ शिक्षा मित्र समिति के पदाधिकारियों का कहना है, शिक्षा मित्रों के पक्ष में ही फैसला आएगा। अंतिम फैसला नौ मई को आएगा। शिक्षा मित्रों की कुर्बानी खाली नहीं जाएगी। 2015 में हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद से अब तक प्रदेश के 60-65 शिक्षा मित्रों की सदमे में मौत हो चुकी है। तीन मई 2017 को भी समायोजन रद करने की अफवाह किसी चैनल ने फैला दी। उस दिन सदमे में शिक्षा मित्र कैलाश चंद्र लखनऊ, अनुराग शुक्ल सीतापुर, अशोक कुमार मुज्जफरनगर, गरिमा सिंह कानपुर नगर, नईम अहमद सहारनपुर की मौत हो गई।
शनिवार को शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक रामकुमार गुप्ता, आकाश सिंह, सोमेंद्र गुर्जर, शिव कुमार गुप्ता, मंगल त्रिवेदी, रामप्रकाश गंगवार, दुष्यंत चौहान, मुख्यतार अंसारी, सूरज मौर्य, संजीव सिंह, संतोष यादव, सतीश यादव, शरद चौहान, संजीव गंगवार, नीलेश गंगवार, संजीव धारीवाल आदि ने मेंहदीपुर बालाजी दरबार में अर्जी लगाई। शिक्षा मित्रों का कहना है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा। उस दिन बालाजी महाराज का दिन है। शिक्षा मित्रों को न्याय मिलेगा।
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