योग शिक्षा को प्रोत्साहन के लिए सरकारी प्रयासों को परवान तक पहुंचाने के लिए अब डायट को योग संसाधन केंद्र बनाया जाएगा। योग में रूचि रखने वाले शिक्षकों का समूह बनाकर उन्हें डायट पर योग संबंधी ज्ञान मुहैया कराने का प्रयास होगा। योग आधारित कार्यक्रम संचालित करने के लिए योग परामर्श दाता भी बनाए जाएंगे।
शिक्षक शिक्षा योजनान्तर्गत वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में योग शिक्षण प्रशिक्षण को सम्मिलित किया गया है। योग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शासन ने नई पहल की है। योग को मानवीय संसाधनों से प्रोत्साहन के लिए जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान को योग संसाधन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
योग में दिलचस्पी रखने वाले प्राथमिक, उच्च प्राथमिक स्कूलों व अन्य संस्थानों के शिक्षकों का समूह बनाकर उन्हें भौतिक संसाधनों से लैस किया जाएगा। योग संसाधन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए डायट पर योग से संबंधित सामग्री का संकलन होगा। संस्थान में योग से संबंधित ऑडियो, वीडियो, वेब लिंक, ई-पुस्तकें और साहित्य का समावेश कर एक योग कक्ष बनाया जाएगा। इस योग कक्ष में लोगों को योग सुविधाओं की जानकारी देने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार होगा। योग संसाधन केंद्र क्रियाशील करने के लिए डायट के संकाय सदस्यों का अभिमुखीकरण भी किया जाएगा। योग में रूचि रखने वाले संकाय सदस्यों को योग परामर्शदाता के रूप में जिम्मा दिया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने डायट को योग संसाधन के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई के लिए एक महीने का समय दिया है। एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक अजय कुमार सिंह ने डायट प्राचार्य को आवश्यक कार्रवाई कर रिपोर्ट मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। एससीईआरटी के निर्देश पर इस बावत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। डायट प्राचार्य नरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि संस्थान में योग केंद्र विकसित करने के लिए आवश्यक इंतजाम पूरे किए जा रहे हैं।
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