प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालयों के शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए मानसिक रूप से मजबूत करने की कर दी है। खाकी ड्रेस की जगह अब कान्वेंट स्कूलों की तरह प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को भी ड्रेस वितरित किए जाएंगे।
प्रदेश मे परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई के स्तर को सुधारने के लिए कई वर्षों से प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने कई अभियान भी चलाया। हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों को अपने बच्चों का नाम इन स्कूलों मे लिखाने का निर्देश भी जारी किया। जिसका पालन नही किया जा रहा है, लेकिन किसी भी स्तर से प्राथमिक विद्यालय में न तो बच्चों के नामांकन बढ़े और न ही पढ़ाई के स्तर में ही सुधार नजर आया। कुछ साल े प्राथमिक विद्यालय के ड्रेस को खाकी कर दिया गया।
अनुमान था कि नए कलर को लेकर बच्चों मे उत्साह बढ़ेगा, लेकिन उसका कोई प्रभाव नही पड़ा। प्रदेश मे योगी सरकार बनते ही परिषदीय विद्यालयों के लिए नए कलर की ड्रेस लागू करने की योजना बनी जिसे अमली जामा पहनाते हुए नए सत्र में लागू कर दी जाएगी। नए ड्रेस में सफेद रंग की शर्ट व लाल रंग की चेकदार पैंट होगी। प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों का कहना है कि नए ड्रेस से बच्चे आकर्षित होंगे। बच्चों व उनके अभिभावकों के अंदर पनप रही हीनभावना भी समाप्त होगी। इस मामले मे अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे जब कान्वेंट स्कूल की तरह ड्रेस पहनेंगे तो उनका आत्मविश्वास जागृत होगा।
अभिभावक सरकार के इस फैसले को शिक्षा के लिहाज से बेहतर प्रयास बता रहे है। उनका कहना है कि खाकी ड्रेस पहनाकर बच्चों को स्कूल भेजने का मन नही करता था, लेकिन अब नए सत्र मे नए कलर की ड्रेस से शिक्षा मे आमूलचूल परिवर्तन नजर आएगा।’
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