परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता के लिए अब हर अफसर एक-एक विद्यालय गोद लेगा। उसमें पढ़ाई की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देगा। शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी ने अफसरों को ऐसा करने के लिए निर्देशित किया है।
परिषदीय विद्यालय केवल ओं ने जिंदा रखे हुए हैं। बच्चों को खाने के लिए मिड-डे-मील, पहनने के लिए निश्शुल्क यूनीफार्म और पढ़ाई के लिए कोर्स की व्यवस्था सरकार करती है। इसके बाद भी इन स्कूलों में पढ़ाई का स्तर गिरता जा रहा है। यही वजह है कि इन स्कूलों से अभिभावकों का विश्वास उठता जा रहा है। वे अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए मजबूर हैं।
प्रदेश सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए, पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। इसकी जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी गई है। पिछले दिनों जिलाधिकारी भूपेंद्र एस चौधरी ने सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करके एक-एक परिषदीय स्कूल गोद लेने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि जिस स्कूल को जो अधिकारी गोद लेगा, सबसे ज्यादा ध्यान उसकी पढ़ाई की गुणवत्ता पर देगा। माह में एक-दो बार स्कूल जाकर बच्चों से मिलकर बातचीत करेगा और पढ़ाई में कितना सुधार आया है, इसकी जानकारी भी करेगा।अभिभावकों की समस्याओं का किया जाएगा निस्तारणएसडीएम को देंगे गोद लिए गए स्कूलों की सूची
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