द काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने शैक्षिक सत्र 2018-19 से योग और संस्कृत को विषय के रूप में पढ़ाना अनिवार्य कर दिया है। काउंसिल ने इस संबंध में सूचना जारी की है। नई व्यवस्था के तहत कक्षा एक से आठ तक फिजिकल एजुकेशन व योग के साथ परफोर्मिक आर्ट भी पढ़ाया जाएगा। जबकि कक्षा पांच से आठ तक के बच्चे संस्कृत भी पढ़ेंगे। अभी तक कक्षा नौ से 12 में संस्कृत को एक वैकल्पिक विषय के रूप में उपलब्ध कराया जाता था। लेकिन नीचे की कक्षाओं में पढ़ाई न जाने के कारण सीनियर कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या न के बराबर थी।इन दिनों राजधानी सहित देश भर में चारो तरफ योग ही योग है। शहर के तमाम स्कूल-कॉलेजों में भी विश्व योग दिवस की तैयारियां भी जोर शोर से चल रही हैं। अब आगामी शैक्षिक सत्र से सीआईएससीई में छात्र योग और संस्कृत को विषय के रूप में पढ़ सकेंगे। गौरतलब है कि राजधानी के कई स्कूल अपने स्तर पर बच्चों को संस्कृत सिखाते रहे हैं। इस मामले में शहर का सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल गोमतीनगर काफी आगे रहा है। जहां बच्चों को प्री. प्राइमरी स्तर पर ही बोलचाल की संस्कृत भाषा को सीखने का मौका दिया जा है।आईएससी व आईसीएसई का बदलेगा सिलेबससत्र 2018-19 से आईसीएसई व आईएससी के कई विषयों के सिलेबस बदला हुआ होगा। काउंसिल की रिसर्च डेवेलपमेंट एंड कंसल्टेंसी डिवीजन आईसीएसई में फिजिकल एजुकेशन, कंप्यूटर एप्लीकेशन और इकोनोमिक्स के सिलेबस में बदलाव कर रहा है। आईएससी स्तर पर बायोटेक्नोलॉजी व कंप्यूटर साइंस में फेरबदल किया जा रहा है। मास मीडिया एंड कम्यूनिकेशन के आईएससी व आईसीएसई स्तर के सिलेबस में भी बदलाव होगा।
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