लखनऊ। इस बार यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए सिर्फसात महीने मिलेंगे। खासकर हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स को ज्यादा मेहनत करनी होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस बार सत्र की शुरुआत जुलाई से होगी और यूपी बोर्ड परीक्षाएं फरवरी से शुरू होंगी। इस दौरान त्योहार आदि की छुट्टियां भी होंगी। ऐसे में सात महीने में कोर्स तैयार करना चुनौती भरा होगा।
दरअसल, इस साल विधानसभा चुनाव की वजह से शैक्षिक सत्र की शुरुआत एक जुलाई से होगी। वहीं, अगले साल 2018 की शुरुआत एक अप्रैल ही की जाएगी, जिसके चलते इस साल का शैक्षिक सत्र तीन महीने कम हो गया है। इससे बच्चों के साथ शिक्षकों की मुश्किलें भी बढ़ेंगी। शिक्षकों का कहना है कि सत्र का समय कम होने से शिक्षकों और स्टूडेंट्स पर जबरदस्त बोझ बढ़ेगा, जो कोर्स हर बार छह महीने में पूरा करना होता है, वह इस साल उसे तीन से चार महीने में पूरा करना होगा।
आगे आने वाले त्यौहार जैसे, दीवाली, दशहरा, रक्षा बंधन, नवरात्र को मिलाकर अन्य छुट्टियां निकल जाती हंै, जिसके चलते पहले से ही कोर्स के लिए बच्चों और शिक्षकों के पास कम समय ही होता है। इस बार तो आधा समय ही होगा, जिसमें बच्चों पर कोर्स पूरा करने का तनाव होगा और शिक्षकों को कोर्स पूरा करवाने की जिम्मेदारी निभाने का तनाव होगा।
इस बार विधानसभा चुनाव के चलते यह हुआ है। शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभाएं और बच्चों के कोर्स को तय समय में पूरा करवाएं इसके लिए ध्यान रखा जाएगा। - मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस
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