DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, June 11, 2017

एटा : ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का ब्यौरा तलब, तबादले नहीं होने से शिक्षक मायूस,

जून का पहला पखवाड़ा गुजरने को है। इसके बावजूद अभी तक शासन ने जनपदीय शिक्षकों के तबादले को लेकर कोई भी स्पष्ट दिशा-निर्देश या नीति जारी नहीं की है। ऐसी स्थिति में जिले के अंदर ही तबादलों की आस लगाए बैठे शिक्षक मायूस हैं। उधर पिछले साल तक अंतरजनपदीय तबादलों को लेकर खुश रहे शिक्षकों को नई सरकार की नीति ने निराश कर दिया है।

प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने अभी तक शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर विस्तृत नीति नहीं आई है। जिले में ही तबादलों के लिए जून के पहले सप्ताह ऑनलाइन आवेदन कराए जाने की बात कही गई, लेकिन अभी तक प्रक्रिया शुरू होना तो दूर शासन ने इसके संबंध में विभाग को किसी भी तरह के दिशा-निर्देश नहीं दिए हैं। पांच साल पिछले ब्लॉकों में नौकरी के दायरे में फंसे जिले के ही सैकड़ों शिक्षक अपने ब्लॉक क्षेत्रों में पहुंचने के लिए तबादलों के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं है कि तबादले किस आधार पर और नई नीति का लाभ कितने शिक्षकों को मिल पाएगा।

बीएसए रमाकांत वर्मा का कहना है कि अभी तक तबादलों को लेकर कोई भी निर्देश नहीं मिले हैं। निर्देश मिलने के बाद ही कोई कार्रवाई होगी।

ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का ब्यौरा तलब

तबादलों को लेकर विभाग में कोई सुगबुगाहट भले ही न हो, लेकिन शासन ने ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षक पदों का ब्यौरा और नियुक्ति की स्थिति को लेकर विभाग से रिपोर्ट जरूर मांगी है। जबकि अभी तक शहरी क्षेत्रों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए पूर्व में लिए गए आवेदनों पर किसी भी तरह का विचार नहीं हुआ है।

No comments:
Write comments