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Friday, June 9, 2017

शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से अविलम्ब मुक्त करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने फर्रुखाबाद व इटावा के जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

कुछ नेताओं का आचरण गलत
फरुखाबाद : राशन कार्ड सत्यापन में परिषदीय शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द तिवारी ने गुरुवार को जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि गैर शैक्षणिक कार्यों में शासन की रोक के बावजूद इटावा व फरुखाबाद में कार्ड सत्यापन न करने वाले शिक्षकों को कार्रवाई की धमकी दी जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षक संघों के कुछ नेताओं के आचरण गलत हैं। इन्हें चिन्हित कर बीएसए कार्यालय में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए।
नेकपुर में शैक्षिक महासंघ की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दलाल किस्म के शिक्षक नेताओं से शिक्षा की दुर्गति है। आम शिक्षक यह देखता है कि विद्यालय में पढ़ाने के बजाए नेता लोग बीईओ व बीएसए कार्यालय के चक्कर लगाते रहते हैं तो उनका मन विचलित होता है। 
रिश्वत की फिराक में बीईओ व एबीआरसी: उन्होंने कहा कि ब्लाक संसाधन केंद्र के समन्वयक, खंड शिक्षा अधिकारी व सह समन्वयक एबीआरसी पर पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने की जिम्मेदारी है। पर इनमें से कई गुणवत्ता के बजाए रिश्वत वसूलने में लगे रहते। सभी सह समन्वयकों को हटाकर स्कूलों में भेजा जाए। अध्यापक अब बच्चों को डांट भी नहीं सकता, लेकिन पहले स्कूल में डंडी मारकर ही शिक्षक बच्चों को ऐसा सुधारते थे कि वह आईएएस व आईपीएस बन जाते थे। बर्तनों की तरह सरकार यूनीफार्म बनवाकर वितरित कराए। मिडडे मील से भी शिक्षकों को मुक्त किया जाए।


संगठन ही कर रहे शिक्षकों का शोषण: गोविन्द तिवारी , प्रदेश अध्यक्ष , राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ0प्र0
फर्रुखाबाद: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष गोविन्द तिवारी ने कहा कि प्रदेश के अधिकतर बीएसए कार्यालयों की दशा ठीक नही है| क्योंकि कई तथाकथित संगठन शिक्षको को न्याय दिलाने के नाम पर दलाली करते है| जिससे शिक्षक का शोषण होता है| उन्होंने जनपद पंहुचकर जिलाधिकारी को सम्बन्धित ज्ञापन एसडीएम सदर को सौपा और शिक्षको को गैर शैक्षणिक कार्यों में ना लगाये जाने का शासनादेश भी दिया।
संगठन के जिलाध्यक्ष संजय तिवारी के नेकपुर स्थित आवास पर पंहुचे प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षा निदेशक(बेसिक) के सचिव व अपर मुख्य सचिव ने 1 जून 2017 को यह आदेश जारी किया है कि प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विधालयों के अध्यापको को गैर शैक्षिणिक कार्य में ना लगाये जाने का आदेश जारी कर दिया| इसके बाद भी फर्रुखाबाद व इटावा के जिलाधिकारी शिक्षक पर जबरन राशन कार्ड सत्यापन कराना चाहते है| यदि जिलाधिकारी ने अपनी मनमानी नही छोड़ी तो सोमबार को अपर मुख्य सचिव से भेट कर अग्रिम कार्यवाही के लिये रणनीति बनायी जायेगी|
उन्होंने साफ़ कहा कि शिक्षको का शोषण करने में कही ना कही कुछ शिक्षक संगठनों की भूमिका है| शिक्षको को न्याय दिलाने के नाम पर बीएसए कार्यालय में दलाली करते है| उन्होंने कहा कि पूर्व की शिक्षा में छात्रों को दंड का प्राविधान था जिससे इन्ही परिषदीय विधालयों से बड़े-बड़े अफसर निकलते थे| लेंकिन अब दंड समाप्त हो गया| जिससे व्यवस्था बिगड रही है| इसके लिये अभिभावक भी जिम्मेदार है| वह अपने बच्चो की पढ़ाई के लिये चिंतित नही है |देश की शिक्षा व्यवस्था धीरे-धीरे नष्ट हो रही है|

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