10वीं के सामाजिक विज्ञान में जीएसटी लागू करना स्वागत योग्य कदम है। इंटर में व्यापारिक संगठन में बीजक बनाते समय जीएसटी के अनुसार टैक्स की गणना कैसे की जाए इसे भी समाहित किए जाने की आवश्यकता है। धीरेन्द्र कुमार, प्रवक्ता-वाणिज्य केसर विद्यापीठ इंटर कॉलेज
यूपी बोर्ड ने 10वीं के पाठ्यक्रम में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को शामिल कर लिया है। पांच मई को संशोधित पाठ्यक्रम में हाईस्कूल सामाजिक विज्ञान के पेपर में नई कर प्रणाली को जोड़ा गया है। हालांकि इसी पेपर में सम्मिलित वैट को बाहर करने पर विचार हो रहा है।इंटरमीडिएट में व्यापारिक संगठन के पेपर में भी जीएसटी के कुछ हिस्से को शामिल किया जा सकता है। बोर्ड में तीन जुलाई से चल रही पाठ्यक्रम समितियों की बैठक में इंटर कॉमर्स में जीएसटी को जोड़ने पर चर्चा हो रही है।बोर्ड 2017-18 शैक्षिक सत्र से छात्र-छात्रओं को कक्षा नौ से ही बैकिंग का व्यावहारिक ज्ञान देगा। संशोधित कोर्स के प्रोजेक्ट कार्य में नौवीं के बच्चों के लिए किसी राष्ट्रीयकृत या प्राइवेट बैंक में ले जाकर बचत खाता खोलने संबंधी आवेदन पत्र प्राप्त करने और उसके परिचालन के संबंध में जानकारी प्राप्त करने को जोड़ा है। बचत खाता से धारक चेक या विड्राल फार्म भरकर पैसा निकालने संबंधी जानकारी प्राप्त करना, अरेखित चेक, पोस्ट डेटेड चेक, अदेय चेक, रेखांकित चेक आदि को भरने, नकद धनराशि या चेक जमा करने संबंधी जानकारी बैंक में ले जाकर सिखाने का प्रावधान किया है।बच्चों को डेबिट या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन की प्रक्रिया एवं इनके द्वारा भुगतान किस प्रकार किया जाता है, की भी जानकारी देंगे। कक्षा नौ नैतिक शिक्षा में आयकर का संक्षिप्त ज्ञान, इसे कौन देता है, आयकर से प्राप्त राशि से देश के विकास में भूमिका के वर्णन को शामिल किया है। ताकि छात्र-छात्रओं के बड़े होने पर ईमानदार करदाता बनने संबंधी नैतिकता विकसित हो। कक्षा दस में सामाजिक विज्ञान के तहत जीएसटी, वैट, सर्विस टैक्स, आयकर में छूट आदि पढ़ाया जाएगा।
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