नई सरकार ने फरियादियों की समस्या कम करने के लिए कार्यालय में अफसरों के आने का समय नौ बजे कर दिया। लेकिन अफसर दस बजे के बाद ही पहुंचते हैं। यहीं नहीं 12 बजते ही बीएसए चंदना राम इकबाल यादव तो फरियादियों से मिलती ही नहीं। उनके कार्यालय के बाहर खड़ा परिचारक सीधे मना कर देता है, मैडम से मिलने का समय समाप्त हो गया है। इसके बाद मैडम ने मिलने से मना कर रखा है। कुछ कर्मचारियों के पास पहुंच भी गए तो वह उन्हें देखकर कुर्सी खाली कर चलते बनते हैं। इस संबंध में बीएसए से बात करने की कोशिश की लेकिन मीटिंग में होने की बात कहकर फोन काट दिया। मैसेज भेजने पर भी जवाब नहीं दिया।
ढूंढ़ते पर भी नहीं मिलते कर्मचारी : बीएसए के निकलते ही कर्मचारी भी लापरवाह हो जाते हैं। हाकिम के उठते ही उनकी कुर्सी भी खाली हो जाती है। बाहर निकलकर चाय की दुकान पर सेटिंग के खेल में लग जाते है। जो फरियादी उनके जाल में फस जाते है तो अपनी जेब गर्म कर लेते है। शेष बेबस फरियादी कार्यालय में चक्कर लगाते रह जाते हैं। कार्यालय समय में सीट खाली रहने के पीछे कर्मचारियों की दलील होती है, चाय पीने गए है।
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