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Thursday, July 27, 2017

आज़मगढ़ : शिक्षामित्रों ने किया सड़क जाम व प्रदर्शन, कार्रवाई की जद में 2200 शिक्षामित्र, जिलाधिकारी को सौंपा मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन, प्रदेश सरकार से न्यायोचित हल निकाले जाने की रखी मांग

जासं, आजमगढ़ : सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से आहत शिक्षामित्रों का बुधवार को कुंवर सिंह उद्यान में जमघट लग गया। यहां से रणनीति बनाने के बाद शिक्षामित्र कुंवर सिंह उद्यान गेट पर जाकर सड़क जाम कर दिया। इसकी वजह से थोड़ी देर तक आवागमन बाधित हो गया। यहां से जाम करने के बाद शिक्षामित्र जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे और मुख्यमंत्री को संबोधित अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। चेतावनी दी कि अगर उनके साथ कोई हल नहीं निकाला जाता है तो वह लोग आंदोलन को बाध्य होंगे। उनका परिवार पूरी तरह से भुखमरी के शिकार पर पहुंच जाएगा। ऐसे में प्रदेश सरकार न्यायोचित हल निकालकर उनके साथ न्याय करें। देवी प्रसाद यादव ने कहा कि पिछले 17 वर्षों से वह लोग विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे थे। ओमप्रकाश यादव ने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो लखनऊ से लेकर दिल्ली तक अपने आंदोलन को व्यापक रूप देते हुए सारी व्यवस्था ठप कर देंगे। कृष्ण मोहन उपाध्याय, अनिल कुमार यादव, जयकुमार सिंह, सूर्यप्रकाश सिंह, उपेंद्र सिंह ने कहा कि हमें एकता, अखंडता बनाए रखते हुए प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश के रणनीति के अनुसार आगे की रणनीति तय की जाएगी। रामअवतार ¨बद, रामविजय यादव, संतोष, अद्या, संजीव, साकेत पाठक, वेदप्रकाश पांडेय, सतीश चौहान, उपेंद्र यादव आदि थे।

जिलाधिकारी के समीप सडक जाम कर प्रदर्शन करते शिक्षा मित्र आजमगढ़:
दिल के अरमां आंसुओं में बह गए, गाने की लाइन ठीक शिक्षामित्रों पर सटीक बैठ रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों की जो हालत हुई है, उससे जनपद के 2200 शिक्षामित्र जहां आहत हैं वहीं घर में चूल्हे तक नहीं जले। चौतरफा मायूसी छाई हैं। इनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया है। अब किसी तरह से परिवार के पालन पोषण की गुहार लगा रहे हैं। किसी तरह उनका मानदेय बढ़ाकर उन्हें स्थाई रूप से रखा जाए। कुंवर सिंह उद्यान में आए कई शिक्षामित्रों के मुंह से बोली नहीं निकल रही थी। वह यह समझ नहीं पा रहे हैं कि किस डगर को पकड़ें। जनपद में कुल 3384 शिक्षामित्र तैनात हैं। इसमें से 2200 शिक्षामित्रों का समायोजन कर वर्ष 2015 से ही सहायक अध्यापक बना दिया गया। यह जनपद के विभिन्न प्राथमिक विद्यालयों पर तैनात भी कर दिए गए थे। यही नहीं शिक्षामित्रों को बकायदा वेतन भी मिल रहा था। सातवें वेतन का लाभ भी पा रहे थे। बुधवार की सुबह जैसे ही उन्हें यह सूचना मिली कि सुप्रीम कोर्ट ने उनका समायोजन रद्द कर दिया है, फोन घनघनाने लगे। आनन-फानन शिक्षामित्र जिला मुख्यालय स्थित कुंवर सिंह उद्यान में पहुंच गए। यही नहीं दिन में दस बजे तक कुंवर सिंह उद्यान में शिक्षामित्रों का जमघट लग गया। शिक्षामित्रों ने धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को फिर से पुनर्याचिका दायर करने की गुहार लगाई है। शिक्षामित्रों का कहना है कि उन्हें न्यायोचित पद पर रखा जाए ताकि उनके परिवार का भरण पोषण हो सके। शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक हो जाने पर तमाम लोगों ने अपनी बेटियों की शादी की थी। ऐसे में इन बेटियों के परिवार की चिंताएं बढ़ गई हैं। यही नहीं शिक्षामित्रों के परिवार के लोग भी कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अभिभावक पूरी तरह चुप्पी साधे हैं। कुछ ने कुरेदने पर कहा कि अब सरकार को न्याय करना चाहिए। वेतन बढ़ाकर इन्हें तैनात किया जाए। शिक्षामित्र आंदोलन का मूड बना चुके हैं लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है। शिक्षामित्र मनेंद्र कुमार सिंह, विद्याभूषण यादव, संतराम यादव, जयप्रकाश यादव, अर¨वद यादव ने कहा कि उनके साथ छल हुआ है।अभी कोई शासनादेश नहीं आया है। आदेश आने के बाद शिक्षामित्रों पर निर्णय लिया जा सकेगा। शिक्षामित्रों के बारे में कुछ कहना उचित नहीं है। अशोक कुमार, प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी

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