जरा सोचिए, पेड़-पौधों से सजी पाठशाला में बच्चों के लिए प्रकृति की अहमियत के साथ-साथ जीवन के फलसफे सीखना कितना आसान और मजेदार रहेगा। माल्टा में ग्रीन आइसल्स प्रोजेक्ट लिमिटेड नाम की संस्था ने इसी के मद्देनजर ‘ग्रीन क्लासरूम’ के निर्माण की पहल की है। संस्था ‘प्योर एयर क्लासरूम्स एंड ग्रीन स्कूल्स इन माल्टा प्रोजेक्ट’ के तहत कक्षा में टेबल-कुर्सी और ब्लैकबोर्ड के साथ ‘वर्टिकल गार्डन’ अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा रही है, ताकि बच्चों को शुद्ध हवा में सांस लेने और हरित क्षेत्र में रोजगारपरक शिक्षा हासिल करने का मौका तो मिले ही, साथ ही वे बचपन से प्रकृति की कद्र व देखभाल करने की कला में माहिर हो पाएं। संस्थापक नोएल फरुगिया के मुताबिक ‘ग्रीन क्लासरूम’ का छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर देखा गया है।
माल्टा के जीरा प्राइमरी स्कूल की एक कक्षा में बना वर्टिकल गार्डेन। ’ एजेंसी
’ क्लासरूम में लगे पेड़-पौधे कार्बन डाइऑक्साइड सहित अन्य हानिकारक गैस सोखकर प्राणदायिनी ऑक्सीजन उत्पादित करेंगे’ शुद्ध हवा में सांस लेने से बीमारियां दूर रहेंगी, प्रकृति से करीबी के चलते तनाव का स्तर घटेगा, याददाश्त और एकाग्रता में वृद्धि होगी
’ बच्चों को फल-सब्जी की पहचान बताने, उनके पौष्टिक गुण समझाने और खाने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी’ स्कूल में जड़ी-बूटियों की खेती से कीड़े-पक्षी आकर्षिक होंगे, बच्चे उन्हें करीब से महसूस कर पाएंगे, जीवन चक्र समझ सकेंगे
’ छात्रों की ओर से स्कूल के गार्डन में उगाए गए पौधे साल के अंत में पूरे देश में लगाए जाएंगे, ताकि हरियाली का दायरा बढ़ाया जा सके’ उन्हें फसल चक्र की अहमियत बताई जाएगी, ताकि मौसम के अनुरूप फसल पैदा कर मिट्टी की उर्वरक क्षमता बनाए रखने में मदद मिले
’ वर्टिकल गार्डन में फल-सब्जी और जड़ी-बूटियां उगाने व उन्हें कीटों से बचाने की कला सीख सकेंगे बच्चे’ फूल-पत्तियों और पेड़-पौधों से आकर्षक कृतियां उकेरने की कला जानेंगे, पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के लिए कौशल विकास होगा
’ ‘प्योर एयर क्लासरूम्स एंड ग्रीन स्कूल्स इन माल्टा प्रोजेक्ट’ से बुजुर्गो और दिव्यांगों को भी जोड़ने की पहल की गई है’ छात्रों के साथ मिलकर पेड़-पौधों की देखभाल करेंगे, उन्हें रिश्तों और सामाजिक सरोकारों की अहमियत भी समझाएंगे
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