DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Wednesday, July 12, 2017

गोरखपुर : नौनिहालों के सपनों को लगे पंख, जताई खुशी, अब कान्वेंट की तरह दिखेंगे परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थी

बजट में प्रदेश सरकार परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों पर मेहरबान हुई है। अब तक सिर्फ नीतियां बन रहीं थीं लेकिन इस बार वह फाइलों से धरातल पर उतर आई है। इसके लिए सरकार ने पर्याप्त धन की व्यवस्था की है। खास बात यह है कि नए शैक्षिक सत्र में बच्चों को पुराने की जगह नया गणवेश और बैग मिलेगा। सिर्फ बैग के लिए ही 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। यही नहीं बच्चे अब नंगे पैर विद्यालय पढ़ने नहीं जाएंगे। उनके पैर में कांटा नहीं चुभेगा। उन्हें सरकार जूता और मोजा भी मुहैया कराएगी। इसके लिए 300 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। अब तक ठंड के दिनों में बच्चे ठिठुरते हुए पढ़ने जाते थे। लेकिन अब उन्हें ठंड नहीं लगेगी। वे भी स्वेटर पहनकर पढ़ने जाएंगे। इन सबके अलावा कक्षा आठ तक के छात्रों को निश्शुल्क किताबें भी मिलेंगी। जिसका वितरण शुरू हो चुका है। कुल मिलाकर अब बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे भी कान्वेंट की तरह दिखेंगे और पढ़ेंगे। सरकार के इस बजट ने परिषदीय विद्यालयों को भी कान्वेंट के समकक्ष खड़ा कर दिया है। शिक्षक, छात्र और अभिभावकों के सपनों को पंख लग गए हैं। उनका कहना है कि यह कल्पना जैसे लग रहा है। जहां शैक्षिक सत्र बीत जाने के बाद भी किताबें नहीं मिलती थीं, आज सरकार ने बच्चों को स्वेटर तक देने की घोषणा कर दी है।

अभिभावक विक्रमादित्य ने कहा कि पढ़ने वाले बच्चों को जूता, मोजा और स्वेटर भी मिलेगा। विश्वास ही नहीं हो रहा है। यह सपना जैसा लग रहा है। बच्चे अक्सर बिना चप्पल के ही विद्यालय पहुंच जाते थे। सरकार ने तो बच्चों की पूरी जिम्मेदारी ही अपने कंधे पर ले ली है।

अभिभावक, मुन्नी देवी ने कहा कि ठंड के दिनों में बेटी स्कूल जाने से कतराती थी। वह हमेशा नया स्वेटर की मांग करती है। सरकार बच्चों को स्वेटर भी दे रही है, यह सुनकर ही अच्छा लग रहा है। अब जाड़े के दिनों में भी वह रोजाना पढ़ने जाएगी। सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद।

छात्र कन्या ने कहा कि वह जब ड्रेस पहनकर स्कूल जाती थीं तो उसकी सहेलियां चिढ़ाती थीं। डेस का रंग अच्छा नहीं था। अब वह भी नया रंग-बिरंगा ड्रेस पहनकर स्कूल जाएगी। मैडम सर ने उसके ड्रेस का नाम ले लिया है। स्कूल जाने में बहुत अच्छा लगेगा। 11छात्र, रूपेश ने कहा कि अब वह रोजाना स्कूल जाएगा। मध्याह्न् भोजन के अलावा किताब, बैग, जूता, मोजा और स्वेटर भी मिलेगा। बहुत अच्छा लगेगा। अंग्रेजी स्कूल के उसके साथी अच्छे ढ़ंग से पढ़ने जाते हैं। वह भी नए ड्रेस में पढ़ने जाएगा। अब तो मम्मी-पापा से टाई भी खरीदवा लेंगे।

प्राथमिक विद्यालय चनगही प्रधानाध्यापक किरन ने कहा कि प्रदेश सरकार की यह योजना आने वाले दिनों में मील का पत्थर साबित होगी। गरीब परिवारों के लिए यह एक नया सबेरा है। अक्सर अभिभावक शिकायत करते थे कि ड्रेस का रंग अच्छा नहीं है। ठंड के दिनों में बच्चे ठिठुरते हुए नंगे पैर स्कूल पहुंचते थे

No comments:
Write comments