उत्तर प्रदेश में स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों का यौन उत्पीड़न बदस्तूर जारी है। कभी शोहदे कॉल करके परेशान कर रहे हैं, तो कभी कॉलेज के रास्ते में लड़कियां छेड़खानी की शिकार हो रही हैं। हालांकि फोन से उत्पीड़न की शिकायतें सबसे
ज्यादा हैं।
1090 (विमेन पावर लाइन) पर जनवरी 2017 से अक्टूबर तक के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। फोन से सार्वजनिक स्थानों पर व सोशल मीडिया के माध्यम से कुल 1,99464 महिलाएं यौन उत्पीड़न की शिकार हुई हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या कॉलेज जाने वाली छात्राओं की है। इनमें 20 से 25 साल की लड़कियां सबसे ज्यादा उत्पीड़न की शिकार हैं। शोहदे किसी तरह कॉलेज जाने वाली लड़कियों का फोन नंबर हासिल कर लेते हैं और उन्हें फोन पर अश्लील बातें करके परेशान कर रहे हैं।
1090 में आई कुल शिकायतों में
यूपी में 'कॉलेज गर्ल' यौन उत्पीड़न की सबसे ज्यादा शिकार
कुल दर्ज शिकायतें:
1,99,464
कुल निस्तारित:
1,90,359
जनवरी से अक्टूबर तक 1090 में दर्ज शिकायतें
कामकाजी
गैर
कामकाजी
39%
15%
46%
छात्राएं
किसका कितना उत्पीड़न
9,105 प्रक्रियाधीन
87% फोन द्वारा
09% सार्वजनिक
स्थानों पर
1.9 घरेलू हिंसा
0.1 अन्य
02% सोशल
साइट पर
पुलिस का रवैया सुधरे
यौन उत्पीड़न या छेड़खानी की शिकार लड़कियां पहले ही बदनामी के डर से डरी हुई होती हैं। उस पर पुलिस का रवैया लड़कियों के लिए बहुत सकारात्मक नहीं रहता। लड़कियों से कैसे पेश आएं, इसकी पुलिस वालों को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। यौन उत्पीड़न एक आपराधिक कृत्य है। इससे सख्ती से निपटना जरूरी है। बाकायदा मुकदमा फाइल होना चाहिए न कि केवल अपराधी को डांट-फटकारकर छोड़ देना। रेनू सिंह, कार्यकारी निदेशक, आली संस्था
लड़कों को बनाएं संवेदनशील
लड़कियों या महिलाओं को एक कमोडिटी के तौर पर देखा जाना बंद हो। परिवार, समाज और पुलिस मिलकर प्रयास करे। लड़कों को संवेदनशील बनाया जाए। लड़कों को इस प्रकार से शिक्षित किया जाए कि वे मूल्यों को भी पहचाने और उनके मन में कानून का डर भी रहे।
मधु गर्ग, प्रदेश अध्यक्ष, एडवा
फोन करके अश्लील बातें करते हैं शोहदे
20-25 साल की लड़कियों को करते हैं सबसे ज्यादा परेशान
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