जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी बुधवार को कक्षा दो और तीन के बच्चों के मुंह से 40 तक का पहाड़ा सुन दंग रह गए। आखिर हों भी क्यों ना जिन परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा के गिरते स्तर से सरकार की किरकिरी हो रही है। उनमें से एक विद्यालय में कैलकुलेटर जैसे तेज दिमाग के बच्चे भी तैयार हो रहे हैं। बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता से जिलाधिकारी इतने प्रभावित हुए कि अपने निजी फंड से विद्यालय विकास को 50 हजार रुपए दिए और नया हैंडपंप व दो शौचालय बनवाने की घोषणा की।
बात हम दस्यु प्रभावित क्षेत्र मानिकपुर विकास खंड के नया पुरवा प्राथमिक विद्यालय की कर रहे हैं। जिसके औचक निरीक्षण को जिलाधिकारी बुधवार को पहुंचे थे। हालांकि डीएम एक गौशाला में गौ पूजन समारोह में शामिल होने गए थे लेकिन वहां पर कार्यक्रम में देरी थी। तो इस विद्यालय में पहुंच गए। जिस समय वे पहुंचे विद्यालय खुला था और प्रार्थना की तैयारी चल रही थी। डीएम खुद प्रार्थना में शामिल हुए और राष्ट्रगान किया। इसके बाद उन्होंने बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता परखी तो बहुत प्रसन्न हुए। कक्षा दो और तीन में पढ़ने वाले सचिन, मुकेश और सूरज आदि ऐसे बच्चे थे जिनको 2 से 40 तक का पहाड़ा कंठस्थ है। इन बच्चों से डीएम ने जो भी पूछा एक सांस में सुना दिया। एक बच्ची आरती का तो अभी स्कूल में नाम भी नहीं लिखा है वह आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत थी उसने भी 12 तक पहाड़ा जिलाधिकारी को सुनाया तो वे दंग रह गए। उन्होंने विद्यालय के प्रधानाध्यापक अजय कुमार सिंह की पीठ थपथपाई और कहा कि इस विद्यालय को जिले का माडल स्कूल बनाएं जो भी जरुरत है उसके लिए उन्हें बताएं। डीएम ने अपने निजी फंड से 50 हजार रुपए देने की घोषणा की। साथ ही कहा कि जल्द ही विद्यालय में एक हैंडपंप और दो शौचालय का निर्माण कराएंगे। डीएम से विद्यालय के प्रधानाध्यापक अजय कुमार सिंह ने कहा कि उनका भी सपना है कि उनके विद्यालय के छात्र भी कान्वेंट विद्यालय के बच्चों जैसे स्मार्ट और होशियार हो इसके लिए वह जमकर मेहनत करते हैं। अपने खुद के बच्चों को भी इसी विद्यालय में पढ़ाते हैं लेकिन तमाम सुविधाओं का अभाव है विद्यालय में सिर्फ चार कक्ष हैं जो भरे रहते हैं।
स्कूल में 127 बच्चे पंजीकृत हैं और प्रतिदिन 90 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति रहती है। यदि एक दो और कक्ष हो जाएं तो वह विद्यालय में एक पुस्तकालय भी बनाना चाहते हैं
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