अनियमित रहने वाले बच्चों के घर जाएंगे जोड़ीदार बच्चे, राज्य परियोजना निदेशक की ओर से बीएसए को किया गया निर्देश
सगे-संबंधी छूट जाते हैं, लेकिन मित्र सुख-दुख में हमेशा साथ रहता है..। बेसिक शिक्षा विभाग अब इसी लाइन पर काम करेगा। परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्रओं की उपस्थिति को लेकर चिंतित बेसिक शिक्षा विभाग मित्रता का फामरूला अपनाएगा। विद्यालयों की हर कक्षा में मित्र जोड़ी बनाकर उपस्थिति बढ़ाई व स्थिर रखी जाएगी। जोड़ी में किसी एक छात्र या छात्र के विद्यालय न आने पर दूसरा मित्र उसके घर जाकर प्रेरित करेगा। विद्यालय लाएगा। राज्य परियोजना निदेशक ने इस फामरूले पर तुरंत अमल के निर्देश दिए हैं।
ऐसे होगा काम : मित्र जोड़ी साथ में विद्यालय आएगी और साथ ही घर वापस जाएगी। वह एक-दूसरे का ध्यान रखेंगे। बिना कारण अनुपस्थित रहने पर दूसरा मित्र उसे विद्यालय की रोचक चीजों की याद दिलाकर रिझाएगा। इस तरह विद्यालय में मित्रतापूर्ण व्यवहार की परंपरा डलेगी। शिक्षक-शिक्षिकाएं पांच दिन से ज्यादा गैरहाजिर रहने वालों पर नजर रखेंगे। उनके अभिभावकों से संपर्क किया जाएगा। ऐसे बच्चों की सूची बनाकर विद्यालय प्रबंध समिति पंजिका में अंकित किया जाएगा। उपस्थिति पंजिका के अंतिम कॉलम में बच्चे की उपस्थिति के दिन का योग लिखा जाएगा। प्रबंध समिति की अगली बैठक में उन बच्चों को लेकर अभिभावकों से चर्चा होगी। विद्यालय में गठित बाल संसद के छात्र-छात्रएं अनियमित रहने वाले बच्चों के घर जाकर अभिभावकों से मिलेंगे। रोज विद्यालय आने वाले बच्चों को प्रार्थना सभा में स्टार ऑफ द वीक से सम्मानित किया जाएगा। भोजन के बाद फन डे मनाया जाएगा। जिसमें गीत, कविता, लोकगीत, नाट्क मंचन आदि होंगे। जन्मदिन पर बच्चों को मंच पर बुलाकर शुभकामनाएं दी जाएंगी।
बालिका शिक्षा के लिए करेंगे प्रेरित : बालिका शिक्षा के लिए भी अलग व्यवस्था की जा रही है। उनके अभिभावकों से अलग से बात की जाएगी। विद्यालय में बालिकाओं के लिए संचालित योजनाओं के बारे में बताया जाएगा। उन्हें बालिका शिक्षा का महत्व समझाना होगा।
हर महीने शासन को जाएगी रिपोर्ट : राज्य परियोजना निदेशक की ओर से मुहैया कराए गए ¨बदुओं के आधार पर कार्य करने के बाद प्रगति रिपोर्ट तैयार होगी। हर महीने की 10 तारीख को ईमेल के माध्यम से रिपोर्ट भेजी जाएगी।
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