लखनऊ : योगी सरकार का 19 मार्च को एक वर्ष पूरा हो रहा है। सरकार की पर वैसे तो तमाम कार्य गिनाए जाएंगे इसमें यूपी बोर्ड की उपलब्धियों का भी बखान होगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. अवध नरेश शर्मा ने पिछले दिनों बोर्ड मुख्यालय पर नए शैक्षिक सत्र में पढ़ाई पर विशेष जोर देने का संकेत दिया था। उसका औपचारिक एलान के मौके पर करने की तैयारी है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड ने योगी सरकार बनने के बाद एक के बाद एक तमाम नव प्रयोग किए हैं। उसकी शुरुआत देश भर में समान शिक्षा से हुई। बोर्ड ने चंद माह में ही एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम अपनाने की रूपरेखा तैयार कर ली। आगामी अप्रैल से वह प्रदेश भर में लागू होने जा रहा है। साथ ही उसकी किताबों का टेंडर भी हो चुका है इस माह के अंत तक किताबें बाजार में होंगी। इसी तरह से विद्यालयों को मान्यता देने की व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। इसके लिए जुलाई से ऑनलाइन आवेदन लिए गए। अब जल्द ही मान्यता देने का कार्य शुरू होने जा रहा है।
यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल माफिया का गठजोड़ किसी से छिपा नहीं है वह परीक्षा केंद्र निर्धारण में ही सारी सेटिंग करते रहे हैं। उस परिपाटी को भी इस बार कंप्यूटर से परीक्षा केंद्र बनाकर तोड़ा गया है। इसीलिए पिछले वर्षो की अपेक्षा काफी कम संख्या में केंद्र बनाए गए।
परीक्षा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में नकल विहीन कराई गई जिससे 11 लाख से अधिक ने इम्तिहान छोड़ दिया है। जहां भी पेपर लीक या नकल होने की शिकायत मिली वहां दोबारा परीक्षा या प्रश्नपत्र बदला गया है। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सीसीटीवी कैमरे के सामने कराने की तैयारी है और परीक्षा परिणाम भी अप्रैल में आना तय है।
इसके अलावा पिछले वर्षो के अंक-सह प्रमाणपत्र वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि छात्र-छात्रएं व अभिभावक उसे आसानी से निकाल सकें और सरकारी महकमे बिना दौड़ लगाए जांच कर सकें। नए शैक्षिक सत्र से सीसीटीवी कैमरे के सामने पढ़ाई कराने की योजना बन चुकी है। उसका एलान सरकार के पर होने की उम्मीद है। परीक्षा की तरह ही पढ़ाई कराने का अभियान प्रदेश भर में चलेगा। यही नहीं आगे से परीक्षा परिणाम के आधार पर शिक्षकों की पदोन्नति आदि करने की भी तैयारी की जा रही है।
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