शिक्षा और शिक्षकों के कल्याण की बात करने वाले बेसिक शिक्षा से जुड़े संगठन शिक्षक भर्ती घोटाले पर आखिर क्यों खामोश हैं?
शैक्षिक समस्याओं को लेकर आए दिन विभाग और प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने वाले शिक्षक भर्ती घोटाले पर मौन साधे हुए हैं।
यही हाल जिले की सियासी जमात का भी है। इस बड़े भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर कोई सक्रिय नहीं है। इसके विपरीत सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोग प्रकरण को दबाने के प्रयास कर रहे हैं। वहीं सपा और कांग्रेस का कहना है कि यह भाजपा सरकार की विफलता का प्रमाण है। इसके लिए संघर्ष किया जाएगा। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा का कहना है कि भर्ती घोटाले में निपष्क्ष जांच के माध्यम से इस प्रकरण की पूरी सत्यता सामने आनी चाहिए। पिछले माह उच्चस्तरीय जांच करने आए डायरेक्टर बेसिक शिक्षा से मुलाकात कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की जा चुकी है। बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र चौधरी का कहना है कि भर्ती घोटाले में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में लखनऊ जाकर शिक्षा मंत्री सचिवालय में उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की है। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष तनवीर अहमद का कहना है कि शिक्षक भर्ती घोटाले के खिलाफ सपा कार्यकर्ता डीएम और एसएसपी से जल्द ही मुलाकात कर दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की जाएगी और संघर्ष किया जाएगा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अशोक चकलेश्वर का कहना है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो तो भर्ती में सत्ताधारी दल के लोगों की संलिप्ता सामने आएगी। सरकारी मशीनरी तो सरकार के सामने मजबूर है।
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