281 में मात्र 36 शिक्षकों ने किया विद्यालयों का चयन
प्रदर्शन शासन का सख्त निर्देश
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा प्रभात कुमार ने 20 की शाम तक समायोजन व परस्पर स्थानांतरण पूरा करने का निर्देश दिया है। बीएसए को चेतावनी देते हुए कहा कि समायोजन नहीं किया गया, वहां के बीएसए पर कार्रवाई होगी स्थानांतरण से आए, समायोजन में हटेंगे
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : उच्च प्राथमिक विद्यालयों पर सरप्लस शिक्षकों का समायोजन कर पाना शिक्षा विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। रविवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में शुरू हुई काउंसिलिंग का अधिकतर शिक्षकों ने बहिष्कार किया। शिक्षक सूची पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पहले दिन 281 शिक्षकों में से 39 ही काउंसिलिंग कराने पहुंचे। उनमें भी तीन ने विद्यालयों का चयन नहीं किया।
डायट परिसर में शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी भी की पर समायोजन के लिए गठित कमेटी ने समायोजन प्रक्रिया जारी रखी। शिक्षा विभाग का कहना है कि सोमवार को एक और मौका दिया जाएगा। शिक्षक नहीं आएंगे तो रोस्टर के अनुसार विद्यालय आवंटित कर दिए जाएंगे। डायट परिसर में एडीएम सिटी रजनीश चंद्र, डायट प्राचार्य जयप्रकाश व एसडीएम सदर तथा बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह की उपस्थिति में काउंसिलिंग शुरु हुई। शुरुआत में ही उप्र जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिला संयोजक आनंद राय ने सूची में अनियमितता का आरोप लगाते हुए काउंसिलिंग का विरोध शुरू कर दिया। थोड़ी देर तक नारेबाजी होती रही और काउंसिलिंग बाधित रही, लेकिन कुछ देर बाद कुछ शिक्षकों ने काउंसिलिंग में हिस्सा लिया। दोपहर बाद पहुंचे शिक्षक नेता नृपेंद्र सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों ने एक बार फिर हंगामा शुरू कर दिया। नृपेंद्र ने आरोप लगाया कि समायोजन सूची में अनियमितता बरती गई है। शिक्षक नेता आनंद राय ने कहा कि समायोजन के लिए प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक पद को खाली स्थान में नहीं दिखाया गया है। भाषा, विज्ञान तथा सामाजिक विषय के अध्यापकों को एक विद्यालय में रखने के नियम का पालन नहीं किया गया है।खजनी क्षेत्र के पूर्व मावि पगार से शिक्षक धर्मेद्र मिश्र परस्पर स्थानांतरण के जरिए कुछ दिन पहले ही चरगांवा क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय शिवपुर आए थे, लेकिन समायोजन में सरप्लस शिक्षक में उनका नाम भी आ गया। अब एक बार फिर दूर जाना पड़ सकता है।
हर बार हटाए जाते हैं जूनियर शिक्षक: काउंसिलिंग का विरोध करते हुए नृपेंद्र ने कहा कि हर बार विद्यालयों से जूनियर अध्यापकों को ही हटाया जाता है। जबकि नियम के अनुसार सीनियर एवं जूनियर अध्यापकों को तीन-तीन वर्ष के रोटेशन पर हटाना चाहिए। सीनियर कई वर्षो से एक ही जगह जमे हैं।1क्या कहता है शिक्षा विभाग: बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि सूची पारदर्शी तरीके से बनाई गई है। कुछ लोगों की आपत्तियां मिली हैं, उसकी जांच कराई जाएगी। आपत्तियां सही मिलीं तो कार्रवाई भी होगी। समायोजन में शिक्षकों की सुविधा के लिए ही काउंसिलिंग रखी गई है। सोमवार को एक और मौका मिलेगा, जो शिक्षक नहीं आएंगे उन्हें रोस्टर के अनुसार विद्यालय आवंटित कर दिए जाएंगे।डायट कार्यालय पर आयोजित प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की काउंसिलिंग का बहिष्कार करते शिक्षक-शिक्षिकाएं ’ जागरणशिक्षको को समझाते एसडीएम सदर गजेंद्र सिंह
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