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Friday, May 5, 2017

छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देगी सरकार, दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में लगेंगी कक्षाएं, लड़कियों के खिलाफ बढ़ रहीं घटनाओं पर कोर्ट में दिया आश्वासन,

लड़कियों ने हमलों से बचाव के सीखे गुर
हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई

लड़कियों के साथ बढ़ रहीं आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली सरकार अब अपने स्कूलों में छात्रओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देगी। जल्द ही इसके लिए अलग से कक्षाएं शुरू की जाएंगी। बृहस्पतिवार को इस बारे में हाई कोर्ट के सुझाव पर दिल्ली सरकार ने यह आश्वासन दिया। न्यायमूर्ति एस रविन्द्र भट्ट व न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की खंडपीठ द्वारा इस संबंध में दिए सुझावों को स्वीकार कर सरकार के वकील राहुल मेहरा ने आश्वासन दिया कि आगामी कुछ ही महीनों में सभी स्कूलों में लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाएगा।

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सरकार के वकील से पूछा कि क्या आत्मरक्षा का विषय स्कूल के पाठ्यक्रम का हिस्सा बन सकता है। अदालत का मानना था कि आत्मरक्षा की कक्षाएं देने पर छात्रओं का आत्मबल बढ़ेगा और वह खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। खंडपीठ ने सुझाव देते हुए कहा कि छात्रओं को आत्मरक्षा की कक्षाएं दें, सुरक्षा करने की नई तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान करें। यहां तक की उन्हें अपने बचाव के लिए मिर्च का स्प्रे आदि का खर्च भी दिया जा सकता है।

अदालत ने 16 दिसंबर 2012 वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म के बाद राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया था। अदालत उसी याचिका पर सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहंिदू ने अदालत को बताया कि दिल्ली पुलिस द्वारा करीब 60 स्कूलों में आत्मरक्षा का शिविर लगाया जाता है। लेकिन यह संख्या काफी कम है। इस पर अदालत ने कहा इस काम में स्वयंसेवियों की मदद भी ली जा सकती है। स्वाति ने कहा कि दिल्ली में अपराध से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम है। वर्तमान में औसतन प्रति वर्ष दुष्कर्म की 1500 से 1700 और हत्या की करीब एक हजार वारदात होती हैं। वर्तमान में राजधानी में 76,000 पुलिसकर्मी हैं और कम से कम 54482 पुलिसकर्मियों की जरूरत है। 1केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि गृह मंत्रलय ने केवल 14753 नये पदों की मंजूरी दे दी है वहीं, दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से अधिवक्ता मीरा भाटिया ने कहा कि राजधानी में दुष्कर्म पीड़ित मुआवजा योजना में सरकार उचित मात्र में फंड उपलब्ध नहीं करवा रही। वर्तमान में उनके पास फंड की कमी के कारण 308 मामले लंबित हैं। जवाब देते हुए सरकार के वकील ने आश्वासन दिया कि 40 करोड़ रुपये उन्हें उपलब्ध कराए जाएंगे। मंत्रिमंडल से इसकी मंजूरी मिल गई है। अदालत ने सरकार को फिलहाल प्राधिकरण को तुरंत आठ करोड़ रुपये जारी करने का निर्देश दिया।जासं, दक्षिणी दिल्ली: शेख सराय स्थित एपीजे स्कूल में दिल्ली पुलिस की ओर से 10 दिवसीय आत्मरक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें तीन मॉड्यूल सेल्फ डिफेंस, साइबर क्राइम व कानूनी अधिकारी शामिल थे। लड़कियों ने कुछ आम आपराधिक हमलों और विशेष आपराधिक हमलों के खिलाफ अपना बचाव करने के लिए कुछ मार्शल आर्ट तकनीक सीखी। दक्षिणी दिल्ली के अतिरिक्त डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बढ़ती साइबर अपराध के बारे में भी बच्चों को बताया। उन्होंने बच्चों को बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का किस तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है। छात्रों को फेसबुक, वाट्सऐप, यू-ट्यूब, स्नैपचैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म सर्फिग के दौरान बरती जाने वाली सावधानी, साइबर क्राइम और साइबर लॉ की जानकारी दी गई।

नई दिल्ली : महिलाओं व बच्चियों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ न मिलने पर हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार के प्रति नाराजगी जताई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति अनु मल्होत्र की खंडपीठ ने कहा कि इससे पहले की कोर्ट इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करे सरकारें खुद जांच करें की जरूरतमंद तक उनकी योजनाएं पहुंच भी रहीं हैं या नहीं। अदालत के समक्ष दायर कई याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि आंगनबाड़ी, इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना, जानकी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम आदि सरकारी योजनाओं का महिलाओं व बच्चियों को लाभ नहीं मिल रहा है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि क्या उनके पास इस बारे में कोई आंकड़े हैं, संतोषजनक उत्तर न मिलने पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि याचिका दाखिल करने से पहले आप लोग रिसर्च क्यों नहीं करते।

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