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Tuesday, May 21, 2024

सभी विश्वविद्यालय 21 दिनों में जारी करें परीक्षा परिणाम, राज्यपाल ने दिया अल्टीमेटम

सभी विश्वविद्यालय 21 दिनों में जारी करें परीक्षा परिणाम, राज्यपाल ने दिया अल्टीमेटम 


लखनऊ : अब सभी विश्वविद्यालयों को परीक्षा समाप्त होने के बाद 21 दिनों में परिणाम जारी करना होगा। सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुलपतियों को निर्देश दिए कि वह परीक्षा परिणाम घोषित करने में तत्परता दिखाएं और निर्धारित समय-सीमा का सख्ती से पालन करें। 

तीन नव स्थापित विश्वविद्यालयों के कार्यों की समीक्षा बैठक में सुधार के लिए उन्होंने कई कदम उठाने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने नव स्थापित महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़, राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय अलीगढ़ और मां शाकुंभरी देवी राज्य विश्वविद्यालय सहारनपुर के प्रगति की समीक्षा की।


 इन विश्वविद्यालयों से संबंधित डिग्री कालेजों के फीस निर्धारण के लिए नियम बनाने और नैक मूल्यांकन के लिए समन्वयक तैनात करने के भी निर्देश दिए। कहा कि परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं। राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को निर्देश दिए हैं कि वह गर्ल्स हास्टल में महीने में एक दिन छात्राओं को उनका मनपसंद भोजन बनाने की छूट दें। उन्हें स्वयं अपना भोजन बनाने के लिए प्रेरित किया जाए। सप्ताह में एक दिन विद्यार्थी व शिक्षक मिलकर विश्वविद्यालय परिसर की सफाई करें।

77 निजी डीएलएड कालेजों में प्रवेश शून्य, 46,000 सीटें रह गई खाली, सीधे प्रवेश लेने की अनुमति के बाद भी नहीं भरी जा सकी सीटें

77 निजी डीएलएड कालेजों में प्रवेश शून्य, 46,000 सीटें रह गई खाली

• सीधे प्रवेश लेने की अनुमति के बाद भी नहीं भरी जा सकी सीटें

• पांच वर्ष से प्राथमिक शिक्षक भर्ती नहीं आने से घटा रुझान


प्रयागराज : बेसिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण के प्रति छात्र-छात्राओं का रुझान भर्ती नहीं आने के कारण घट रहा है। इसका अनुमान इसी से लगता है कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सहित निजी संस्थानों में सीधे प्रवेश लेने की अनुमति के बावजूद सीटें खाली रह गईं। इतना ही नहीं, प्रदेश में 77 ऐसे निजी संस्थान हैं, जिनमें कोई प्रवेश नहीं हुआ। अन्य प्रशिक्षण संस्थानों की सीटों को मिलाकर 46,041 सीटें खाली रह गईं।


डीएलएड प्रशिक्षण के लिए प्रदेश भर में 66 डायट एवं एक सीटीई कालेज वाराणसी में है। इन संस्थानों में कुल 10,600 सीटें हैं। इसके अलावा 3045 निजी डीएलएड संस्थान में कुल मिलाकर 2,28,200 सीटें हैं। इस तरह कुल 3112 संस्थानों की 2,38,800 सीटों पर प्रवेश के लिए उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने आनलाइन आवेदन मांगे थे। इसमें 267 अल्पसंख्यक प्रशिक्षण संस्थानों की 12,625 सीटें भी शामिल हैं। 


सीटों के सापेक्ष आवेदन नहीं आने पर अंतिम तिथि बढ़ाई भी गई, इसके बावजूद कालेजों की सभी सीटें भरी नहीं जा सकीं। इस स्थिति को देखते हुए शासन के निर्देश पर पीएनपी सचिव ने रिक्त रह गईं सीटों पर सीधे प्रवेश लेने की अनुमति दी। सचिव ने बताया कि अल्पसंख्यक कालेजों की सीटों को छोड़कर निजी संस्थानों की 2,15,575 सीटों पर प्रवेश के लिए काउंसिलिंग कराई गई, जिसके सापेक्ष 1,82,938 सीटों पर छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिए। इसके अलावा अल्पसंख्यक कालेजों में 9821 सीटों पर लिए गए प्रवेश को मिलाकर कुल 1,92,759 प्रवेश हुए। इस तरह कुल 46,041 सीटें खाली रह गईं।

माध्यमिक शिक्षा: विद्यालयों में गठित Eco clubs (इको क्लब) के अन्तर्गत Summer Camps (समर कैम्प) आयोजित किये जाने के संबंध में आदेश जारी

छुट्टियों के दौरान माध्यमिक विद्यालयों में लगेंगे समर कैंप, छुट्टियों में विद्यालय खोले जाने को लेकर शिक्षकों में नाराजगी

छुट्टी में भी आयोजन को लेकर शिक्षकों में नाराजगी


लखनऊ। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में भी मंगलवार से गर्मी की छुट्टियां हो जाएंगी। हालांकि विभाग ने जून के पहले सप्ताह में पर्यावरण दिवस पर छुट्टियों के दौरान स्कूलों में समर कैंप आयोजित कराने के निर्देश दिए हैं। एक सप्ताह के इस कैंप में विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। वहीं शिक्षकों में छुट्टियों में विद्यालय खोले जाने को लेकर नाराजगी है।

विभाग के अनुसार विद्यालयों में गठित ईको क्लब के माध्यम से एनईपी के तहत पर्यावरण जागरूकता, जल संरक्षण, सफाई व स्वास्थ्य आदि कौशल विकास के लिए समर कैंप आयोजित किए जाएं। इसमें पांच जून को विद्यार्थियों को प्राकृतिक व पर्यटन स्थलों का भ्रमण, पौधरोपण कर जागरूक करना होगा। छह जून को विद्यालय के किचन गार्डेन में विद्यार्थियों को शामिल करने, पुरानी बाल्टी, बोतल में पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

कहा गया है सात जून को ई- कचरा इकट्ठा करने का अभियान और विद्यालय पर बूथ स्थापित कर विद्यार्थियों को इसके लिए जागरूक करें। आठ जून को स्वच्छता अभियान चलाएं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा है कि इसी तरह नौ जून को ऊर्जा बचाने, दस जून को पानी बचाने, 11 जून को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग न करने के लिए जागरूक करना है। 

उन्होंने सभी डीआईओएस को इसके अनुसार कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है। वहीं उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट ने 21 मई से 30 जून को गर्मी की छुट्टियों में कार्यक्रम निर्धारित करने पर नाराजगी जताई है। ओपी त्रिपाठी ने कहा कि इस भीषण गर्मी में छात्रों को टूर या गतिविधियां कराना संभव नहीं है। वहीं शिक्षक बाहर जाने के लिए आरक्षण तक करा चुके हैं। विभाग को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।


माध्यमिक शिक्षा: विद्यालयों में गठित Eco clubs (इको क्लब) के अन्तर्गत Summer Camps (समर कैम्प) आयोजित किये जाने के संबंध में आदेश जारी 

Monday, May 20, 2024

स्मार्ट क्लास के लिए बेसिक शिक्षकों का होगा एक दिवसीय प्रशिक्षण

स्मार्ट क्लास के लिए बेसिक शिक्षकों का होगा एक दिवसीय प्रशिक्षण


लखनऊ, : समग्र शिक्षा के अन्तर्गत विद्यालयों में स्थापित कराये जा रहे स्मार्ट कक्षाओं के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण कराया जायेगा। इस संबंध में डायट पर एक दिवसीय प्रशिक्षण निर्धारित किया गया है।


प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कम्पोजिट एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में मौजूदा समय में स्मार्ट कक्षाओं की स्थापना की जा रही है। नये शैक्षिक सत्र में अधिक से अधिक स्कूलों में स्मार्ट कक्षा संचालित हो सके इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। 

इसी क्रम में प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण कराये जाने के निर्देश जारी किए गये हैं। इसके साथ ही समय सारिणी के अनुसार जिलों के मास्टर ट्रेनर्स व खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने के लिए निर्देशित किया गया है।

Sunday, May 19, 2024

एनपीएस लागू होने के बाद नौकरी पाए शिक्षक नहीं हैं पेंशन के हकदार – हाईकोर्ट

एनपीएस लागू होने के बाद नौकरी पाए शिक्षक नहीं हैं पेंशन के हकदार – हाईकोर्ट 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर निवासी सुषमा यादव की विशेष अपील खारिज की


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू होने की तिथि के बाद नियुक्त हुए सहायक अध्यापक पुरानी पेंशन के हकदार नहीं हैं। भले ही उनका चयन एनपीएस लागू होने से पहले हुआ हो। न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश देते हुए गाजीपुर निवासी सुषमा यादव की विशेष अपील खारिज कर दी।


याचिका में सिंगल बेंच के चार मार्च 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी। सिंगल बेंच ने याची को पुरानी पेंशन का लाभ देने से इन्कार कर दिया था। याची का कहना था कि उसका चयन एक अप्रैल 2005 को एनपीएस लागू होने की तिथि से पहले हुआ था। ऐसे में उसे पुरानी पेंशन मिलनी चाहिए। याची ने आठ मार्च 1998 को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। मगर उसे 2006 को नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ। 


उसने पुरानी पेंशन के लिए बीएसए गाजीपुर व अन्य अधिकारियों को प्रत्यावेदन दिया मगर उन्होंने स्वीकार नहीं किया। याची ने कहा कि चयन प्रक्रिया 1998 में शरू हुई हुई। मगर नियोजकों ने उसे पूरा नहीं किया और कोर्ट के आदेश के बाद उसे 2006 में नौकरी मिल सकी। इसमें उसकी कोई गलती नहीं है। 


याची अधिवक्ता ने नंदलाल केस का हवाला देते हुए कहा की चयन प्रक्रिया यदि नई पेंशन योजना लागू होने से पहले शुरू हो चुकी है और नियुक्ति नई पेंशन लागू होने के बाद मिली है तो वह पुरानी पेंशन का लाभ पाने की हकदार है। वहीं मुख्य स्थाई अधिवक्ता विपिन बिहारी पांडे ने कहा कि नंदलाल केस याची के मामले में लागू नहीं होता है।


कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी। कहा कि याची का चयन और नियुक्ति नई पेंशन योजना लागू होने के बाद हुई है। याची ने नियुक्ति के 17 वर्षों के बाद पुरानी पेंशन की मांग की है। नियुक्ति के दौरान इसपर कोई आपत्ति नहीं की थी। इसलिए उसे पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल सकता।


अवमानना नोटिस नहीं लेने पर बेसिक शिक्षा निदेशक को हाईकोर्ट ने किया तलब

अवमानना नोटिस स्वीकार नहीं करने पर बेसिक शिक्षा निदेशक को हाईकोर्ट ने किया तलब


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर जारी नोटिस स्वीकार नहीं करने पर निदेशक बेसिक शिक्षा, लखनऊ को जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिया है कि सीजेएम लखनऊ के समक्ष हाजिर होकर 20 हजार रुपये का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल कर अगली सुनवाई 17 मई को व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में हाजिर हों। 


यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की कोर्ट ने दीपक गुप्ता की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूर्व बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल को नोटिस जारी किया था। 14 मई को नोटिस का जवाब देना था। कोर्ट को बताया गया कि बघेल ने यह कहकर स्वीकार नहीं किया कि अब वह निदेशक बेसिक शिक्षा के पद पर हैं और नोटिस सचिव बेसिक शिक्षा के लिए है। 


इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, निदेशक ने दोहरी अवमानना की है। एक तो आदेश का पालन नहीं किया और दूसरा नोटिस लेने से इन्कार कर दिया। कहा, अवमानना की कार्यवाही अवमानना करने वाले के लिए व्यक्तिगत होती है। यदि अदालत ने नोटिस जारी किया है तो यह उनकी जिम्मेदारी है कि स्वीकार कर जवाब दें।

याची का वेतन बकाया है तो इसका भुगतान किया जाना चाहिए, सरकार की वित्तीय स्थिति चाहे जो हो, सरकार की सुविधानुसार लागू नहीं होता कानून: हाईकोर्ट

याची का वेतन बकाया है तो इसका भुगतान किया जाना चाहिए, सरकार की वित्तीय स्थिति चाहे जो हो

सरकार की सुविधानुसार लागू नहीं होता कानून: हाईकोर्ट


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षिका का बकाया वेतन भुगतान न करने और फंड की कमी का हवाला देने पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि कानून अपने तरीके से काम करता है न कि राज्य सरकार की सुविधा के अनुसार। 


यदि याची का वेतन बकाया है तो इसका भुगतान किया जाना चाहिए, सरकार की वित्तीय स्थिति चाहे जो भी हो। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की कोर्ट ने यह आदेश अलीगढ़ की संतोष कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा लखनऊ से इसपर जवाब मांगा था।


वाराणसी में सबसे ज्यादा 52 और प्रयागराज में 33 केन्द्रों पर होगी 9 जून को बीएड प्रवेश परीक्षा

बीएड : वाराणसी में सबसे ज्यादा 52 और प्रयागराज में 33 केन्द्रों पर होगी 9 जून  को बीएड प्रवेश परीक्षा 

नौ जून को 468 केंद्रों पर होनी है परीक्षा, 2.21 लाख अभ्यर्थी होंगे शामिल


झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से नौ जून को होने वाली बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए पूरे प्रदेश में 468 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। प्रदेश में वाराणसी में सबसे ज्यादा 52 परीक्षा केंद्र बने हैं। जबकि, सीतापुर समेत पांच जिलों में सबसे कम यानी दो-दो ही परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।


बीएड प्रवेश परीक्षा में इस बार 2.21 लाख छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। बीयू कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा परीक्षार्थी होने के कारण सर्वाधिक 52 केंद्र वाराणसी में बनाए गए हैं। जबकि प्रयागराज में 33 और गोरखपुर में 30 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। 


वहीं, बलिया में 20, जौनपुर में 19, गाजियाबाद में 18, अंबेडकर नगर में 17, लखनऊ, आगरा, कुशीनगर में 15-15, आजमगढ़, कानपुर नगर, गाजीपुर, देवरिया में 14-14, मेरठ में 11, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, चंदौली में 10-10 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन जिलों में बने 10 से कम केंद्र प्रवेश परीक्षा के लिए अयोध्या में नौ, सुल्तानपुर, मुरादाबाद में आठ आठ, प्रतापगढ़ में सात, बरेली, बस्ती, मऊ में छह-छह और बिजनौर, इटावा में पांच-पांच केंद्रों पर परीक्षा होगी। बाराबंकी, बुलंदशहर, एटा, जालौन, झांसी, लखीमपुर खीरी, मथुरा, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर में चार- चार केंद्र बने हैं। वहीं अमरोहा, बांदा, भदोही, बदायूं, गोंडा, हरदोई, रायबरेली, शाहजहांपुर, महाराजगंज में तीन- तीन परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।


इसके अलावा बहराइच, पीलीभीत, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर, सोनभद्र में कम परीक्षार्थी होने के कारण दो-दो ही परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।




51 जिलों में सवा दो लाख अभ्यर्थी 9 जून को देंगे बीएड प्रवेश परीक्षा 

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को लगातार दूसरी बार बीएड प्रवेश परीक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई है। परीक्षा उत्तर प्रदेश के 51 जिलों में होगी जिसमें करीब दो लाख 21 हजार छात्र-छात्राएं हिस्सा लेंगे। रजिस्ट्रार विनय कुमार सिंह ने बत्ताया कि यूपी के 468 केंद्रों पर बीएड प्रवेश परीक्षा नौ जून को कराई जाएगी।



यूपी बीएड : 9 जून को 51 जिलों के 468 केंद्रों पर प्रवेश परीक्षा

बीयू ने सभी जिलों को भेजी केंद्रों की संख्या की सूची, छह-सात जून को रवाना होंगी टीमें

झांसी। नौ जून को प्रदेश के 468 केंद्रों में बीएड प्रवेश परीक्षा होगी। बुंदेलखंड विवि ने सभी जिलों को परीक्षा केंद्रों की संख्या की सूची भेज दी है। छह और सात जून को बीयू की सभी टीमें केंद्रों के लिए रवाना होंगी। परीक्षा को लेकर बृहस्पतिवार को हुई कुलपतियों की ऑनलाइन बैठक में बीयू अफसरों की तरफ से कई अहम जानकारियां दी गईं।



बीयू की तरफ से कराई जाने वाली बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए इस बार 2,21,492 छात्र-छात्राओं ने फॉर्म भरा है। नौ जून को प्रदेश के 51 जिलों में प्रवेश परीक्षा होनी है। इसको लेकर बीयू ने 468 परीक्षा केंद्र बनाए हैं। कुलपतियों की ऑनलाइन बैठक के बाद कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि सभी जिलों को केंद्रों की संख्या की सूची भेज दी गई है कि कहां कितने केंद्र होंगे।


जिला प्रशासन से चर्चा करके जिला समन्वयक शिक्षण संस्थानों को केंद्र बनाएंगे। छह-सात जून को बीयू से टीमें रवाना हो जाएंगी। आठ जून को नोडल समन्वयक, जिला समन्वयक, ऑब्जर्वर और जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के साथ बैठक होगी। बताया गया कि दो पालियों में परीक्षा होगी। सात जून तक सभी जिलों के कोषागार में प्रश्नपत्र पहुंच जाएंगे। सिटी इंचार्ज, बीयू के प्रतिनिधि, जिला समन्वयक, डिप्टी नोडल अधिकारी, कोषाधिकारी इन पेपरों को सुरक्षित रखवाएंगे।


नौ जून की सुबह पांच बजे पहली पाली की परीक्षा के लिए कोषागार से केंद्रों को प्रश्नपत्र भिजवाए जाएंगे। दूसरी पाली के लिए सुबह नौ बजे कोषागार से पेपर केंद्रों को पेपर भिजवाए जाएंगे। उत्तर पुस्तिका की तीन प्रतियां होंगीं। एक प्रति परीक्षार्थी ले जा सकेंगे। एक प्रति कोषागार में जमा होगी। जबकि, मूल प्रति बीयू की टीम लेकर आएगी।

कमजोर विद्यार्थियों के लिए चलेंगी विशेष कक्षाएं, माध्यमिक विद्यालयों में तैयार होंगे अलग पाठ्यक्रम, शिक्षण कार्यों की होगी मॉनिटरिंग

कमजोर विद्यार्थियों के लिए चलेंगी विशेष कक्षाएं, माध्यमिक विद्यालयों में तैयार होंगे अलग पाठ्यक्रम, शिक्षण कार्यों की होगी मॉनिटरिंग


लखनऊ । सूबे के माध्यमिक विद्यालयों में कमजोर विद्यार्थियों की पहचान की जाएगी। इन विद्यार्थियों के लिए अलग पाठ्यक्रम तैयार कर शिक्षक विशेष कक्षाएं संचालित करेंगे। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा कमजोर विद्यार्थियों के शिक्षण कार्यों की हर महीने मॉनिटरिंग होगी। शिक्षक इन विद्यार्थियों के शिक्षण कार्यों की रिपोर्ट तैयार करेंगे, ताकि इन बच्चों में हो रहे सुधार का पता चल सके।


 माध्यमिक विद्यालयों में जुलाई से विशेष प्रतिभाशाली व सामान्य से कमजोर विद्यार्थियों की पहचान की जाएगी। चयन के बाद कमजोर विद्यार्थियों के लिए विद्यालय स्तर पर विशेष कक्षाएं संचालित होंगी। इन विशेष कक्षाओं के लिए शिक्षक अलग से पाठ्यकम तैयार करेंगे।


 इसके साथ ही इन विद्यार्थियों को बेहतर बनाने के लिए विद्यालय प्रधानाचार्य द्वारा विशेष संबोधन दिया जाएगा। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। डीआईओएस सरदार सिंह ने बताया कि जुलाई महीने में विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों की पहचान होने के बाद उनको विशेष तौर पर आगे बढ़ाया जाएगा।

ग्रीष्मावकाश: परिषदीय विद्यालय 17 जून व इंटर कॉलेज 30 जून तक बंद

ग्रीष्मावकाश: परिषदीय विद्यालय 17 जून व इंटर कॉलेज 30 जून तक बंद


सूबे के कक्षा एक से आठ तक स्कूलों में शनिवार को गर्मी की छुट्टी घोषित कर दी गई। शिक्षासत्र के मुताबिक 20 मई से ग्रीष्मावकाश घोषित था, इसलिए शनिवार से ही स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। परिषदीय स्कूल अब 18 जून को खुलेंगे। 

इधर, माध्यमिक शिक्षा विभाग के हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में 30 जून तक गर्मी का अवकाश घोषित किया गया है। इंटर कॉलेज अब एक जुलाई को खुलेंगे। 




परिषदीय विद्यालयों में कल से ग्रीष्मकालीन अवकाश

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में इस बार 19 मई से गर्मी की छुट्टियां प्रारंभ हो रही हैं। छुट्टी के दौरान बच्चों को होमवर्क दिया जाएगा। साथ ही शिक्षक ऑनलाइन बच्चों को पढ़ाएंगे। 



बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित विद्यालय जिसमें एक अप्रैल से शैक्षिक सत्र शुरू हो गया था। नामांकन की प्रक्रिया अभी चल रही है। इस साल 18 मई के बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू होगा, जो 17 जून तक चलेगा। 

अभी तक भीषण गर्मी पड़ रही है। जिससे परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को कड़ी धूप में आने- जाने में परेशानी हो रही है, लेकिन गर्मी की छुट्टी होने से बच्चों की परेशानी अब दूर हो जाएगी।




ग्रीष्मावकाश 20 मई से 15 जून

नोट - ग्रीष्मावकाश 20 मई से ही प्रारम्भ हो जाएगा अर्थात 20 मई से ही विद्यालयों में अवकाश रहेगा।

➡️ इस बार 18 मई को विद्यालय का अंतिम दिवस होगा (19 मई रविवार)
➡️ 16 जून रविवार 17 जून ईद उल जुहा का अवकाश होने के कारण 18 जून को ही विद्यालय खुलेगे।

Saturday, May 18, 2024

मई के दूसरे सप्ताह में दीक्षा एप से पढ़ाने में सीतापुर अव्वल, महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जारी की जिलेवार रैंकिंग

मई के दूसरे सप्ताह में दीक्षा एप से पढ़ाने में सीतापुर अव्वल, महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जारी की जिलेवार रैंकिंग

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मई के प्रथम सप्ताह में दीक्षा एप से पढ़ाने में प्रयागराज अव्वल, महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जारी की जिलेवार रैंकिंग

प्रतापगढ़ तीसरे, सीतापुर चौथे, जौनपुर पांचवें स्थान पर, संभल, हमीरपुर और चित्रकूट का प्रदर्शन निराशाजनक

प्रयागराज । दीक्षा एप की मदद से पढ़ाने में प्रयागराज के शिक्षक पूरे प्रदेश में अव्वल हैं तो वहीं राजधानी लखनऊ का दूसरा स्थान है। तकनीक की सहायता से परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालय के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से दीक्षा एप पर शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई गई है।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से जारी जिलों की रैंकिंग में प्रयागराज के शिक्षकों ने मई के प्रथम सप्ताह में 26772 डिवाइस (मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट आदि) का उपयोग करते हुए कुल 49823 सामग्री से बच्चों को पढ़ाने की कोशिश की है।


इस रैंकिंग में लखनऊ का दूसरा स्थान है। लखनऊ में 16430 डिवाइस से 48151, जबकि तीसरा स्थान पाने वाले प्रतापगढ़ के शिक्षकों ने 13311 डिवाइस से 43448 सामग्री का उपयोग किया है। चौथा नंबर पाने वाले सीतापुर में 122229 डिवाइस से 35533 और पांचवें स्थान पर रहे जौनपुर में 7566 डिवाइस से 23143 सामग्री का उपयोग किया गया। मई के पहले सप्ताह में प्रदेश के सभी 75 जिलों में 286888 डिवाइस से दीक्षा एप पर कुल 818397 शैक्षणिक सामग्री से बच्चों को पढ़ाया गया है। 


संभल, हमीरपुर और चित्रकूट का प्रदर्शन निराशाजनक

दीक्षा एप के उपयोग में सबसे निराशाजनक प्रदर्शन संभल का है। यहां 428 डिवाइस से 1287 सामग्री का उपयोग किया गया। 74वें स्थान पर हमीरपुर है जहां 932 डिइवाइस से 2634 सामग्री से अध्यान हुआ, जबकि 73वें स्थान पर चित्रकूट है जहां 1017 डिवाइस से बच्चों को 2990 कंटेंट दिखाया गया।

हाईकोर्ट ने क्षेत्रीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों के आदेशों को किया रद्द, माध्यमिक शिक्षकों का नियमितीकरण न करने के खिलाफ 37 याचिकाएं मंजूर

हाईकोर्ट ने क्षेत्रीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों के आदेशों को किया रद्द, माध्यमिक शिक्षकों का नियमितीकरण न करने के खिलाफ 37 याचिकाएं मंजूर 


लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश के माध्यमिक विद्यालय शिक्षकों के नियमितीकरण मामले में अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षकों का नियमितीकरण न करने के खिलाफ 37 याचिकाएं मंजूर कर इनमें चुनौती दिए गए क्षेत्रीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों के आदेशों को रद्द कर दिया। वहीं, सभी याची शिक्षकों को सेवा में बहाल रखकर वेतन देने के आदेश दिए हैं।


न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह की एकल पीठ ने शुक्रवार को यह फैसला और आदेश तीर्थराज समेत अन्य शिक्षकों की 37 याचिकाओं को मंजूर करके दिया। याचिकाओं में प्रदेश के क्षेत्रीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों के अध्यक्षता वाली क्षेत्रीय समितियों के उन आदेशों को चुनौती दी गई थी, जिनमें याची शिक्षकों के सेवा में नियमितीकरण को खारिज कर दिया गया था।


शिक्षकों का कहना था कि वे समय-समय पर नियुक्त हुए। 23 मार्च 2016 से अधिनियम में 33- जी धारा जोड़ी गई। इसके तहत क्षेत्रीय समितियों को याचियों के नियमितीकरण मामले में गहराई से परीक्षण करना चाहिए था। दलील दी गई कि क्षेत्रीय समितियों ने इस कानूनी प्रावधान की उपेक्षा कर संबंधित प्रबंध समिति से प्रत्येक याची शिक्षक का रिकॉर्ड देखना सुनिश्चित किए बिना नियमितीकरण खारिज करने का आदेश दिया। यह कानून की मंशा के खिलाफ होने की वजह से रद्द करने योग्य है। 


उधर, सरकारी वकील ने याचिकाओं का विरोध किया। कोर्ट ने कई नजीरों का हवाला देते हुए कहा कि सभी मामलों में नियमितीकरण खारिज करने के आदेश संबंधित प्रबंध समितियों और डीआईओएस से बिना रिकॉर्ड मांगे एक ही तरह से पारित किए गए। यह त्रुटिपूर्ण है। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने याचिकाओं में चुनौती दिए गए आदेशों को रद्द कर याचिकाएं मंजूर कर लीं। साथ ही मामलों को वापस भेजकर इनमें क्षेत्रीय समितियों को तीन माह में नए आदेश पारित करने को कहा है।

राज्य विवि में कर सकेंगे चार वर्षीय स्नातक एवं एक साल का पीजी कोर्स, नई शिक्षा नीति के तहत एक वर्ष में सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद भी मिलेगा डिप्लोमा

राज्य विवि में कर सकेंगे चार वर्षीय स्नातक एवं एक साल का पीजी कोर्स

नई शिक्षा नीति के तहत एक वर्ष में सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद भी मिलेगा डिप्लोमा


प्रयागराज। प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भय्या विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत दाखिले एवं डिग्री देने की पूरी व्यवस्था बदल दी गई है। इसके तहत स्नातक में दाखिला लेने वाले विद्यार्थी बीच में पढ़ाई छोड़ते हैं तब भी डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। इतना ही नहीं स्नातक तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के विद्यार्थी चार वर्षीय पाठ्यक्रम में भी दाखिला ले सकेंगे। साथ ही इसके बाद एक साल की पढ़ाई करके परास्नातक की डिग्री पा सकेंगे।


नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों में बहु प्रवेश एवं बहु निकास की व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत स्नातक में दाखिला लेने वाला विद्यार्थी एक साल में पढ़ाई छोड़ देता है तो सर्टिफिकेट दिया जाएगा। वहीं दो साल पर डिप्लोमा दिया जाएगा। तीन साल पर डिग्री दी जाएगी। विद्यार्थी चार साल की पढ़ाई करके ऑनर्स की डिग्री हासिल कर सकेंगे। इसके बाद एक साल की पढ़ाई करके परास्नातक की डिग्री ले सकेंगे।


विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों में यह व्यवस्था इसी सत्र से लागू कर दी गई है। खास यह कि यह सुविधा वर्तमान में पंजीकृत विद्यार्थी भी ले सकते हैं। तीन साल की पढ़ाई के बाद उन्हें एक विषय के साथ चौथे वर्ष में दाखिला लेना होगा। पढ़ाई पूरी करने के बाद ऑनर्स की डिग्री दी जाएगी। इसके बाद परास्नातक की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। 


चार साल के स्नातक के बाद कर सकेंगे नेट-पीएचडी : यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार चार वर्षीय स्नातक कोर्स करने के बाद सीधे नेट कर सकेंगे। इसके अलावा पीएचडी में भी दाखिला ले सकेंगे। हालांकि, इसके बाद उन्हें एक वर्ष का कोर्स वर्क करना होगा।


वहीं परास्नातक की पढ़ाई के बाद पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वालों को कोर्स वर्क से छूट दी जाएगी। राज्य विश्वविद्यालय में इसकी नियमावली तैयार कर ली गई है। एकेडमिक काउंसिल की अगली बैठक में इसे रखा जाएगा। काउंसिल से अनुमति के बाद दाखिले की प्रकिया शुरू की जाएगी।

Friday, May 17, 2024

यूपी के सरकारी मदरसों में गणित विज्ञान पढ़ाना अनिवार्य होगा

यूपी के सरकारी मदरसों में गणित विज्ञान पढ़ाना अनिवार्य होगा


लखनऊ। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की संस्तुति के अनुसार अब राज्य के अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के अनुसार प्राथमिक गणित, प्राथमिक विज्ञान, नागरिक शास्त्रत्त् व इतिहास आदि विषयों को बतौर अनिवार्य विषय पढ़ाया जाएगा। हिन्दुस्तान से बातचीत में बोर्ड की रजिस्ट्रार प्रियंका अवस्थी ने कहा कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद इस बारे में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र जारी किया जाएगा।

मदरसा शिक्षकों के संगठन ऑल इण्डिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के महासचिव वहीदुल्लाह खान सईदी ने मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार को पत्र भी लिखा है। पत्र में रजिस्ट्रार से अनुरोध किया कि मदरसा बोर्ड की 12 अक्तूबर 2021 को हुई बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार गणित, विज्ञान, इतिहास व नागरिक शास्त्रत्त् को कक्षा एक से हाईस्कूल तथा इण्टर तक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाए जाने का आदेश जारी किया जाए।

इसी पत्र का हवाला देते हुए जब रजिस्ट्रार प्रियंका अवस्थी से बात की गयी तो उन्होंने उपरोक्त उत्तर दिया। वहीदुल्लाह खान सईदी ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि बोर्ड में पारित प्रस्ताव के बावजूद राज्य के सरकारी मदरसों में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के मुताबिक अनिवार्य विषयों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

उनके इस पत्र के अनुसार बोर्ड ने विगत 12 अक्तूबर 2021 को हुई अपनी बैठक में पारित प्रस्ताव में कई विषयों को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाए जाने का निर्णय लिया था। मगर पढ़ाए जाने का आदेश जारी नहीं हुआ।


आरोप: रजिस्ट्रार बोर्ड के निर्णयों को नहीं मानते

बोर्ड के चेयरमैन डा.इफ्तेखार जावेद का कहना है कि रजिस्ट्रार बोर्ड के निर्णयों का पालन नहीं करते। पिछले दो दशकों से बोर्ड के रजिस्ट्रार पद पर कोई बाहर का अधिकारी तैनात नहीं हुआ बल्कि अल्पंसख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी तैनात रहे। रजिस्ट्रार जो अधिकारी बनता है वह अधिकारियों से आदेश लेकर ही मदरसा बोर्ड में फैसले लेता है।



मदरसों में बतौर अनिवार्य विषय नहीं पढ़ाया जा रहा गणित, विज्ञान इतिहास और नागरिक शास्त्र

लखनऊ। प्रदेश के मदरसों में गणित, विज्ञान, इतिहास और नागरिक शास्त्र अनिवार्य विषय के तौर पर नहीं पढ़ाया जा रहा है। ऐसा तब है जब मदरसा शिक्षा परिषद साल 2021 में इन विषयों को अनिवार्य तौर पर पाठ्यक्रम में शामिल करने के 2021 में ही मदरसा बोर्ड लगा चुका है प्रस्ताव पर मुहर प्रस्ताव पर मुहर लगा चुका है। 


ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया ने मदरसा बोर्ड से इन विषयों को पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल करने की मांग की है। एसोसिएशन के महामंत्री वहीदुल्लाह खान सईदी ने मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद को पत्र भेज कर बताया कि कि 12 अक्तूबर 2021 को मदरसा शिक्षा परिषद एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा एक से लेकर हाईस्कूल स्तर तक प्राथमिक गणित, प्राथमिक विज्ञान, इतिहास एंव नागरिक शास्त्र को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। 


इसके बावजूद रजिस्ट्रार ने इन विषयों को पढ़ाने व परीक्षा में अनिवार्य रूप से शामिल करने का आदेश नहीं किया। इसकी वजह से परिषद की वर्ष 2022, 2023 तथा 2024 की परीक्षा बिना अनिवार्य विषय के रूप में संपन्न हुई। नतीजतन मदरसे के विद्यार्थियों का अहित हुआ है। लिहाजा इन विषयों को अनिवार्य रूप से पढ़ाने और परीक्षा शामिल करने के लिए मदरसों को आदेश जारी किया जाए। 

उच्च शिक्षा में इंस्पायर स्कॉलरशिप योजना अंर्तगत हर साल मिलेंगे 80 हजार रुपये, योजना की ये होंगी शर्तें

उच्च शिक्षा में इंस्पायर स्कॉलरशिप योजना अंर्तगत हर साल मिलेंगे 80 हजार रुपये, योजना की ये होंगी शर्तें


उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए इंस्पायर स्कॉलरशिप योजना शुरू की गई है। अगर इंटरमीडिएट उत्तीर्ण मेधावी विज्ञान क्षेत्र की शिक्षा में जाते हैं तो योजना के तहत हर साल 80 हजार रुपये तक लाभान्वित हो सकते हैं। योजना इंजीनियरिंग, मेडिकल के साथ डिग्री कोर्स, पीजी, रिसर्च और इनोवेशन (अनुसंधान और नवाचार) के क्षेत्र में जाने वाले छात्र-छात्राओं के लिए वरदान साबित हो सकती है।


मंडलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी लखनऊ मंडल डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि सभी बोर्ड के मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग आगे की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति देता है। योजना का मकसद विज्ञान के क्षेत्र में उच्चशिक्षा अर्जित कर देश के विज्ञान और तकनीकी रिसर्च को बेहतर बनाना है

बताया कि प्राकृतिक और बुनियादी विज्ञान में बैचलर डिग्री व मास्टर डिग्री करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए पांच हजार रुपये प्रतिमाह अथवा 60 हजार रुपये सालाना के अलावा भारत के किसी मान्यता प्राप्त रिसर्च सेंटर में सक्रिय गाइड के मार्गदर्शन में अनिवार्य समर रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए 20 हजार यानी कुल 80 हजार रुपये प्रति साल दिया जाएगा।

बैचलर व मास्टर डिग्री के लिए इन विषयों का करें चुनाव
फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोकेमिस्ट्री, मैथ्स, बायोलॉजी, स्टेटिस्टिक्स, जियोलॉजी, एस्ट्रोनॉमी, इलेक्ट्रानिक्स, बॉटनी, एंथ्रोपोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, जियोफिजिक्स, एटमोस्फियरिक साइंस, ओशनिक साइंस, एस्ट्रोफिजिक्स, इकोलॉजी, मरीन बायोलॉजी, जेनेटिक्स, बायोफिजिक्स को चुनकर स्कालरशिप का लाभ उठा सकते हैं


योजना की यह होंगी शर्तें
स्कॉलरशिप छात्रों को पांच वर्षों या कोर्स पूरा होने तक दी जाती है। नाम के साथ एसबीआई में बचत खाता जरूरी है। शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों को संस्थान के अध्यक्ष की हस्ताक्षरित वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट और मार्कशीट भी जमा करनी जरूरी है।



12 वीं पास के पास हर साल 80 हज़ार रुपये की छात्रवृत्ति पाने का मौका

लखनऊ। इस साल 12 वीं पास करने वाले मेधावी पढ़ाई के लिए अगले पांच वर्ष तक हर साल 80 हज़ार रुपये की छात्रवृत्ति पा सकते हैं। इंजीनियरिंग, मेडिकल के साथ स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई के लिए यह मदद मिलेगी।

 केन्द्र सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अनुसंधान और नवाचार में रुचि रखने छात्र छात्राओं को इंस्पायर स्कॉलरशिप योजना के तहत छात्रवृत्ति देगा। मण्डलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी लखनऊ मण्डल डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि योजना में सीआईएससीई, यूपी बोर्ड, सीबीएसई तीनों के मेधावी शामिल हैं।

CBSE : 12वीं में स्क्रूटनी के लिए आवेदन 17 मई से और 10वीं में 20 मई से

CBSE : 12वीं में स्क्रूटनी के लिए आवेदन 17 मई से और 10वीं में 20 मई से


प्रयागराज। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं के विद्यार्थी 20 मई से स्क्रूटनी के लिए आवेदन कर सकते हैं। बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। इसके लिए विद्यार्थी को पांच दिन का मौका मिलेगा। स्क्रूटनी से संतुष्ट न होने पर छात्र अपनी कॉपी की फोटो प्रति भी ले सकते हैं और शुल्क जमा करके फिर से प्रश्न की जांच करवा सकते हैं।

सीबीएसई बोर्ड ने 13 मई को 10वीं और 12वीं का परिणाम जारी किया था। परिणाम जारी करने के बाद बोर्ड ने स्क्रूटनी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 17 से 21 मई तक 12वीं के विद्यार्थी स्क्रूटनी के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं, 10वीं के लिए 20 मई से ऑनलाइन आवेदन शुरू होगा और 24 मई की रात 11:59 तक चलेगा। स्क्रूटनी के लिए प्रत्येक विषय के लिए 500 रुपये शुल्क देना होगा।

स्क्रूटनी का परिणाम सप्ताहभर में सीबीएसई की वेबसाइट पर आ जाएगा। उससे संतुष्ट न होने पर चार और पांच जून को 10वीं के विद्यार्थी अपनी कॉपी की फोटो प्रति लेने के लिए वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। प्रत्येक कॉपी इसका शुल्क 500 रुपये देना होगा। इसके लिए वही आवेदन कर सकते हैं, जो स्क्रूटनी के लिए आवेदन कर चुके होंगे।



सीबीएसई स्क्रूटनी के लिए 17 से 21 मई तक ऑनलाइन आवेदन
 
उत्तरपुस्तिकाओं की फोटोकॉपी लेने के लिए एक व दो जून को ऑनलाइन आवेदन

प्रयागराज। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 12 के परीक्षार्थियों के लिए स्क्रूटनी और पुनर्मूल्यांकन संबंधी सूचना जारी कर दी है। स्क्रूटनी के लिए 17 से 21 मई तक ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। आवेदकों को 500 रुपये प्रति विषय के हिसाब से शुल्क देना होगा।


इसके अलावा परीक्षार्थी आरटीई के तहत अपनी जंची हुई उत्तरपुस्तिका की फोटोकॉपी भी प्राप्त कर सकते हैं। फोटोकॉपी लेने के लिए एक व दो जून को ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। प्रति उत्तरपुस्तिका 700 रुपये शुल्क देना होगा। यदि इन दो चरणों में मूल्यांकन से परीक्षार्थी संतुष्ट नहीं हैं तो वह पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए छह और सात को ऑनलाइन आवेदन होंगे।


प्रयागराज। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का परिणाम जारी होने के बाद अब 17 मई से स्क्रूटनी के लिए आवेदन शुरू होंगे। बोर्ड की वेबसाइट पर पांच दिन तक ही आवेदन का मौका मिलेगा। इससे संतुष्ट न होने पर कॉपी की फोटो प्रति ले सकते हैं। उसके बाद फीस जमा करके उत्तर की जांच भी करवा सकते हैं। यह प्रक्रिया जून तक पूरी कर ली जाएगी।

सीबीएसई बोर्ड ने सोमवार को 10वीं व 12वीं का परिणाम जारी कर दिया था। अब स्क्रूटनी के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। स्क्रूटनी के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर 17 मई की सुबह लिंक जारी कर दिया जाएगा। उसके माध्यम से प्रति विषय पांच सौ रुपये शुल्क जमा करके 21 मई तक आवेदन किया जा सकेगा। आवेदन होने के बाद कॉपियों की स्क्रूटनी होगी। सप्ताहभर में स्क्रूटनी का परिणाम वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा। परिणाम देखने के बाद जो विद्यार्थी संतुष्ट नहीं होंगे, वह अपनी कॉपी की फोटो प्रति ले सकते हैं।

सीबीएसई बोर्ड ने कॉपियों के मूल्यांकन को पारदर्शी बनाने के लिए ऐसी व्यवस्था की है। कॉपी की फोटो प्रति लेने के लिए एक और दो जून को वेबसाइट पर आवेदन होगा। प्रति कॉपी 700 रुपये शुल्क जमा करना होगा। इसमें वही आवेदन कर सकेंगे, जो स्क्रूटनी के लिए आवेदन कर चुके होंगे। कॉपी देखने के बाद अगर विद्यार्थी को लगता है कि किसी प्रश्न का मूल्यांकन गलत हुआ है।

Thursday, May 16, 2024

पिछले 10 साल में स्कूलों को नहीं मिली व्यय राशि, शिकायत पर जांच शुरू, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने मांगा ब्योरा

पिछले 10 साल में स्कूलों को नहीं मिली व्यय राशि, शिकायत पर जांच शुरू, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने  मांगा ब्योरा


प्रयागराज । यूपी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में कक्षा नौ और 11वीं में पंजीकरण शुल्क के साथ स्कूलों को व्यय शुल्क नहीं मिलने पर पूछताछ शुरू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक और बोर्ड के पदेन सभापति डॉ. महेन्द्र देव ने 13 मई को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से शैक्षिक सत्र 2017-18 से 2022-23 तक के छह साल का ब्योरा तलब किया है।


डीआईओएस को प्रमाणपत्र देना है कि इन सत्रों में कितने बच्चों ने प्रवेश लिया और शुल्क के रूप में कितनी धनराशि प्राप्त हुई। इससे पहले 30 अप्रैल को भी सूचना मांगी गई थी। लेकिन, जिलों से जानकारी नहीं मिली। जानकारों की मानें तो पहले जब ऑफलाइन पंजीकरण/परीक्षा फार्म भरे जाते थे तो यूपी बोर्ड विद्यालयों को पंजीकरण/परीक्षा शुल्क में से फार्म भरने का खर्च देता था। तकरीबन एक दशक पहले जब पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन हुई तो तबसे स्कूलों को व्यय शुल्क नहीं मिला। इसी को लेकर शासन में शिकायत होने पर सूचना मांगी जा रही है। शासन ने दो साल पहले नौ सितंबर 2022 को भी यह सूचना मांगी थी।


पंजीकरण/परीक्षा फार्म फीस से प्रति छात्र 10 रुपये स्कूलों को मिलना चाहिए था। लेकिन, 10 वर्ष से आज तक यह धनराशि नहीं मिली है। विभाग धनराशि वापस नहीं करता है तो हाईकोर्ट व मुख्यमंत्री से गुहार लगाएंगे।-जियारत हुसैन, प्रधान महासचिव, वित्तविहीन शिक्षक महासभा


यूपी बोर्ड: कक्षा 9 और 11 में पंजीकरण शुल्क से जुड़ा आदेश जारी 



परख पोर्टल से होगा माध्यमिक विद्यालयों का निरीक्षण, 40 बिंदुओं पर होगी आख्या अपलोड

परख पोर्टल से होगा माध्यमिक विद्यालयों का निरीक्षण, 40 बिंदुओं पर होगी आख्या अपलोड 
 

माध्यमिक शिक्षा विभाग भी धीरे-धीरे अब हाइटेक हो रहा है। विद्यालयों का निरीक्षण भी अब परख पोर्टल के द्वारा ऑनलाइन किया जाएगा। विभाग अब इसकी तैयारियों में जुट गया है। अभी तक विद्यालयों का निरीक्षण ऑफलाइन माध्यम से किया जाता था।


सूबे में जो विद्यालय माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित होते हैं। इसमें पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए विभाग द्वारा समय-समय पर नए पोर्टल शुरू किए जाते हैं। लेकिन अब विद्यालयों का निरीक्षण भी पोर्टल के द्वारा ऑनलाइन हुआ करेगा। इसके लिए विभाग ने परख पोर्टल की शुरुआत की है। 


विद्यालयों को अपनी समय सारिणी भी इसी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। डीआईओएस भी समय-समय पर इसी पोर्टल के माध्यम से विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। पोर्टल पर विद्यालयों के संसाधनों, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय आदि की आख्या निरीक्षण के समय ऑनलाइन अपलोड करनी होगी।


परख पोर्टल पर स्कूलों के निरीक्षण की आख्या के लिए राजकीय, सहायता एवं वित्त विहीन स्कूलों के लिए अलग-अलग बिंदुओं का निर्धारण किया गया है। राजकीय स्कूलों के लिए प्रधानाचार्य कक्ष, शिक्षण कक्ष की उपलब्धता, कंप्यूटर कक्ष की उपलब्धता एवं क्रियाशीलता, अग्निशमन यंत्र की उपलब्धता एवं क्रियाशीलता, बायोमैट्रिक मशीन की उपलब्धता एवं क्रियाशीलता, पंख पोर्टल का विद्यालय स्तर पर उपयोग, शिक्षक डायरी की उपलब्धता समेत 40 बिंदुओं का निर्धारण किया गया है। जबकि अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए 38 तथा वित्तविहीन स्कूलों के लिए 34 बिंदुओं का निर्धारण किया गया है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने किया बदलाव, 7:30 बजे से 3:30 बजे तक चलेंगे माध्यमिक स्कूल

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने किया बदलाव, 7:30 बजे से 3:30 बजे तक चलेंगे माध्यमिक स्कूल


अब माध्यमिक विद्यालयों में एक शैक्षिक वर्ष में 1200 घंटे शैक्षिक कार्य होगा। जबकि पूर्व 1100 ही पढ़ाई होती थी। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 100 घंटे शैक्षिक कार्य के समय में बढ़ोतरी की है। विद्यालय 220 दिन अवश्य खुले रहेंगे।

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि विद्यालय एक शैक्षिक वर्ष में कम से कम 220 कार्य दिवसों में खुला रहेगा। इसमें परीक्षाएं और पठन पाठन के कार्य भी शामिल रहेगा। प्रतिदिन विद्यालय में कम से कम छह घंटे शिक्षण कार्य अनिवार्य होगा। इस समय में प्रार्थना सभा एवं मध्यावकाश का समय भी शामिल रहेगा।


विद्यालय में 40-40 मिनट के आठ वादन चलाए जाएंगे। बीच में 25 मिनट का मध्यावकाश होगा। अपरिहार्य कारणों से अगर विद्यालय बंद किए जाते हैं तो अवशेष घंटों की पूर्ति आगे विद्यालय खुलने की अवधि में घंटों की सीमा बढ़ाकर पूरा की जा सकेगी।

 शासन की तरफ से उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन किया गया है। संशोधित आदेश पत्र माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से प्राप्त हुआ है। विद्यालयों को नए नियमों की जानकारी उपलब्ध करा दी गई है।


सुबह 7.30 बजे से खुलेगा विद्यालय

नए नियम के अनुसार एक अप्रैल से 30 सितंबर तक विद्यालय सुबह 7.30 बजे खुलेंगे। 15 मिनट प्रार्थना सभा के बाद पहली क्लास 7.45 बजे से शुरू होगी। मध्यावकाश 10.25 से 25 मिनट के लिए होगा। 10.50 बजे पांचवीं क्लास प्रारंभ होगी। डेढ़ बजे तक आठवीं क्लास समाप्त हो जाएगी। सभी घंटे 40-40 मिनट के होंगे। वहीं एक अक्तूबर से 31 मार्च तक विद्यालयों के खुलने का समय सुबह 9.30 बजे से होगा 15 मिनट की प्रार्थना सभा के बाद पहली क्लास सुबह 9.45 बजे से शुरू होगी। मध्यावकाश 12.25 बजे से 25 मिनट के लिए होगा। पांचवीं क्लास 12.50 बजे से शुरू होगी और आठवीं क्लास 3.30 बजे तक चलेगी।

Wednesday, May 15, 2024

शिक्षक को सेवानिवृत्ति की तिथि से पेंशन का अधिकार : हाईकोर्ट

शिक्षक को सेवानिवृत्ति की तिथि से पेंशन का अधिकार : हाईकोर्ट

अदालत ने माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक का आदेश किया रद्द


लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले में कहा कि शिक्षक को पेंशन पाने का अधिकार उसके रिटायरमेंट की तिथि से पैदा होगा। न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की एकल पीठ ने यह फैसला अयोध्या के एक माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक रुद्रभान सिंह की याचिका को मंजूर करके दिया। 


याची का कहना था कि पिछले साल 30 अप्रैल को वह सेवानिवृत्त हुआ। जब उसने पेंशन के लिए आवेदन किया तो इसे माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक अयोध्या ने 21 मार्च 2024 को यह कहकर वापस भेज दिया कि 12 दिसंबर 2023 के शासनादेश के तहत पेंशन के लिए अर्ह सेवा को उसकी मौलिक नियुक्ति से गिना जाएगा। ऐसे में याची शिक्षक पेंशन पाने का हकदार नहीं है। याची ने उप निदेशक के इस आदेश को चुनौती दी थी।


फैसला देकर माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक का आदेश रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याची 12 दिसंबर 2023 के शासनादेश के काफी पहले रिटायर हुआ। ऐसे में याची को पेंशन का अधिकार उसकी सेवानिवृत्ति की तिथि से पैदा होगा। कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ याची के पेंशन मामले को यूपी निदेशक को वापस भेज दिया। साथ ही पहले दिए गए फैसले और आदेशों के प्रकाश में 8 सप्ताह में इसे नए सिरे से निस्तारित करने का आदेश उप कोर्ट ने इस कानूनी सवाल पर निदेशक को दिया।

Tuesday, May 14, 2024

CBSE: 15 जुलाई से आयोजित होंगी पूरक परीक्षाएं, 12वीं के एक और 10वीं के छात्र दो विषयों में दे सकेंगे


CBSE: 15 जुलाई से आयोजित होंगी पूरक परीक्षाएं, 12वीं के एक और 10वीं के छात्र दो विषयों में दे सकेंगे


सीबीएसई ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत कंपार्टमेंट परीक्षा का नाम बदलकर पूरक परीक्षा कर दिया है। बोर्ड पूरक परीक्षाएं 15 जुलाई, 2024 से आयोजित करेगा। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि पूरक परीक्षाएं उसी पाठ्यक्रम पर आयोजित की जाएंगी, जिस पर मुख्य परीक्षा-2024 आयोजित की गई थीं।


सीबीएसई के परीक्षा परिणाम में दसवीं में 1,32,337 व बारहवीं कक्षा में 1,22,170 विद्यार्थी पास नहीं हुए हैं। इस बार दसवीं में 5.91 प्रतिशत व बारहवीं में 7.54 प्रतिशत विद्यार्थी मुख्य परीक्षा में असफल रहे हैं, जबकि 2023 में दसवीं में 6.22 फीसदी यानी 1,34,774 व 7.57 फीसदी के साथ बारहवीं में 1,25,705 विद्यार्थी सफल नहीं हो पाए थे। ऐसे में जो विद्यार्थी उत्तीर्ण नहीं हो पाए व कुछ विद्यार्थी अपने अंकों से सहमत नहीं हैं, बोर्ड उन्हें उत्तीर्ण होने व परीक्षा में प्रदर्शन सुधारने के लिए एक और मौका दे रहा है।


इसमें विद्यार्थियों को पूरक परीक्षा (कंपार्टमेंट) देनी होगी। सीबीएसई ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत कंपार्टमेंट परीक्षा का नाम बदलकर पूरक परीक्षा कर दिया है। बोर्ड पूरक परीक्षाएं 15 जुलाई, 2024 से आयोजित करेगा। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि पूरक परीक्षाएं उसी पाठ्यक्रम पर आयोजित की जाएंगी, जिस पर मुख्य परीक्षा-2024 आयोजित की गई थीं।


इसके अलावा जो विद्यार्थी अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहते हैं। उन्हें भी मौका दिया है। बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पूरक परीक्षा में एक विषय और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पूरक परीक्षा में दो विषयों में अपना प्रदर्शन सुधारने की अनुमति दी गई है। दसवीं कक्षा के विद्यार्थी जो दो विषयों में उत्तीर्ण नहीं हो सके और बारहवीं कक्षा के वे विद्यार्थी जो एक विषय में उत्तीर्ण नहीं हो सके और उन्हें कंपार्टमेंट श्रेणी में रखा गया है।


साथ ही, जो विद्यार्थी छठे व सातवें विषय के स्थान पर परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं, ये अनुत्तीर्ण विषय में शामिल हो सकते हैं। यही नहीं दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी जिन्हें उत्तीर्ण घोषित किया गया था, लेकिन वे दो और एक विषय में अपना प्रदर्शन सुधारना चाहते हैं वह पूरक परीक्षा दे सकते हैं।


15 फरवरी, 2025 में शुरू होंगी मुख्य परीक्षाएं
सीबीएसई ने दसवीं व बारहवीं कक्षा का परिणाम जारी करने के साथ ही शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए होने वाली बोर्ड परीक्षाओं की तिथि जारी कर दी है। बोर्ड ने 2025 की परीक्षाएं 15 फरवरी, 2025 में आयोजित करने का निर्णय लिया है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए 31 जुलाई तक करें आवेदन

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए 31 जुलाई तक करें आवेदन


सूबे के मेधावी बच्चे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन 31 जुलाई तक कर सकेंगे। आवेदन प्रक्रिया में पांच से 18 साल आयुवर्ग के बच्चे पुरस्कार के लिए शामिल हो सकते हैं। जिले में कम से कम तीन मेधावियों के आवेदन पुरस्कार के लिए भेजना अनिवार्य है। प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार के लिए केंद्र सरकार ने अवार्ड डॉट जीओबी डॉट इन (https://awards.gov.in) वेबसाइट को एक अप्रैल से बच्चों के लिए खोल दिया है।


 वेबसाइट पर दी गई गाइड लाइन के अनुसार योग्य अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के बाद अभ्यर्थियों को छायाप्रति जिला खेल कार्यालय में उपलब्ध करानी होगी।  प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं।  मेधावी बच्चे इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

चुनाव ड्यूटी में लगे अनुदेशकों को हादसा होने पर मिलेंगे सभी लाभ, चुनाव आयोग ने इस संबंध में स्थिति की साफ

चुनाव ड्यूटी में लगे अनुदेशकों को हादसा होने पर मिलेंगे सभी लाभ, चुनाव आयोग ने इस संबंध में स्थिति की साफ

मतदान के दिन वीडियोग्राफी की मिली है जिम्मेदारी


लखनऊ। चुनाव ड्यूटी में लगे परिषदीय विद्यालयों के अनुदेशकों को हादसा होने पर दूसरे सरकारी कार्मिकों की तरह ही सभी लाभ मिलेंगे। चुनाव आयोग ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट कर दी है। इन अनुदेशकों को तमाम स्थानों पर मतदान के दिन वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जिम्मेदारी मिली है। इस काम के लिए अनुदेशकों को कैमरे भी मुहैया कराए गए हैं। उन्हें ईवीएम सील होने तक वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी का काम करना है।


 इनके ड्यूटी आदेश में लिखा है कि इस काम के लिए उन्हें कोई अतिरिक्त भत्ता, यात्रा भत्ता और मानदेय देय नहीं मिलेगा। जबकि चुनाव ड्यूटी में लगाए जा रहे शिक्षकों को प्रोत्साहन भत्ता दिया जा रहा है। इसलिए यह अनुदेशक भी उन सभी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, जो अन्य कार्मिकों को मिलती हैं।


इस संबंध में आयोग से संपर्क करने पर बताया गया है कि कुछ सरकारी कर्मचारियों की बूथ पर कैमरों के साथ ड्यूटी लगाई गई है। ये कैमरे जिला पंचायत से खरीदे गए हैं और ये कर्मचारी अनुदेशक व रोजगार सेवक आदि हैं। इनको पैक्ड लंच दिया जाएगा। किसी भी दुर्घटना की स्थिति में संबंधित कर्मचारियों को नियमानुसार एक्सग्रेसिया का लाभ और अन्य सरकारी कर्मचारी के रूप में मिलने वाले विभिन्न लाभ दिए जाएंगे।



चुनाव ड्यूटी के लिए मानदेय भी दिया जाए

परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह का कहना है कि कई जिलों में अनुदेशकों की चुनाव ड्यूटी बिना मानदेय के लगा दी गई है। इतना ही नहीं, पी-2 के बजाय पी-3 में ड्यूटी लगी है। उन्होंने मानदेय देने की मांग की है।

माध्यमिक विद्यालयों में पर्यावरण को बचाने के लिए बनेगा क्लब, कक्षा नौ से 12वीं के विद्यार्थी होंगे शामिल

माध्यमिक विद्यालयों में पर्यावरण को बचाने के लिए बनेगा क्लब

पर्यावरण क्लब में कक्षा नौ से 12वीं के विद्यार्थी होंगे शामिल, प्रधानाचार्यों को भेजा गया पत्र


पर्यावरण को बचाने के लिए जिले के सभी माध्यमिक विद्यालयों की छात्र-छात्राओं को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए माध्यमिक विद्यालयों में पर्यावरण क्लब बनेगा। प्रत्येक विद्यालय में कक्षावार चार-चार विद्यार्थियों का चयन पर्यावरण क्लब के लिए किया जाएगा। क्लब में चयनित विद्यार्थी अपनी कक्षा के अन्य छात्र- छात्राओं को जागरूक करेंगे।


सूबे में संचालित  राजकीय माध्यमिक समेत एडेड व  वित्तविहीन विद्यालयों में जुलाई माह के अंतिम सप्ताह से पर्यावरण संरक्षण के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। कक्षा नौ से 12वीं तक की कक्षाओं में पर्यावरण क्लब बनाया जाएगा। क्लब में चयनित विद्यार्थी अपने कक्षा के छात्र-छात्राओं को पर्यावरण को सुरक्षित रखने के बारे में जागरूक करेंगे।


प्रत्येक सप्ताह में तीन दिन एक-एक घंटे अतिरिक्त कक्षाओं में विद्यार्थियों प्रयोगिक व व्यवहारिक जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को कंपोस्ट पिट बनाना व विद्यालय वाटिका का निर्माण करना सीखेंगे। 


 विद्यार्थियों को पर्यावरण के संरक्षण के लिए जागरूक किया जाएगा। विद्यालयों में वाटिका का निर्माण कर छात्र-छात्राएं पर्यावरण के महत्व को समझेंगे। पर्यावरण क्लब बनाने के लिए सभी प्रधानाचार्यों को पत्र भेजा गया है।

448 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 50 से भी कम विद्यार्थियों का नामांकन, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जताई नाराजगी, नामांकन बढ़ाने के निर्देश, स्कूल चलो अभियान व प्रचार-प्रसार करने के लिए दिए गए निर्देश

448 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 50 से भी कम विद्यार्थियों का नामांकन

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जताई नाराजगी, नामांकन बढ़ाने के निर्देश 

स्कूल चलो अभियान व प्रचार-प्रसार करने के लिए दिए गए निर्देश

लखनऊ। प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ढीली कार्यप्रणाली का असर पठन-पाठन पर दिखने लगा है। 448 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों का नामांकन 50 या उससे कम हो गया है। स्थिति काफी खराब होने के बाद चेते विभाग ने नए सत्र 2024-25 में इसमें सुधार के लिए कवायद शुरू की है।


माध्यमिक शिक्षा विभाग के 2,675 राजकीय विद्यालय हैं। इसमें से कुछ जर्जर हैं तो कुछ में पठन-पाठन की स्थिति ठीक नहीं है। यही वजह है कि यहां की अपेक्षा छात्र निजी स्कूलों में प्रवेश में रुचि दिखा रहे हैं। हाल ही में विभाग ने खुद एक सूची जारी की है और कहा है कि 448 राजकीय विद्यालयों में 50 से भी कम नामांकन हैं। इसमें कुछ में जीरो तो कुछ में 7, 10, 12 व 15 ही हैं।


विभाग ने नाराजगी जताते हुए सभी संबंधित जिलों को स्कूल चलो अभियान चलाने, बच्चों व अभिभावकों में प्रचार-प्रसार करने, लोगों से व्यक्तिगत संपर्क करने के निर्देश दिए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी प्रधानाचार्य से कहा है कि अपने पास के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा पांच व आठ के पास विद्यार्थियों की सूची लेकर उनके अभिभावकों से नामांकन के लिए संपर्क करें।


उन्होंने सभी डीआईओएस से भी कहा है कि वह यह देखें कि राजकीय विद्यालयों में नामांकन क्यों नहीं हो रहा है? विद्यालय स्तर पर अभिभावकों की बैठक कर उनकी समस्या का समाधान करते हुए नामांकन के लिए प्रेरित करें। नामांकन बढ़ाने के लिए शिक्षक व विद्यालयवार लक्ष्य निर्धारित करें और उसको पाने के लिए प्रयास करें।

Monday, May 13, 2024

CBSE 10th Result 2024: सीबीएसई 10वीं रिजल्ट में लड़कियों ने मारी बाजी, पास प्रतिशत में 0.48% की वृद्धि

CBSE 10th Result 2024: सीबीएसई 10वीं रिजल्ट में लड़कियों ने मारी बाजी, पास प्रतिशत में 0.48% की वृद्धि


CBSE 10th Result 2024 Out Live: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सीबीएसई बोर्ड 10वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया है. जिन छात्रों ने सीबीएसई बोर्ड 10वीं की बोर्ड परीक्षा दी है, वे अपनी बोर्ड रिजल्ट सीबीएसई https://cbseresults.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं.


नई दिल्ली: CBSE Board Class 10th Result 2024 LIVE Updates: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सीबीएसई बोर्ड 10वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया है. सीबीएसई ने आज यानी 13 मई को दोपहर 1बजे सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम जारी किया है. जिन छात्रों ने सीबीएसई बोर्ड 10वीं की बोर्ड परीक्षा दी है, वे अपनी बोर्ड रिजल्ट सीबीएसई https://cbseresults.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं. 


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सीबीएसई 10वीं रिजल्ट चेक करने के लिए छात्रों को रोल नंबर का प्रयोग करना होगा. सीबीएसई 10वीं की बोर्ड परीक्षा में कुल 93.6 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं, वहीं लड़कियों का रिजल्ट लड़कों से बेहतर रहा है. इस साल 94.75% लड़कियां पास हुई हैं. बोर्ड ने सीबीएसई 12वीं रिजल्ट की घोषणा के बाद कक्षा 10वीं के नतीजे जारी किए हैं. सीबीएसई 12वीं में 87.98% पास छात्र और छात्राएं पास हुए हैं. 


इस साल सीबीएससी बोर्ड द्वारा बोर्ड परीक्षाओं का आयजोन फरवरी से अप्रैल तक किया गया था. सीबीएसई बोर्ड 10वीं की परीक्षा जल्द खत्म हुई थी. सीबीएसई 10वीं की परीक्षा 15 फरवरी से 13 मार्च तक चली थी. इस साल सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में 39 लाख छात्रों ने भाग लिया है. राष्ट्रीय राजधानी में, 5.80 लाख छात्रों ने सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2024 में भाग लिया, जो 877 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी.



सीबीएसई बोर्ड 10वीं का रिजल्ट कैसे चेक करें | How to Check CBSE Class 10th Result 2024

सीबीएसई बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर जाएं. 

इसके बाद होमपेज पर रिजल्ट सेक्शन पर क्लिक करें. 

फिर Class X) Results 2024 Announced लिंक पर क्लिक करें. 

अब स्टूडेंट रोल नंबर, स्कूल नंबर या एडमिट कार्ड आईडी दर्ज करें. 

ऐसा करने के साथ ही सीबीएसई बोर्ड 10वीं का रिजल्ट स्क्रीन पर खुल जाएगा. 

अब सीबीएसई 10वीं रिजल्ट चेक करने के बाद प्रिंट निकालें और भविष्य के लिए सहेंजे. 



CBSE 12th Result 2024 Live: नतीजों से असंतुष्ट छात्र

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है. बोर्ड ने 10वीं और 12वीं दोनों का रिजल्ट जारी किया है. यदि छात्र सीबीएसई कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के परिणामों से असंतुष्ट हैं, तो वे उत्तरों के पुनर्मूल्यांकन के लिए अनुरोध कर सकते हैं.



सीबीएसई 10वीं 90% से अधिक अंक पाने वाले स्टूडेंट

सीबीएसई 10वीं परीक्षा में 2, 12, 384 छात्रों को 90 प्रतिशत से अंक मिले हैं. वहीं 90 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले स्टूडेंट का पास प्रतिशत 9.49 रहा है. सीबीएसई 10वीं में 95 प्रतिशत से अधिक अंक से 47,983 छात्र पास हुए हैं, जिनका पास प्रतिशत 2.14 प्रतिशत रहा है. 


CBSE Board Result 2024: दो लाख छात्रों को मिला 90 प्रतिशत
सीबीएसई बोर्ड 10वीं की परीक्षा में दो लाख से अधिक स्टूडेंट 90 प्रतिशत अंकों से पास हुए हैं. 212384 छात्रों ने सीबीएससी कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त किए हैं. यह परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले कुल छात्रों का 9.49 प्रतिशत है.


CBSE 10th result updates: कैसा रहा नवोदय और केवी का रिजल्ट

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सीबीएसई बोर्ड 10वीं, 12वीं रिजल्ट घोषित कर दिया है. बोर्ड ने दोपहर 1 बजे सीबीएसई 10वीं रिजल्ट जारी किया है. इस साल जवाहर लाल नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालयों के रिजल्ट की बात करें तो जेएनवी और केवी 99.09% टॉप पर हैं. इसके बाद 94.54% के साथ स्वतंत्र स्कूल, 94.40% के साथ सीटीएसए, 86.72% के साथ सरकारी स्कूल और 83.95% के साथ सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल हैं.


CBSE Result 2024: इस साल पास प्रतिशत में 0.48 प्रतिशत की वृद्धि

सीबीएसई 10वीं का रिजल्ट आज दोपहर 1 बजे घोषित कर दिया है. इस साल सीबीएसई बोर्ड 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 93.60 प्रतिशत स्टूडेंट पास हुए हैं. पिछले साल यह प्रतिशत 93.12 प्रतिशत था. यानी इस साल सीबीएसई 10वीं रिजल्ट के पास प्रतिशत में 0.48 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है. 


CBSE 10th Result 2024: रीजन वाइज पास प्रतिशत

त्रिवेन्द्रम 99.75%
विजयवाड़ा 99.60%
चेन्नई 99.30%
बेंगलुरु 99.26%
अजमेर 97.10%
पुणे 96.46%
दिल्ली पूर्व 94.45%
दिल्ली पश्चिम 94.18%
चंडीगढ़ 94.14%
पटना 92.91%
प्रयागराज 92.72%
पंचकुला 92.16%
भुवनेश्वर 92.03%
देहरादून 90.97%
भोपाल 90.58%
नोएडा 90.46%
गुवाहाटी 77.94%


CBSE Class 10th Result 2024: लड़कियों ने मारी बाजी
सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट 2024 में भी लड़कियों ने बाजी मार ली है. इस साल 94. 75 प्रतिशत लड़कियां पास हुए हैं. वहीं लड़कों का पास प्रतिशत 92.71 प्रतिशत रहा है. पिछले साल लड़कों का पास प्रतिशत 92.27 प्रतिशत जबकि लड़कियों का 94.25 प्रतिशत रहा है. सीबीएसई बोर्ड 10वीं रिजल्ट 2024 में ट्रांसजेंडर 91.30 प्रतिशत स्टूडेंट भी पास हुए हैं. 


CBSE 10th Result 2024: 20 लाख से अधिक पास
इस साल सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में 2,251,812 छात्रों ने पंजीकरण किया था, जिसमें 2,238,827 ने परीक्षा दी. सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा 2024 में 2,095,467 छात्र और छात्राएं पास हुए हैं, वहीं इस साल का पास प्रतिशत 93.60% रहा है. 

CBSE 12th Result: एक बार फिर अव्वल रहीं लड़कियां, देशभर में 87.98 फीसदी छात्र हुए पास; निजी स्कूल रिजल्ट में पिछड़े

CBSE 12th Result: एक बार फिर अव्वल रहीं लड़कियां, देशभर में 87.98 फीसदी छात्र हुए पास; निजी स्कूल रिजल्ट में पिछड़े


केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बारहवीं के नतीजे जारी किए। देशभर से बारहवीं की परीक्षा में 87.98 फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं, जो कि बीते साल के मुकाबले में 0.65 फीसदी ज्यादा है। सीबीएसई के 17 रीजन के रिजल्ट में त्रिवेंद्रम रीजन 99.91 फीसदी अंकों के साथ टॉप पर रहा है। जबकि सबसे निचले पायदान पर प्रयागराज रहा है, यहां पास प्रतिशत 78.25 फीसदी रहा है। 


केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बारहवीं के नतीजे जारी कर दिए हैं। देशभर से बारहवीं की परीक्षा में 87.98 फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं, जो कि बीते साल के मुकाबले में 0.65 फीसदी ज्यादा है। हर साल की तरह इस बार भी लड़कियां लड़कों के मुकाबले में अव्वल रही हैं। लड़कियों का पास प्रतिशत 91.52 फीसदी और लड़कों का 85.12 फीसदी रहा है, जो कि 6.40 फीसदी ज्यादा है। खास बात यह है कि देशभर के सीबीएसई के 17 रीजन में से सात रीजन का रिजल्ट औसत पास प्रतिशत से भी कम है, जबकि दस रीजन का ज्यादा है। अगले साल बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से आयोजित की जाएंगी। इन सात रीजन में देहरादून, पटना, भुवनेश्वर, भोपाल, गुहावटी, नोएडा, व प्रयागराज शामिल हैं।


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सीबीएसई के 17 रीजन के रिजल्ट में त्रिवेंद्रम रीजन 99.91 फीसदी अंकों के साथ टॉप पर रहा है। जबकि सबसे निचले पायदान पर प्रयागराज रहा है, यहां पास प्रतिशत 78.25 फीसदी रहा है। दिल्ली के नतीजों में 2.75 फीसदी का सुधार हुआ है। इस बार यहां का प्रास प्रतिशत 94.97 फीसदी है, जबकि बीते साल 92.22 फीसदी रहा था। भले ही ओवर ऑल रिजल्ट में दिल्ली रीजन ने सुधार किया हो, लेकिन दिल्ली वेस्ट रीजन में बीते साल के मुकाबले में चौथे पायदान से पांचवें पायदान पर आ गया है। इनका पास प्रतिशत 95.64 फीसदी रहा है, जबकि दिल्ली ईस्ट 94.51 फीसदी पास प्रतिशत के साथ छठे स्थान पर है। दिल्ली ईस्ट ने अपना छठी पायदान को बरकरार रखा है।


सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज के अनुसार, इस साल बारहवीं कक्षा का रिजल्ट 0.65 फीसदी बेहतर है। रिजल्ट में सुधार इसलिए हुए, क्योंकि इस वर्ष परीक्षाओं में 40 फीसदी योग्यता आधारित प्रश्न पूछे गए थे। इनके लिए विद्यार्थी पहले से ही तैयार थे। वहीं, देशभर से इस बार 1,16,145 विद्यार्थियों ने 90 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, जबकि 24,068 विद्यार्थियों के 95 फीसदी से अधिक है। विद्यार्थियों के बीच प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के लिए बोर्ड ने इस साल भी टॉपर की घोषणा नहीं की है।


सेंट्रल तिब्बतन स्कूल रहे अव्वल, निजी स्कूल पिछड़े
जवाहर नवोदय स्कूल के बीते साल के दबदबे को पछाड़ते हुए इस बार सेंटर तिब्बत स्कूल अव्वल रहे हैं। इनका पास प्रतिशत 99.23 फीसदी रहा है। जबकि जवाहर नवोदय स्कूल खिसकर कर दूसरे पायदान पर पहुंच गए हैं इनका पास प्रतिशत 98.90 फीसदी रहा है। केंद्रीय विद्यालय 98.81 फीसदी के साथ तीसरे पायदान पर रहे हैं। वहीं, रिजल्ट में देशभर के निजी स्कूल पिछड़ गए हैं। 

बीते साल निजी स्कूल चौथे पायदान पर थे जबकि इस बार खिसक कर सबसे नीचे आ गए हैं। निजी स्कूलों का पास प्रतिशत इस बार 87.70 फीसदी रहा है। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों ने भी अपने रिजल्ट में सुधार किया है। इस बार वह 91.42 फीसदी के साथ चौथे पायदान पर हैं जबकि बीते साल पांचवें पायदान पर थे। वहीं सरकारी स्कूल का रिजल्ट भी सुधरा है। वह 88.23 फीसदी पास प्रतिशत के साथ छठी पायदान से उछल कर पांचवीं पायदान पर पहुंच गए हैं।


देशभर से कुल 14,26,420 विद्यार्थी हुए पास
देशभर के 18,417 स्कूलों से इस बार बारहवीं में 16,21,224 विद्यार्थी परीक्षा में बैठे थे, इनमें से 14,26,420 विद्यार्थी पास हुए हैं। बीते साल ट्रांसजेंडर का रिजल्ट 60 फीसदी था, जो कि इस बार घट कर 50 फीसदी पहुंच गया है। वहीं, चिल्ड्रेन विद स्पेशल नीड (सीडब्लयूएसएन) श्रेणी के 5057 में से 4548 विद्यार्थी पास हुए हैं। इनका पास प्रतिशत 90.62 फीसदी रहा है।


स्कूलों के प्रदर्शन के अनुसार रिजल्ट
सेंट्रल तिब्बतन विद्यालय- 99.23 फीसदी
जवाहर नवोदय विद्यालय- 98.90 फीसदी
केंद्रीय विद्यालय- 98.81 फीसदी
सरकारी सहायता प्राप्त- 91.42 फीसदी
सरकारी स्कूल- 88.23 फीसदी
निजी स्कूल- 87.70 फीसदी


कंपार्टमेंट विद्यार्थियों की संख्या- 1,22,170
पूरे दिल्ली रीजन का पास प्रतिशत- 94.97
दिल्ली में पास हुए विद्यार्थी- 2,80,925

क्षेत्रवार रिजल्ट 2024
त्रिवेंद्रम- 99.91
विजयवाड़ा- 99.04
चैन्नई- 98.47
बैंगलूरू- 96.95
दिल्ली वेस्ट- 95.64
दिल्ली ईस्ट- 94.51
चंडीगढ़- 91.09
पंचकुला- 90.26
पुणे- 89.78
अजमेर- 89.53
देहरादून- 83.82
पटना- 83.59
भुवनेशवर- 83.34
भोपाल- 82.46
गुहावटी- 82.05
नोएडा- 80.27
प्रयागराज- 78.25

कोई मेरिट सूची नहीं
छात्रों के बीच अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए बोर्ड ने इस साल भी कोई मेरिट सूची घोषित नहीं की है। इसके अलावा ना ही टॉपर की घोषणा की है। हालांकि बोर्ड की ओर से उन शीर्ष 0.1 फीसदी विद्यार्थियों को योग्यता प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे जिन्होंने विषयों में उच्चतम अंक प्राप्त किए हैं। मेरिट प्रमाणपत्र संबंधित छात्र के डिजी लॉकर में उपल्बध कराया जाएगा।

झांसी : उच्च न्यायालय ने शिक्षक की प्रतिकूल प्रविष्टि का आदेश किया रद्द, साथ ही चिकित्सा के आधार पर दूसरे विद्यालय में अटैचमेंट पर निर्णय लेने का दिया आदेश


झाँसी : उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पीयूष अग्रवाल ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय घुघुवा के सहायक अध्यापक गौरव तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन बीएसए वेदराम द्वारा दी गयी प्रतिकूल प्रविष्ट को रद करने का आदेश दिया है।
       प्रतिकूल प्रविष्ट रद करने तथा चिकित्सा आधार पर किसी दूसरे उच्च प्राथमिक में अटैच करने की याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने 22 दिसम्बर 2021 को दिया गया आदेश रद कर दिया है। साथ ही चिकित्सा के आधार पर बड़ागाँव ब्लॉक के किसी पूर्व माध्यमिक विद्यालय में अटैच करने की माँग को स्वीकार करते हुए विभाग को नए सिरे से प्रस्ताव लेकर 2 माह में इस पर कार्यवाही करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि प्राथमिक विद्यालय घुघुवा में शिक्षकों के बीच आपसी विवाद के चलते दूसरे विद्यालय में अटैच करने तथा कार्यवाही की माँग के लिए 28 जुलाई से 1 अगस्त 22 तक गौरव तिवारी ने बीएसए कार्यालय में अनशन पर बैठे थे। इस पर बीएसए नीलम यादव ने जिले के अन्दर स्थानान्तरण नीति में वरीयता देने, अन्यत्र विद्यालय में स्थानान्तरण के लिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को प्रस्ताव भेजने तथा प्रतिकूल प्रविष्टि की जाँच के लिए कमिटि गठित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की गई।