डिग्री शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष करने का प्रस्ताव नहीं। द सहारा न्यूज ब्यूरोलखनऊ।विधान परिषद में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान उप मुख्यमंत्री व नेता सदन डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की अधिवर्षता आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का कोई भी प्रस्ताव सरकार के स्तर पर विचाराधीन नहीं है। शिक्षक दल के सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। कई बीएड डिग्री कालेजों में तो कक्षाएं संचालित नहीं होने की स्थिति आ गयी है। इस पर नेता सदन डा. शर्मा ने कहा कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट अधिवर्षता को लेकर निर्णय दे चुका है, सरकार के स्तर पर अधिवर्षता बढ़ाये जाने का प्रस्ताव नहीं है, तो शासनादेश जारी करने की बात नहीं की जा सकती है। उधर एक अन्य सवाल के जवाब में डा. शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा के तीन मण्डलों में अधिकारियों के पदों को सृजित करने व उन पर तैनाती को लेकर सरकार सकारात्मक हैं। हालांकि उन्होंने इसका ठीकरा भी पूर्ववर्ती सरकारों पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने बगैर नियोजन के ही मण्डल बना दिये, लेकिन अब उनकी सरकार पदों का सृजन करने के साथ ही उन पर नियुक्ति भी करेगी। एक-एक शिक्षक के भरोसे राजकीय इंटर कालेज : विधान परिषद में सरकार ने जवाब दिया है कि रायबरेली के तीन राजकीय बालिका इंटर कालेजों में शिक्षकों की भारी कमी है लेकिन नेता सदन डा. शर्मा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के प्रति राज्य सरकार कतई उदासीन नहीं है। इस पर कांग्रेस के दीपक सिंह, सपा के वासुदेव यादव ने कहा कि राजकीय बालिका इंटर कालेज मुसाफिर खाना में 21 पदों पर तीन, राजकीय इंटर कालेज शाहगढ़ में 21 पदों के सापेक्ष एक व राजकीय इंटर कालेज जामों में 18 शिक्षकों में से मात्र एक की तैनाती है। इस पर डा. शर्मा ने कहा कि राजकीय शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा और पारदर्शी व्यवस्था लागू होगी। विपक्षी दलों के सदस्यों ने एलटी ग्रेड की नियुक्तियां बहाल रखने की मांग की, लेकिन सरकार ने कोई आश्वासन नहीं दिया।
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