हाईकोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड इलाहाबाद द्वारा चयनित अभ्यर्थी इंटर कालेज में नियुक्ति पाने का हकदार है। यदि उस संस्थान में जहां उसे नियुक्ति दी गई है पद रिक्त नहीं है तो उसे किसी दूसरे संस्थान में उसी पद पर नियुक्ति दी जाए जिसके लिए वह चयनित हुआ है। अंकित कुमार की याचिका स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने यह आदेश दिया।
याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक याची चयन बोर्ड द्वारा चयनित किया गया है। उसे जिस कालेज में नियुक्ति दी गई वहां पद रिक्त नहीं होने के कारण उसे लौटा दिया गया। इस स्थिति में उसे दूसरे किसी संस्थान में नियुक्ति दी जाए। अधिवक्ता ने दलील दी कि चयन बोर्ड की 1998 की नियमावली 13(5) के तहत यदि चयनित अभ्यर्थी को एलाट किए गए कालेज में नियुक्ति नहीं दी जाती है तो दूसरे कालेज में अधियाचित पद पर नियुक्ति दी जाए। इस मामले में प्रशांत कुमार कटियार केस में सुप्रीमकोर्ट ने 23 अगस्त 2017 को निर्णय दिया है कि चयनित अभ्यर्थी के लिए यदि पद उपलब्ध नहीं है तो उसे भविष्य में रिक्त होने वाले उसी पद पर नियुक्ति दी जाए जिसके लिए वह चयनित हुआ है। इस आदेश के आलोक में हाईकोर्ट ने चयन बोर्ड को निर्देश दिया है कि याची को दो माह के भीतर किसी दूसरे संस्थान में नियुक्ति दी जाए।
याची अंकित कुमार को पूर्व में राधावल्लभ इंटर कालेज फफूंद औरैया में प्रवक्ता नागरिक शास्त्र के पद नियुक्ति के लिए एलाट किया गया। कालेज ने पद रिक्त न होने के आधार पर याची को वापस चयन बोर्ड भेज दिया। इसके बाद याचिका दाखिल की गई। हाईकोर्ट की फुलबेंच ने प्रशांत कुमार कटियार केस में कहा था कि चयनित को उसी अधियाचित पद पर नियुक्ति दी जाएगी जो विज्ञापित हो। सुप्रीमकोर्ट ने इस निर्णय को पलट दिया।
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