जागरण संवादाता, टेकुआटार, कुशीनगर: वर्षों से बच्चों को तालीम दिलाने का ढिंढोरा पीटने वाले कई मदरसा संचालकों के पोल खुल गए हैं। जिन मदरसों में कागज पर वर्षों से तामील दी जा रही थी, वे जमीन पर उपलब्ध ही नहीं हैं। सरकार ने मदरसों को हाईटेक करने से पहले जिलावार जांच कराने का निर्देश दिया था। जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने तहसीलवार टीम गठित कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। छोटी-मोटी खामियों की बात तो दूर है तमाम ऐसे मदरसे मिले हैं जिनके अस्तित्व का कही अता पता ही नहीं है। कसया तहसील क्षेत्र के रामकोला, कसया, मोतीचक, फाजिलनगर, पडरौना सहित पांच ब्लाकों के तहत आने वाले सभी मान्यता प्राप्त 93 मदरसों की जांच तहसील के एसडीएम, समाज कल्याण अधिकारी व बीईओ ने किया था। सभी ब्लाकों में खामियां मिली हैं, लेकिन फाजिलनगर ब्लाक के 64 मदरसों में सर्वाधिक खामियां पाई गईं। ब्लाक में एक दर्जन से ऊपर ऐसे मदरसे हैं, जो मौके पर अस्तित्व में नही हैं। कुछ अपने स्थान पर नही हैं, तो कुछ में भवन, भूमि मानक के अनुसार नही हैं। जांच कार्रवाई को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। फर्जी मदरसा चलाने वाले भाग दौड़ तेज कर दिए हैं। एसडीएम श्री प्रकाश शुक्ल ने कहा कि पूर्व में जो जांच हुई थी उसमें कमियां पाई गई हैं। पुन: शिक्षा विभाग व तहसील की टीम जांच ही जांच करेगी।
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