DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, September 26, 2017

CBSE जारी करेगा सर्कुलर, अगले सत्र से लागू होगा, थ्री-लैंग्वेज फॉर्म्युला के तहत इंग्लिश या 22 संवैधानिक भारतीय भाषाओं में से ही किन्हीं तीन को चुनना होगा


■   स्टूडेंट संविधान की 22 भाषाओं और अंग्रेजी यानी कुल 23 भाषाओं में से कोई भी तीन चुन सकते हैं। 

■  स्टूडेंट को जर्मन, फ्रेंच या दूसरी विदेशी भाषा पढ़नी है तो वह चौथी भाषा के तौर पर पढ़ सकेगा।

■  मुताबिक, एचआरडी मिनिस्टर ने काफी वक्त पहले ही सीबीएसई को निर्देश दे दिए थे, लेकिन सीबीएसई की ओर से पहल नहीं की गई। 



नई दिल्ली : सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों और केंद्रीय विद्यालयों में अगले सत्र से स्टूडेंट्स किसी विदेशी भाषा को चौथी भाषा के तौर पर ही पढ़ सकेंगे। उन्हें थ्री-लैंग्वेज फॉर्म्युला के तहत इंग्लिश या 22 संवैधानिक भारतीय भाषाओं में से ही किन्हीं तीन को चुनना होगा। अभी एचआरडी मिनिस्ट्री के आदेश के बावजूद सीबीएसई के स्कूलों में स्टूडेंट्स थ्री-लैंग्वेज के तहत विदेशी भाषा ही पढ़ रहे हैं। एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर ने सीबीएसई से कहा है कि वह जल्द इस संबंध में सर्कुलर जारी करे। 


एचआरडी मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के मुताबिक, थ्री-लैंग्वेज फॉर्म्युला का मकसद यह था कि स्टूडेंट्स अपनी मातृभाषा के अलावा दूसरी भारतीय भाषाएं भी सीख सकें। जैसे उत्तर के लोग हिंदी के साथ दक्षिण या नॉर्थ-ईस्ट में बोली जाने वाली भाषा भी सीख सकें। इसी तरह दक्षिण के लोग अपनी क्षेत्रीय भाषा के साथ मातृभाषा हिंदी भी सीख सकें। लेकिन सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में और केंद्रीय विद्यालयों में भी थ्री-लैंग्वेज फॉर्म्युले को ठीक से लागू नहीं किया गया। वहां भारतीय भाषाओं के बजाय स्टूडेंट थ्री-लैंग्वेज फॉर्म्युला के तहत जर्मन, फ्रेंच पढ़ रहे हैं। कुछ वक्त पहले इस पर काफी विवाद भी हुआ था।


No comments:
Write comments