■ यूपी बोर्ड परीक्षाओं में नकल माफिया पर डालनी होगी नकेल
■ रिक्त पदों को भरने के साथ ही शिक्षकों की समस्याएं भी करनी होंगी दूर
लखनऊ : अमरनाथ वर्मा को हटाकर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा निदेशक बनाए गए अवध नरेश शर्मा हालांकि पहले इस पद पर रह चुके हैं, फिर भी उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। तमाम दावों के बावजूद प्रदेश के कई जिलों में नकल माफिया की पैठ है और उसके किलों को तोड़ना आसान नहीं है। इसके साथ ही शिक्षकों की समस्याएं, रिक्त पदों को भरने व विद्यालयों में पठन-पाठन का स्तर उठाने समेत कई जिम्मेदारियों से उन्हें जूझना होगा।
अवध नरेश शिक्षा विभाग में बेदाग छवि के अधिकारी माने जाते रहे हैं और कई पदों पर काम कर चुके हैं। भाजपा सरकार ने शिक्षा विभाग को पटरी पर लाने के नजरिए से ही उन पर भरोसा जताया है। एक दशक से माध्यमिक विद्यालयों के पठन-पाठन के स्तर में गिरावट आई है और शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में छात्रों की संख्या में कमी आई है। पठन-पाठन का स्तर उठाकर ही इन विद्यालयों की ओर छात्रों का रुझान किया जा सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में कई जिले ऐसे हैं जहां यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर परीक्षाओं ने सामूहिक नकल चुनौती है। इस नेटवर्क को तोड़े बिना परीक्षाओं की शुचिता कायम किया जाना मुश्किल है। अवध नरेश ऐसे समय में शिक्षा निदेशक बनाए गए हैं जबकि यूपी बोर्ड आधुनिकीकरण की राह पर है। कंप्यूटर से केंद्र निर्धारण व परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे आदि के लक्ष्य पूरे किए जाने हैं। उन पर इस दिशा में आगे बढ़ने की भी जिम्मदारी होगी।
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