DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Saturday, October 28, 2017

लखनऊ : अव्यवस्थाओं के बीच शुरू हुईं परिषदीय विद्यालयों की अर्धवार्षिक परीक्षाएं, बिना किताब पढ़े ही दे रहे परीक्षा

शुक्रवार से परिषदीय विद्यालयों में शुरू हुई अर्धवार्षिक परीक्षा के दौरान न्याय पंचायत यूसुफनगर के प्राथमिक विद्यालय अजरुनगंज एक में द्वितीय पाली की परीक्षा के दौरान कक्षा पांच की छात्र खुशबू व जुनैद प्रश्न पत्र में पूछे गए पहले प्रश्न अश्वा: धावन्ति का हिंदी अनुवाद याद करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दोनों बच्चों के साथ ही परीक्षा कक्ष में मौजूद किसी भी बच्चे को प्रश्न का उत्तर समझ नहीं आया। यही नहीं परीक्षा कक्ष में मौजूद कक्ष निरीक्षक भी काफी पशोपेश में रही। क्योंकि परीक्षा शुरू कराने के लिए बाकायदा प्रश्नपत्र भी बच्चों को मिल गया था, लेकिन छह माह बीत जाने के बाद भी अभी तक विद्यालय में कक्षा पांच की संस्कृत की किताब बच्चों को पढ़ने के लिए नसीब नहीं हुई है। ऐसे में जब बच्चों ने किताबें पढ़ी नहीं तो परीक्षा में पूछे गए सवालों के उत्तर कैसे दे सकेंगे। 1यही नहीं विद्यालय में कक्षा पांच की हमारा परिवेश, कक्षा चार की परख व गिनतारा व कक्षा तीन की रेनबो व संस्कृत की किताब भी बच्चों को अभी तक नहीं मिली है। ऐसे में बिना पढ़े प्रश्नपत्र में पूछे गए सवालों का जवाब बच्चे कैसे देंगे। यह हाल अकेले इसी विद्यालय का नहीं था, बल्कि न्याय पंचायत युसुफनगर के अजरुनगंज व इससे लगे दर्जनों विद्यालयों का है। जहां किताबें नहीं पहुंची। न्याय पंचायत धुसवल कलां कल्ली के भी विद्यालयों में भी बच्चों के पास कई विषयों की किताबें पढ़ने को नसीब नहीं हुई है।1परीक्षा होती रही, बच्चे घूमते रहे :परीक्षाओं में अव्यवस्थाओं का बोलबाला रहा। बच्चों को न तो समय से प्रश्नपत्र बांटा गया और न ही परीक्षा को नकलविहीन कराने के लिए कोई ठोस प्रयास किए गए। कुछ विद्यालयों में सख्ती देखने को मिली। वहीं प्राथमिक विद्यालय सिकंदरपुर, कठौता, तखवा में छात्रों का सिटिंग प्लान नहीं दिखा। यहां छात्र एक साथ परीक्षा देते नजर आए। वहीं प्राथमिक विद्यालय इस्माइलगंज में छात्र खेलते नजर आए।पूर्व माध्यमिक विद्यालय चिनहट में दूसरी पाली में दोपहर डेढ़ बजे ही छात्र-छात्रएं पेपर जमा कर घर चले गए। पूर्व माध्यमिक विद्यालय उत्तरधौना में परीक्षा के दौरान सख्ती देखने को मिली। यहां सभी छात्र अनुक्रमांक से बैठकर परीक्षा देते नजर आए। कक्षा छह, सात व आठ के छात्र को एक सीट पर बैठाकर परीक्षा दिलाई गई। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय नेवाजपुर में छात्रों को सिटिंग प्लान के तहत परीक्षा दिलाई गई।

No comments:
Write comments