DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Friday, May 4, 2018

यूपी बोर्ड रिजल्ट से सरकार की मुहिम को लगा झटका, पिछले सत्र में सबसे कम दिन पढ़ाई के बाद भी सत्तर फीसदी रिजल्ट, दो विधायकों ने की जांच की मांग

■ यूपी बोर्ड रिजल्ट से सरकार की मुहिम को लगा झटका

पिछले सत्र में सबसे कम दिन पढ़ाई के बाद भी सत्तर फीसदी रिजल्ट


इलाहाबाद : माध्यमिक कालेजों में प्रदेश सरकार ने नए सत्र से पढ़ाई कराने का जो खाका खींचा, यूपी बोर्ड के रिजल्ट से उस मुहिम को बड़ा झटका लगा है। सबसे कम दिनों तक पढ़ाई होने व परीक्षा में सख्ती बरतने के बाद भी हाईस्कूल व इंटर का परिणाम सत्तर फीसदी से ऊपर रहा है। जिन शिक्षक व प्रधानाचार्यो को रिजल्ट कम आने से कार्रवाई होने का भय सता रहा था, वह अब निश्चिंत हो गए हैं।

कालेजों में अब पढ़ाई कराना सरकार को बड़ी चुनौती है। यूपी बोर्ड के माध्यमिक कालेजों में वैसे तो शैक्षिक सत्र अप्रैल माह से शुरू हो रहा है लेकिन पिछला सत्र जुलाई से शुरू हुआ, क्योंकि विधानसभा चुनाव के कारण परीक्षाएं 16 मार्च से 21 अप्रैल तक चली। सत्र शुरू होने के कुछ माह बाद बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम घोषित हो गया। दिसंबर व जनवरी में प्रायोगिक परीक्षा व छह फरवरी से लिखित परीक्षा शुरू हो गई। ऐसे में करीब छह माह ही कालेजों में जैसे-तैसे पढ़ाई हो पाई।

परीक्षा में सरकार के निर्देश पर पहले मुख्यालय पर कंप्यूटर से केंद्र बने और फिर सीसीटीवी कैमरे, एसटीएफ व एलआइयू आदि की सक्रियता से नकल रोकने के तमाम इंतजाम किए गए। सख्ती के कारण ही परीक्षा छोड़ने का आकड़ा रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया। परीक्षार्थी, अभिभावक, शिक्षक व आम जन तक मानों आश्वस्त हो गए थे कि इस वर्ष का रिजल्ट भी इतिहास रचेगा। सरकार की ओर से विशेष सख्ती को भांपकर ही नया सत्र शुरू होने पर कालेजों में शिक्षकों ने पढ़ाना शुरू किया।

No comments:
Write comments