ड्रॉपआउट बच्चों की लगेगी एक्सट्रा क्लास, डायट लखनऊ ने ‘एक प्रशिक्षु-एक प्रवेश’ योजना को विस्तार देने का फैसला किया
लखनऊ : अब ड्रॉपआउट बच्चों पर डायट सीधे नजर रखेगा। दाखिला के साथ-साथ अब उनका शैक्षिक आंकलन भी करेगा। पढ़ाई से मोहभंग होने पर प्रशिक्षुओं की मदद से उनमें शिक्षण के प्रति ललक पैदा करेगा। इसके लिए हर माह एक्सट्रा क्लास (अतिरिक्त कक्षा) दी जाएंगी।
जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) ने ‘एक प्रशिक्षु-एक प्रवेश’ योजना को विस्तार देने का फैसला किया है। इसके लिए अब बीटीसी-डीएलएड प्रशिक्षुओं को ड्रॉपआउट (पढ़ाई छोड़ने वाले) बच्चों के दाखिले के साथ-साथ उनके फीड बैक की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में अब वह हर माह दाखिला कराए गए छात्र के स्कूल व घर जाएंगे। बच्चे के शैक्षणिक कार्य का आंकलन करेंगे। उनकी पढ़ाई में आ रही अड़चनों को स्कूल के शिक्षक व अभिभावक से मिलकर दूर करेंगे।
■ ड्रॉपआउट बच्चों से माह में तीन बार मिलेंगे प्रशिक्षु :
एडमिशन के बाद से ये बच्चे पढ़ रहे हैं, या फिर स्कूल से गायब हो गए हैं। इसकी वजह क्या हैं। इन सभी समस्याओं के निदान के लिए अब प्रशिक्षु हर माह दो से तीन बार ऐसे बच्चों से मिलेंगे। वहीं इनमें कमजोर बच्चों को अलग से पढ़ाएंगे भी।
■ बोनस अंक का कमाल, छात्र संख्या दोगुनी :
इस योजना के जरिए वर्ष 2017-18 शैक्षिक सत्र में प्रशिक्षुओं ने 2262 बच्चों का दाखिला कराया गया था। इसमें प्रशिक्षुओं को 10 अंक बोनस दिए गए। ऐसे में वर्ष 2018-19 सत्र में प्रशिक्षुओं ने और मेहनत की। इस बार 4628 ड्रॉपआउट बच्चों का दाखिला कराया।
★ लखनऊ डायट का यह अभिनव प्रयोग है। अब दाखिले के बाद प्रशिक्षु दो वर्ष तक बच्चे की निगरानी करेगा। इस दौरान कमजोर बच्चों को कम से कम माह में दो दिन पढ़ाना भी होगा। यह कार्य अक्टूबर से शुरू होगा। ~ डॉ. पवन कुमार सचान, प्राचार्य, डायट।
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