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Sunday, September 30, 2018

लखनऊ : इंग्लिश मीडियम स्कूलों को नहीं मिल रहे शिक्षक, कई बार आवेदन प्रक्रिया होने के बाद भी 225 के सापेक्ष 170 शिक्षकों का ही चयन



कुछ स्कूलों में अंग्रेजी विषय से पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी है। इसकी वजह से दिक्कतें आ रही हैं। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन स्कूलों में पद खाली हैं, वहां से 2 से 3 किमी के दायरे में आने वाले प्राइमरी स्कूलों के उन शिक्षकों से आवेदन लें। जो इंग्लिश मीडियम से पढ़ाने के इच्छुक हों। अगर शिक्षक न मिलें तो अपने स्तर से प्रस्ताव भेज दें। 

- डॉ. अमर कांत सिंह, बीएसए लखनऊ
केस-3
केस-2
केस-1• प्राइमरी स्कूल भद्दीर्सिस,• प्राथमिक स्कूल गद्दिन खेड़ाn प्राथमिक स्कूल आंटगढ़ी सौराn प्राथमिक स्कूल बसंतपुरn प्राथमिक स्कूल माल-1n प्राथमिक स्कूल पतौनाn प्राथमिक स्कूल हरदोइयाn प्राथमिक स्कूल भद्दी खेड़ा।

माध्यम से उनका चयन किया गया, लेकिन कई बार आवेदन प्रक्रिया करने के बाद भी बीएसए कार्यालय 225 के सापेक्ष करीब 170 शिक्षक ही चयनित कर सका। नतीजा, कई जगह एक भी शिक्षक नहीं मिल पाए तो कहीं एक शिक्षक या शिक्षामित्र के भरोसे स्कूल चल रहे हैं।

• प्राइमरी स्कूल समेसी-1• प्राइमरी स्कूल सलेमपुरn प्राइमरी स्कूल देवरी झंडा-मालn प्राइमरी स्कूल निरालानगर।

प्राइमरी स्कूल करोरा-1 में भी इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई के लिए करीब 152 बच्चों पर सिर्फ एक शिक्षक तैनात है, जबकि नियमानुसार पांच शिक्षक होने चाहिए। ऐसे में हिन्दी मीडियम के शिक्षकों को यहां लगा दिया गया है।
मोहनलालगंज के इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल भद्दीर्सिस में 124 बच्चों को पढ़ाने के लिए एक हेड मास्टर सहित पांच शिक्षक की तैनाती होनी थी, लेकिन छह महीने बाद भी एक भी इंग्लिश मीडियम से पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं भेजे गए। नतीजा, यहां भी हिन्दी मीडियम के गुरुजनों के भरोसे बच्चे हैं।
प्राइमरी स्कूल निराला नगर के इंग्लिश मीडियम बनने के बाद पांच शिक्षकों की तैनाती के दावे किए गए थे। आलम यह है कि करीब 102 बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा सिर्फ एक शिक्षिका और दो शिक्षा मित्र पर है।
यहां महज एक शिक्षक तैनात
इन स्कूलों में इंग्लिश मीडियम के एक भी शिक्षक नहीं•एनबीटी, लखनऊ 

कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर राजधानी में संचालित 45 सरकारी इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई का कुछ ऐसा ही हाल है। सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल तो खोल दिए गए, लेकिन उनमें अंग्रेजी विषय का शिक्षक ही नहीं। यह इंग्लिश मीडियम स्कूल शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे हैं। स्थिति यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग छह महीने में इंग्लिश मीडियम के स्कूलों के लिए पर्याप्त शिक्षक तक नहीं दे सका। अब खुद विभाग के अधिकारी भी यह मानते हैं कि शिक्षक की कमी की वजह से इंग्लिश मीडियम से बच्चों को पढ़ाने में दिक्कत हो रही है।

शासन के आदेश पर बीते एक अप्रैल से शुरू हुए शैक्षिक सत्र में हर ब्लॉक से पांच-पांच सरकारी प्राइमरी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम से संचालित किया जाने लगा। नियमानुसार प्रत्येक स्कूल में इंग्लिश मीडियम से बच्चों को पढ़ाने के लिए एक हेड व चार सहायक अध्यापक के पद सृजित किए गए। इसके लिए बीते अप्रैल में इच्छुक शिक्षकों से आवेदन लेकर इंटरव्यू के

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