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Monday, November 4, 2019

फतेहपुर : शिक्षकों के बहिष्कार से एआरपी पद का चयन फंसा, जनपद में 70 एआरपी पदों पर होना है चयन, चयन समिति की अध्यक्ष सीडीओ बोलीं- नवम्बर में पूरी होगी चयन प्रक्रिया

फतेहपुर : शिक्षकों के बहिष्कार से एआरपी पद का चयन फंसा, जनपद में 70 एआरपी पदों पर होना है चयन, चयन समिति की अध्यक्ष सीडीओ बोलीं- नवम्बर में पूरी होगी चयन प्रक्रिया।


जागरण संवाददाता, फतेहपुर: बेसिक शिक्षा में किए जा रहे समय-समय पर बदलाव के चलते शिक्षक-शिक्षिकाओं और शासन-प्रशासन के बीच बार बार तनाव की स्थिति पैदा हो रही है। 5 सितंबर से लागू हुए प्रेरणा एप के विरोध के बाद नए पद एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) की चयन प्रक्रिया को लेकर बवंडर शुरू हो गया है। एक ओर चयन समिति की अध्यक्ष सीडीओ ने बीएसए के संग बैठक करके नवंबर माह में प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश जारी किए हैं।

शासन ने सहायक ब्लॉक समन्वयकों के पद खत्म कर देने के बाद नया पद एआरपी सृजित किया है। जिले के 13 ब्लॉकों में इसकी चयन प्रक्रिया की जानी है। चयन समिति में सीडीओ को अध्यक्ष वहीं बीएसए को सचिव का दायित्व दिया गया है। चयन के लिए 100 अंकों की परीक्षा में 60 अंक लिखित, 30 अंक पूर्व के शैक्षिक कार्यों का आकलन और 10 अंक के साक्षात्कार की नई प्रक्रिया खासी परेशानी में डालने वाली है। ऐसे में तमाम कार्यरत एबीआरसी का पत्ता पहले ही साफ हो जाएगा। जिले के 70 एबीआरसी में ब्लाक स्तरीय नेता ही इस पद में हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह और महामंत्री विजय त्रिपाठी कहते हैं कि सामूहिक बैठक में निर्णय लिया गया है कि एआरपी के लिए कोई भी शिक्षक-शिक्षिका आवेदन नहीं करेंगे। इस सर्वसम्मति के निर्णय के इतर जो भी काम करेगा उसका संगठन से कोई नाता नहीं होगा। ऐसे शिक्षक और शिक्षिका का ब्लाक एवं जिला स्तर पर बहिष्कार कर दिया जाएगा।








फतेहपुर : परिषदीय शिक्षक संगठनों ने प्रेरणा एप और एआरपी चयन का किया विरोध, संगठन प्रतिनिधियों ने कहा- एआरपी चयन के लिए कोई शिक्षक नहीं करेगा आवेदन।

एआरपी पद के लिए आवेदन करने पर होगा बहिष्कार
04 Nov 2019
प्राथमिक शिक्षा से जुड़े संघों ने अकादमिक रिसोर्स पर्सन की चयन प्रक्रिया के मामले में एकजुटता दिखाते हुए इस पद के लिए किसी भी सदस्य द्वारा आवेदन न किए जाने का फैसला किया है। रविवार को विभिन्न संघों की संयुक्त बैठक में निर्णय लिया गया कि जो शिक्षक इस पद के लिए आवेदन करेगा, उसका सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा एवं उसे सदस्य नहीं बनाया जाएगा।
कलेक्ट्रेट स्थित भीमराव पार्क में आयोजित बैठक में संघों के नेताओं ने एका दिखाते हुए एक सुर से कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में एआरपी पद के लिए आवेदन करना संभव नहीं है। प्राथमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, पूमा शिक्षक संघ एवं विशिष्ट बीटीसी संघ ने एक मत होकर निर्णय किया कि इन संघों को कोई भी सदस्य आवेदन नहीं करेगा। जो शिक्षक आवेदन करेगा, उसका सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा तथा संघ की सदस्यता भी नहीं दी जाएगी। संघीय निर्वाचन प्रक्रिया से भी उसे दूर रखा जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि मनोनयन द्वारा चयन किया जाता है तो भी वर्तमान एबीआरसीसी एवं कोई भी शिक्षक इस पद पर कार्य नहीं करेंगे। हिन्दुस्तान ने पहले ही इस संभावना की खबर ‘एआरपी पर प्रेरणा का साया' प्रकाशित की थी। इस अवसर पर आरएसएम के मांडलिक मंत्री सुरेश सिंह, प्राशिसं के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, मंत्री विजय त्रिपाठी, आरएसएम के जिलाध्यक्ष अदीप सिंह, जूनियर शिक्षक संघ के अध्यक्ष रमेश सिंह, दिग्विजय सिंह, अनुराग मिश्र, शैलेन्द्र भदौरिया, ब्रजेश सिंह, लाल देवेन्द्र प्रताप सिंह दर्जनों शिक्षक नेता एवं सदस्य मौजूद रहे।
व्यावहारिकता पर भी दिया जाए बल: शिक्षक संघों का मानना है कि विभाग सिर्फ नियम थोपने पर आमादा है। जबकि कोई नया नियम लागू करने से पहले वस्तुस्थिति का आंकलन कर ग्राउन्ड जीरो से रिपोर्ट लेनी चाहिए। दूर दराज के क्षेत्रों में काम करने वाले शिक्षकों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इसका भी ध्यान रखना चाहिए।










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