अलीगढ: 2 साल में ही दरकने लगा 90 लाख रुपये से बना बीएसए दफ्तर, निर्माण में मानकों की अनदेखी
एलमपुर में बने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय के भवन में मोटा खेल हो गया। सिर्फ दो साल हुए हैं, जब 90 लाख रुपये के खर्च से इसे तैयार किया गया था। इतने ही वक्त में ये दरकने लगा है। कहीं फर्श टूटा है तो कहीं दरवाजे जवाब देने लगे हैं। 2000 वर्ग गज भूमि पर भ्रष्टाचार की फसल लहलहा रही है। तत्कालीन बीएसए एसपी यादव के भवन की जांच पड़ताल कराए बगैर ही सुपुर्दगी में लेने पर सवाल उठ रहे हैं।ये हैं मानक : किसी भी भवन के निर्माण के लिए सरकार ने ही कुछ मानक बना रखे हैं। मसलन, उसकी दीवारें मजबूत हों और प्लास्टर दमदार। पानी का टैंक भी अच्छा होना चाहिये। टोटियां भी सही से लगी हुई। शौचालय भी अच्छा हो। पीने के पानी का बढ़िया बंदोबस्त और आग बुझाने के संयंत्र भी जरूरी हैं। बिजली की वायरिंग ऐसी न हो कि कुछ सालों में ही कनेक्शन ही ऑफ हो जाए। दरवाजे-खिड़की तो दुरुस्त होने ही चाहिये। बाहर का परिसर भी साफ सुथरा और ईंट लगा होना जरूरी है।
ये हैं हालात : 2014 में बने भवन की दीवारों का प्लास्टर इतना घटिया है कि कील तक नहीं टिक पाती। कई जगह प्लास्टर उखड़ भी गया है। बिजली वायरिंग तो कर्मचारियों ने अपने पैसे से कराई है। खिड़कियों के शीशे टूटे पड़े हैं और शौचालयों की टोटियां खराब।चंदे से काम : तीन महीने पहले बीएसए स्टॉफ ने चंदा करके रंग-रोगन कराया। परिसर में पार्क बनाया। मिट्टी डालकर जलभराव की समस्या खत्म कराई। दिखावे के अग्निशमन यंत्र : भवन निर्माण के समय लगाए गए अग्निशमन यंत्र कभी चले ही नहीं। उससे जुड़ा पानी का टैंक भी नहीं भरा गया। शिक्षामित्रों के अभिलेख वाले कमरे में आग लगी तो अग्निशमन यंत्र फेल हो गए। अभिलेख भी जल गए।
जांच में मानक अधूरे : अग्निकांड के बाद अग्निशमन विभाग की जांच से भी पुष्टि हुई कि भवन में मानकों के अनुरूप काम नहीं हुआ। उन्हें पानी का टैंक बंद मिला। गैस बुझाने वाले सिलेंडर भी खाली हैं। बीएसए धीरेन्द्र यादव ने कहा तीन माह पहले ही कार्यभार संभाला है। मामला जानकारी में आया है। जांच कराऊंगा। जो दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।दो साल पहले बने बीएसए दफ्तर के भवन का फर्श उखड़ने लगा।बीएसए के कक्ष की दीवार पर छेद किया तो मसाला झड़ने से हुआ गड्ढा।
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