जागरण संवाददाता, बरेली : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुणवत्तापरक शिक्षा पर जोर दे रहे हैं। सख्ती भी की है, नए नियम भी बनाए हैं लेकिन, सिस्टम है कि चेत नहीं रहा। आलम यह है, पढ़ाई के लिए सबसे जरूरी किताबें ही बच्चों को नहीं मिल पाई हैं। जबकि शैक्षिक सत्र शुरू हुए डेढ़ माह से अधिक समय हो चुका है। जिला स्तर पर करीब 83 फीसदी पुस्तकों के आने की बात की जा रही है, लेकिन हकीकत में बच्चों को केवल 20 फीसदी पुस्तकें ही वितरित की जा सकी हैं। यह महज दावा नहीं है, हकीकत है। खुद बच्चों के बीच जाकर सच जाना गया। बच्चों से बात की गई। 1उन्होंने बताया कि हंिदूी और गणित पढ़ रहे हैं, बाकी किताबें नहीं मिली हैं। शिक्षक भी दो टूक बोले, सिर्फ 20 फीसदी किताबें ही मिल सकी हैं। बाकी का इंतजार है। 119.47 लाख पुस्तकें की आवश्यकता : जिले के सरकारी विद्यालयों में बांटने के लिए करीब 19.47 लाख पुस्तकों का एस्टीमेट भेजा गया था, जिसमें से जिला स्तर पर करीब 17 लाख पुस्तकें आ चुकी हैं। बाकी पुस्तकों का इंतजार किया जा रहा है। इन पुस्तकों को ब्लॉक स्तर पर तो भेजा गया है। लेकिन अब तक अधिकांश किताबें स्कूलों तक नहीं पहुंच पाईं हैं। वहीं, वर्कबुक का तो क्रय आदेश ही अगस्त में जारी किया गया है।334 किताबें कीं वितरित1स्कूल में 167 छात्र-छात्रएं नामांकित हैं। इसमें केवल 334 किताबें मिली हैं, जिन्हें वितरित करा दिया गया है। बाकी किताबें मिलने के बाद वितरित की जाएंगी। 1सुमनलता, प्रधानाध्यापकजो किताबें मिलीं, बांट दीं1जुलाई में कक्षा आठ की चार विषयों की किताबें आईं। इन्हें बांट दिया गया है। बाकी विषयों की किताबें अब तक नहीं मिली हैं तो कैसे शिक्षा में सुधार करें। 1संदीप शुक्ला, जूनियर स्कूल, गौसगंजपांच विषयों की किताबें नहीं1हंिदूी और गणित की किताबें मिली थीं, उन्हें बांट दिया गया। रेनबो, संस्कृत पीयूष, परख, हमारा परिवेश और वर्कबुक अब तक नहीं मिली हैं। 1सोहनलाल, अध्यापकबहुत कम आईं किताबें1जिले में बहुत कम किताबें आई हैं। ऐसे में पढ़ाई कैसे हो और पठन-पाठन में गुणवत्तापरक शिक्षा कैसे दी जाए। यह शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं बता पा रहे हैं। 1मुकेश सिंह, प्राइमरी स्कूल, बिलपुरजिले में 83 फीसदी के करीब किताबें आ चुकी हैं। इसमें अधिकांश पुस्तकों को बीआरसी तक भेजा जा चुका है। वितरण के बारे में सूचना मांगी गई है। 1मनोज कुमार जेटली, एएओ सर्व शिक्षा अभियान’ गुणवत्तापरक शिक्षा की बातें साबित हो रहीं हवाहवाई 1’ सत्र शुरू हुए डेढ़ माह से भी अधिक का समय बीत चुका है1’ जिला स्तर पर 83 फीसद किताबें आने की कही जा रही बात
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