महराजगंज : सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2009 में एक फर्म को काटे गए लगभग 98 लाख से अधिक के चेक तथा पूरी धनराशि वापस न किए जाने के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा मुख्य सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में फिर हड़कंप है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत 21 दिसंबर 2009 में चिनहट की कैरियर एजुकेशन वेलफेयर सोसायटी के पक्ष में लगभग 98 लाख रुपये जमा किए गए थे। जांच में यह स्पष्ट हो गया था कि रुपये के भुगतान के मामले में तत्कालीन लेखाधिकारी, बीएसए व दो अन्य की भूमिका संदिग्ध है। मामले में लेखाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो गई , जबकि तत्कालीन बेसिक शिक्षा सचिव ने बीएसए को बचाने का हरसंभव प्रयास किया। 26 मार्च 2010 को 97 लाख रुपये वापस कर दिए गए, जबकि शेष रकम वापस नहीं की गई। मामले को लेकर जिले के तत्कालीन सांसद हर्षवर्धन ने जनहित याचिका दायर किया था। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय द्वारा लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही किए जाने की बात कहने से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। विभागीय लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं कोर्ट ने या फिर हलफनामे को लेकर मुख्य सचिव ने नए सिरे से जांच करानी शुरू कर दी तो विभाग के साथ-साथ कई और लोगों की मुश्किलें भी बढ़ जाएंगी।
No comments:
Write comments