परिषदीय स्कूलों में काफी समय से खेल प्रतियोगिताएं नहीं हुईं। नतीजा, खेल का स्तर निचले पायदान पर पहुंच गया। खेल के स्तर में सुधार को सरकार ने परिषदीय स्कूलों में ही खिलाड़ी तराशे जाने के आदेश दिए हैं।
दो दशक पहले तक अधिकांश खिलाड़ियों की पृष्ठभूमि में परिषदीय स्कूल जुड़ा रहता था, लेकिन अब सीबीएसई या अन्य बोर्ड के स्कूलों का जिक्र रहता है। वर्तमान में परिषदीय स्कूलों में खेल का स्तर शून्य हो चुका है। इस स्थिति लेकर सरकार गंभीर है। सरकार ने परिषदीय स्कूलों की खेल प्रतिभाओं को निखारने को नई लागू की है। इसके तहत ट्रायल्स और प्रतियोगिताएं होंगी। इसकी तैयारी 10 अगस्त से शुरू कराई जाएगी। ट्रायल्स, मंडलीय और प्रदेशीय प्रतियोगिताएं सितंबर और अक्टूबर में होंगी।
ये खेल होंगे : बैडमिंटन, बाक्सिंग, फुटबाल, कबड्डी, वालीबॉल, कुश्ती, जूड़ो, एथलेटिक्स, हैंडबॉल, हॉकी आदि। प्रतियोगिताओं का कैलेंडर जारी : माध्यमिक स्कूलों में 14, 17 और 19 वर्ष आयु वर्ग के छात्र-छात्रओं के लिए खेलों की मंडलीय प्रतियोगिताएं 21 अगस्त को जबकि प्रदेशीय प्रतियोगिता का आयोजन मेरठ में 4 से 6 सितंबर को होगा।खेल के स्तर में सुधार का प्रयास दो दशक से नहीं दिया गया ध्यान ट्रायल्स, मंडलीय और प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिताएं होंगी आयोजितसरकार का परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई और खेलों पर विशेष ध्यान है, ग्रामीण क्षेत्र में बालक-बालिकाओं में खेल की प्रतिभा को निखारा जाएगा। सितंबर-अक्टूबर में जिले में और नवंबर-दिसंबर में मंडल स्तर पर प्रतियोगिताएं होंगी।गिर्जेश चौधरी, सहायक निदेशक
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