यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम सीबीएसई की तर्ज पर करने का दूसरा चरण मंगलवार को पूरा हो गया है। बोर्ड प्रशासन जल्द ही नए पाठ्यक्रम के अनुमोदन के लिए सभापति व माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजेगा। शासन की मंजूरी मिलने के बाद पाठ्यक्रम एनसीआरटी को भेजा जाएगा और वहां से मुहर लगने के बाद लागू किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई का पाठ्यक्रम शासन ने समान करने के निर्देश हैं। बोर्ड ने पहले तीन से 14 जुलाई तक 33 पाठ्यक्रम समितियों की बैठक बुलाकर इस पर अमल कराया। हाईस्कूल स्तर (कक्षा नौ व 10) व इंटरमीडिएट स्तर (कक्षा 11 व 12) में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी व कई अन्य विषयों की पढ़ाई पहले से ही दोनों जगह (यूपी बोर्ड व सीबीएसई) लगभग एक जैसी है। करीब 20 प्रतिशत पाठ्यक्रम का जो फासला रहा है, उसे भी समान किया जा चुका है। हाईस्कूल व इंटर के अहम विषयों को एक करने का कार्य इधर तीन दिनों में पूरा हो गया है। दूसरे चरण में सामाजिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल, संगीत, गायन, कृषि और देश की विभिन्न भाषाएं बांग्ला, उड़िया आदि पर चर्चा हो चुकी है। इसके लिए यूपी बोर्ड ने बीते तीन अगस्त से कार्य शुरू किया। वैसे बोर्ड बहुत बदलाव करने के पक्ष में नहीं था। अफसरों का मानना है कि स्थानीय महापुरुष व संस्कृति की जानकारी हर छात्र-छात्र को बेहतर तरीके से होनी ही चाहिए, फिर भी हर बिंदु पर मंथन किया गया। सूत्रों का कहना है कि इस पर पहले पाठ्यचर्या समिति और फिर यूपी बोर्ड इन बदलावों पर मुहर लगाएगा, तब उसे शासन के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद एनसीईआरटी के समक्ष भेजेगा और वहां से मुहर लगने के बाद ही पाठ्यक्रम अधिकृत होगा।
आंदोलन दूसरे दिन भी जारी
माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा छह से आठ के खाली पदों पर भर्ती करने सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर बीएड टीईटी-उच्च प्राथमिक बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिक्षा निदेशालय पर मंगलवार को दूसरे दिन बेमियादी अनशन किया। डाक्टरों की टीम ने अनशनकारी की सेहत का जायजा लिया। संगीता पाल ने कहा कि जब तक उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सरकार खाली पदों पर भर्ती करने की घोषणा नहीं करती है, तब तक अनशन जारी रहेगा। बीएड उत्थान जन मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया ठप कर सरकार बेरोजगारों के साथ घिनौना मजाक कर रही है।
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