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Friday, August 4, 2017

फैजाबाद : स्वर व व्यंजन की संख्या नहीं बता पाये प्रभारी बीएसए, सही जवाब न मिलने पर डीएम ने दिया नोटिस जारी करने का आदेश


सम्पूर्ण समाधान दिवस के बाद डीएम ने की अफसरों के साथ बैठक

रुदौली के एक जूनियर स्कूल के हेडमास्टर भी जिलाधिकारी के प्रश्न पर नहीं दे सके कोई जवाब

🔴शिक्षाधिकारी का हाल🔴

परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत फैजाबाद जनपद के दो लाख से अधिक बच्चों का भविष्य संवारने वीणा उठा गुरुओं के अफसर यानि प्रभारी बीएसए रामशंकर स्वर व व्यंजन की संख्या नहीं बता पाए। जिलाधिकारी संतोष कुमार राय समेत आला अफसर चकित हो तब गए, जब प्रभारी बीएसए के बगल बैठे पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरिहरपुर बलैय्या के हेडमास्टर रामानुज तिवारी भी निरुत्तर हो गए। बीएसए प्रभारी व हेडमास्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मंगलवार को रुदौली तहसील में आयोजित प्रथम संपूर्ण समाधान दिवस के समापन के बाद डीएम संतोष कुमार राय ने इलाकाई विधायक रामचंद्र यादव की मौजूदगी में तहसील सभागार में ही समस्त विभागों के अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की।

इस दौरान प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामशंकर से अवैध स्कूलों समेत परिषदीय स्कूलों के अनुश्रवण के बाबत जानकारी ली। इस दरमियान डीएम श्री राय ने उनसे पूछा कि स्वर-व्यंजन कितने होते हैं। जिसे प्रभारी बीएसए नहीं बता पाय। तब डीएम ने उनके बगल नीली शर्ट पहने बैठे रुदौली के पूर्व बीआरसी व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरिहरपुर बलैय्या के हेडमास्टर रामानुज तिवारी से भी स्वर-व्यंजन की संख्या पूछी। लेकिन वह भी जवाब नहीं दे सके। इसके बाद सभागार में सन्नाटा छा गया। बाकी अफसरों के पसीने छूट गया। इतना ही नहीं डीएम ने प्रभारी बीएसए से सवाल किया कि वर्तमान सत्र में कितने परिषदीय स्कूलों का निरीक्षण किया, जबाब मिला 11 स्कूलों का। डीएम ने स्कूलों का नाम बताने को कहा तो प्रभारी बीएसए फिर अटक गए। एक भी स्कूल का नाम नहीं बता पाए। इस पर डीएम ने खूब खरी-खोटी सुनाई। डीएम ने प्रभारी बीएसए व हेडमास्टर रामानुज तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। इसकी पुष्टि एसडीएम गिरजेश कुमार चौधरी ने की है। इस बारे में बीएसए प्रभारी रामशंकर ने बताया कि डीएम साहब ने बच्चों से पूछने वाला सवाल किया। उन्होंने कहा कि उनसे यह पूछा गया कि स्वर-व्यंजन के सवाल बच्चों से करते हो। जबकि एसडीएम श्री चौधरी ने कहा कि डीएम साहब ने प्रभारी बीएसए से ही स्वर-व्यंजन की संख्या पूछा, जो कि वह बता नहीं पाए।

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