स्कूल के पास मुर्गीपालन केंद्र का कूड़ा सड़क पर डाला जाता है
’ यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पोल्ट्री फार्म को पहले नोटिस जारी किया था
नई दिल्ली ’ विशेष संवाददाताराष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मंगलवार को एक स्कूल के यूकेजी के छात्र की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और उसके विभिन्न प्राधिकारों को नोटिस जारी किया है। बच्चे ने अधिकरण से कहा कि उसके स्कूल के पास मुर्गीपालन केंद्र का कूड़ा सरेआम सड़क पर डाला जाता है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा है। जस्टिस जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली एनजीटी पीठ ने यूपी सरकार के मुख्य सचिव, शामली डी.एम. और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत सात पक्षकारों से जवाब-तलब किया है। इस मामले में सभी पक्षकारों से 31 अगस्त तक जवाब तलब किया है। एनजीटी के समक्ष वकील गौरव बंसल ने कहा कि यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस मामले में पोल्ट्री फार्म को पहले नोटिस जारी किया था, क्योंकि उनके संसाधन फार्म के कचरा निपटारे के लिए समुचित नहीं हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों और क्षेत्रीय लोगों के लिए कचरा बड़ी परेशानी बना हुआ है, क्योंकि यह स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। वकील ने कहा कि प्रशासन को कई मर्तबा इस मामले में शिकायत भेजी गई, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। पीठ से वकील ने कहा कि बच्चे की ओर से याचिका दायर किए जाने की वजह यह है कि स्कूल प्रशासन ने भी कई बार इस समस्या से निपटने की कोशिश की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। पीठ ने बसंल के तर्क से सहमति जताते हुए राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया। गौरतलब है कि इस मामले में अजरुन मलिक नाम के स्कूल में पढ़ने वाले यूकेजी छात्र ने हरित अधिकरण में याचिका दायर की है। उसका दावा है कि पोल्ट्री फार्म का कूड़ा सरेआम सड़क पर फेंके जाने से हवा में दरुगध फैलती है और इसकी वजह से लोगों का निकलना तक मुश्किल है। बच्चे ने एनजीटी से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर समस्या से मुक्ति दिलाए जाने की मांग की है।
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