गांव के प्राइमरी का भी कभी रुतबा था। इसमें पढ़कर बृजलाल डीजीपी बने, पर आज प्राइमरी कद घट गया है। यह विद्यालय अभिशाप सरीखे बन गए हैं। इनकी पुरानी पहचान हासिल करने के लिए जोन पुलिस ने एक परंपरा शुरू की। गोद लेने की। अफसोस सब कुछ सिर्फ खाना पूरी तक सिमटा।
संबंधित पुलिस अधिकारी को सप्ताह में एक बार गोद लिए विद्यालय पर पहुंचना था। ताकि गुणवत्ता में सुधार आए, पर पिछले नौ माह में पुलिस कहीं दो बार पहुंची तो कहीं तीन बार। ऐसे में इन स्कूलों को वर्दीवाली गोद भी मुस्कान न दे पाई।क्या थी योजना एसपी, एएसपी, सीओ समेत सभी थानाध्यक्षों को एक-एक विद्यालय गोद लेना था। उद्देश्य था विद्यालयों की दशा संवारना। शिक्षास्तर में सुधार। विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़े। शिक्षक नियमित विद्यालय पहुंचें। बच्चों का सर्वांगीण विकास हो। जिले में एसपी, एएसपी, के अलावा पांच सीओ, 19 थानाध्यक्ष हैं। ढंग का प्रयास होता तो 26 विद्यालय आदर्श बनते। माडल तो दूर यहां सुविधाओं का अभाव है। बच्चों की संख्या कम, पठन-पाठन ठीक नहीं है। हैंडपंप दूषित जल देता है।गोद लेकर एसपी भूल गए स्कूल नगर की गोद में ठीक सड़क पर मौजूद पूर्व माध्यमिक तेतरी बाजार व प्राथमिक विद्यालय तेतरी प्रथम को एसपी ने गोद लिया है। बीते नौ माह में सिर्फ दो बार वह इन विद्यालयों पर पहुंचे।
वह भी निवर्तमान। गत 17 व 29 जुलाई। वर्तमान एसपी अभी नहीं जा सके हैं।पत्र पर विभाग ने नहीं दिया ध्यान एएसपी अर¨वद कुमार मिश्र ने प्राथमिक विद्यालय पुराना नौगढ़ को गोद ले रखा है। नौ माह में वह भी सिर्फ दो बार विद्यालय जा चुके हैं। हालांकि स्थिति सुधार के लिए उन्होंने बीएसए को कुछ पत्र भी लिखा, पर अमल नहीं हो सका।सिर्फ 64 बच्चों का नामांकन पूर्व माध्यमिक तेतरी बाजार में इंचार्ज प्रधानाध्यापिका समेत चार महिला अध्यापक हैं। यहां 64 बच्चों का नामांकन है। यहां कभी 40 से अधिक बच्चे नहीं दिखे। पुलिस अधीक्षक यहां दो बार पढ़ाने आ चुके हैं। पहली बार 26 बच्चे देखे गए तो दूसरी बार बच्चों की संख्या 36 मिली।
दूषित पानी पीते हैं बच्चे
प्राथमिक विद्यालय पुराना नौगढ़, पूर्व माध्यमिक विद्यालय तेतरी बाजार, प्राथमिक विद्यालय तेतरी प्रथम समेत अधिकांश विद्यालय जिसे पुलिस ने गोद ले रखा है। वहां हैंडपंप खराब हैं। इंडिया मार्क हैंडपंपों से पीला पानी आता है। उपद्रवियों ने बाउंड्री तोड़ने का प्रयास किया। शिकायत हुई, पर कार्रवाई नहीं हुई।व्यस्तता के चलते स्कूल नहीं जाया जा सका। बाढ़, वीआइपी कार्यक्रम, घटनाओं के खुलासे आदि में काफी समय निकला। फिर भी इधर विद्यालयों की स्थिति सुधारने पर ध्यान दिया जाएगा। डा.धर्मवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक
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