नई दिल्ली : नामांकन के बाद संस्थान छोड़ने वाले छात्रों का शिक्षण शुल्क और मूल प्रमाण पत्र दबा लेने वाले विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कड़ी चेतावनी दी है। वर्ष 2007 में यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को ऐसा करने से रोक दिया था।
यूजीसी ने इसे नामांकन कराने वाले छात्रों को अपनी पसंद का दूसरा संस्थान चुनने के विकल्प से वंचित करने वाला करार दिया था। छात्रों और अभिभावकों की शिकायत पर यूजीसी ने ताजा निर्देश दिया है। नियम के मुताबिक, यदि कोई छात्र पाठ्यक्रम शुरू होने से पहले नामांकन वापस लेता है तो उसके स्थान पर प्रतीक्षा सूची के छात्र को लेना है। छात्र द्वारा जमा कराए गए शुल्क में से प्रक्रिया शुल्क निकाल कर शेष राशि वापस लौटाई जानी है। प्रक्रिया शुल्क 1000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
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