कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के भवनों का निर्माण अपात्र निर्माण संस्थाओं को दिया गया। मॉनिटरिंग नहीं हुई लिहाजा निर्माण मानकों के अनुरूप नहीं हुआ जिससे 5.40 करोड़ रुपए का खर्च बेकार गया। बिजनौर और सुलतानपुर में 13 व 4 स्कूलों का निर्माण ऐसी संस्था को सौंपा गया तो जिला स्तीय समिति की अनुमोदित शासकीय निर्माण संस्थाओं में नहीं थी।
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