शिक्षिका के वेतन पर रोक लगाई गई है, इस बात की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा किया गया है तो जानकारी की जाएगी, ताकि कारण पता चल सके। रही बात शिक्षिका की नियुक्ति की समस्या की तो उसे भी दूर कराया जाएगा, ताकि शिक्षिका की परेशानी दूर हो सके। रेखा सुमन, बीएसए
हाथरस हिन्दुस्तान संवादशिक्षिका के स्थानान्तरण के बाद, उसकी नियुक्ति अधिकारियों के गले की फांस बन चुकी है। अभी तक शिक्षिका को स्थानांतरण के बाद नियुक्ति नहीं दी गई है। वहीं वेतन भी रोक दिया गया है। उच्च प्राथमिक विद्यालय मथू में तैनात सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात रहीं कामिनी भारद्वाज अब नियुक्ति के लिए भटक रहीं हैं, क्योंकि जनपदीय स्थानान्तरण समिति ने दिसम्बर 2016 में लहरा के उच्च प्राथमिक विद्यालय में स्थानान्तरण किया, लेकिन शिक्षिका के बीएलओ पद पर कार्यरत होने के कारण, स्थानान्तरण आदेश आचार संहिता के बाद प्रभावी होने की बात पत्र में दी गई, जिस कारण लहरा के जूनियर स्कूल में उस वक्त उन्होंने नियुक्ति नहीं ली। लेकिन आचार संहिता खत्म होने के बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं मिली। विभागीय अधिकारी शिक्षिका की नियुक्ति का आदेश जारी होने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें लहरा के स्कूल में ज्वाइन नहीं करा पा रहे हैं। अभी तो शिक्षिका इसी बात को लेकर परेशान थीं, लेकिन अब उनके वेतन पर भी विभाग ने रोक लगा दी है। जिसके कारण उन्हें मानसिक पीड़ा हो रही है।
हाथरस हिन्दुस्तान संवादशिक्षिका के स्थानान्तरण के बाद, उसकी नियुक्ति अधिकारियों के गले की फांस बन चुकी है। अभी तक शिक्षिका को स्थानांतरण के बाद नियुक्ति नहीं दी गई है। वहीं वेतन भी रोक दिया गया है। उच्च प्राथमिक विद्यालय मथू में तैनात सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात रहीं कामिनी भारद्वाज अब नियुक्ति के लिए भटक रहीं हैं, क्योंकि जनपदीय स्थानान्तरण समिति ने दिसम्बर 2016 में लहरा के उच्च प्राथमिक विद्यालय में स्थानान्तरण किया, लेकिन शिक्षिका के बीएलओ पद पर कार्यरत होने के कारण, स्थानान्तरण आदेश आचार संहिता के बाद प्रभावी होने की बात पत्र में दी गई, जिस कारण लहरा के जूनियर स्कूल में उस वक्त उन्होंने नियुक्ति नहीं ली। लेकिन आचार संहिता खत्म होने के बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं मिली। विभागीय अधिकारी शिक्षिका की नियुक्ति का आदेश जारी होने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें लहरा के स्कूल में ज्वाइन नहीं करा पा रहे हैं। अभी तो शिक्षिका इसी बात को लेकर परेशान थीं, लेकिन अब उनके वेतन पर भी विभाग ने रोक लगा दी है। जिसके कारण उन्हें मानसिक पीड़ा हो रही है।
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