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Sunday, September 8, 2024

यूपी के निजी इंजीनियरिंग और व्यावसायिक संस्थाओं में इस साल भी नहीं बढ़ेगी फीस, शासन ने सभी डिग्री, डिप्लोमा, सहायता प्राप्त डिप्लोमा स्तरीय संस्थानों को दिए निर्देश

यूपी के निजी इंजीनियरिंग और व्यावसायिक संस्थाओं में इस साल भी नहीं बढ़ेगी फीस

शासन ने सभी डिग्री, डिप्लोमा, सहायता प्राप्त डिप्लोमा स्तरीय संस्थानों को दिए निर्देश

 सत्र 2023-24 में लागू मानक शुल्क ही 2024-25 में भी होगा प्रभावी


लखनऊ। शासन ने इस सत्र 2024-25 में भी प्रदेश के निजी इंजीनियरिंग व व्यावसायिक संस्थानों में फीस न बढ़ाने का निर्णय लिया है। निजी क्षेत्र की सभी डिग्री, डिप्लोमा व सहायता प्राप्त डिप्लोमा स्तर के इंजीनियरिंग व व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं में सत्र 2023-24 में लागू मानक शुल्क (ट्यूशन फी) ही प्रभावी होगा।


प्राविधिक शिक्षा विभाग की ओर से उप्र निजी व्यावसायिक शैक्षणिक संस्था के लिए गठित प्रवेश व फीस नियमन समिति की हाल ही में हुई बैठक में यह तय किया गया है कि निजी क्षेत्र के डिग्री, डिप्लोमा, सहायता प्राप्त डिप्लोमा स्तरीय इंजीनियरिंग व व्यावसायिक संस्थानों में चल रहे पाठ्यक्रमों के लिए छात्रहित में मानक शुल्क यथावत रखा जाएगा। इस संबंध में प्राविधिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अन्नावि दिनेश कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।


बाद में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) की ओर से अपने संबद्ध सभी संस्थानों को निर्देश जारी किया गया है कि इसके अनुसार ही प्रवेश लेना सुनिश्चित करें। बता दें कि कोविड के बाद से शासन ने विद्यार्थियों के हित में अभी तक फीस नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। 

69000 शिक्षक भर्ती: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकीं निगाहें

69000 शिक्षक भर्ती:  सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकीं निगाहें


69000 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट पर सोमवार 9 सितंबर को  सुनवाई होगी। यह रिट सेवा सुरक्षा और अन्य मुद्दों को लेकर दायर की गई थी। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी विनय पांडेय ने बताया कि इस भर्ती से संबंधित कई रिट दायर की गई हैं और उम्मीद है कि आज सभी पर एक साथ सुनवाई की जाएगी। इस सुनवाई में आरक्षण से जुड़े मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा होने की संभावना है।




69000 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों की रिट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 9 सितम्बर को 

06 सितंबर 2024
69000 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवा सुरक्षा आदि को लेकर रिट दायर की थी। रवि सक्सेना आदि की इस रिट पर 9 सितंबर को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी।


अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी विनय पांडेय ने बताया कि इस मामले में कई रिट हुई हैं। उम्मीद है कि सभी पर एक साथ 9 सितंबर को सुनवाई होगी। इसमें एक ही भर्ती में कई बार आरक्षण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा।


बीएड काउंसलिंग के अभ्यर्थियों को आज प्रवेश लेने का अंतिम मौका

बीएड काउंसलिंग के अभ्यर्थियों को आज प्रवेश लेने का अंतिम मौका 


झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा कराई जा रही बीएड काउंसलिंग के तहत प्रदेश के बीएड कॉलेजों में मौका है। प्रथम और द्वितीय चरण बीयू कॉलेज आवंटन कर चुका है। बताया गया कि प्रथम चरण की काउंसलिंग में ही प्रदेश के सरकारी कॉलेजों की अधिकतर सीटें भर चुकी हैं। 


प्रदेश भर के बीएड कॉलेजों में लगभग 2.43 लाख सीटें हैं। बीयू द्वारा प्रथम चरण की काउंसलिंग में एक से 75 हजार रैंक तक के अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। जबकि, द्वितीय चरण की काउंसलिंग में 75,001 से 1.93 लाख यानी अंतिम रैंक तक के अभ्यर्थी को काउंसलिंग में शामिल होने का मौका दिया गया। 

69000 शिक्षक भर्ती : सीएम योगी से नहीं हो सकी आंदोलनरत अभ्यर्थियों की मुलाकात

69000 शिक्षक भर्ती : सीएम योगी से नहीं हो सकी आंदोलनरत अभ्यर्थियों की मुलाकात 

अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकीं निगाहें

8 सितम्बर 2024
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश के अनुपालन के लिए आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों की शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात प्रस्तावित थी। किंतु कतिपय कारणों से यह मुलाकात नहीं हो सकी। अब आरक्षित व अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों व चयनितों की निगाहें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिक गई हैं।


अभ्यर्थियों का नेतृत्व करने वाले अमरेंद्र पटेल ने कहा कि पिछले दिनों मुलाकात में मंत्री ओपी राजभर और जिला प्रशासन ने शनिवार को सीएम से उनकी मुलाकात कराने की बात कही थी, लेकिन इस संबंध में उन्हें कोई सूचना नहीं मिली। इस वजह से उनकी सीएम से मुलाकात नहीं हो पाई।


दूसरी तरफ अब दोनों वर्ग के अभ्यर्थियों की निगाहें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। चयनित शिक्षकों व अनारक्षित वर्ग की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सोमवार को सीजेआई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी। वहीं आरक्षित वर्ग पहले ही मामले में कैविएट दाखिल कर चुका है। बता दें कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद उसे लागू करने के लिए लगातार आंदोलन व मंत्रियों के आवास का घेराव कर रहे हैं। 



69000 शिक्षक भर्ती: धरने पर बैठे अभ्यर्थियों की आज सीएम योगी से गोरखपुर में होगी मुलाकात, मंत्री संजय निषाद के आवास का किया घेराव

07 सितम्बर 2024
इलाहाबाद हाईकोर्ट डबल बेंच का आदेश लागू करने के लिए आंदोलन कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का प्रयास रंग ला रहा है। कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर व जिला प्रशासन की ओर से शनिवार को आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया गया है। इसके लिए अभ्यर्थियों से प्रतिनिधिमंडल का नाम भी मांगा गया है। वहीं शुक्रवार को अभ्यर्थियों ने मंत्री संजय निषाद के आवास का घेराव किया।

अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि आंदोलनरत आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार देर शाम गोरखपुर में मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय से आंदोलन कर रहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से पांच नाम मांगे गए थे, जो भेज दिए गए हैं। मुख्यमंत्री से मिलकर हम अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराएंगे, ताकि प्रभावित सभी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय मिल सके।

वहीं दूसरी तरफ आंदोलन के क्रम में अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के आवास का घेराव किया। यहां बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी प्रदर्शन करते हुए हाईकोर्ट डबल बेंच के फैसले का पालन करने व नियुक्ति दिए जाने की मांग कर रहे थे। मंत्री के लखनऊ में न होने के कारण अभ्यर्थियों की उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। वहीं पुलिस उन्हें बस से ईको गार्डन ले गई। बता दें कि इससे पहले अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के आवास का घेराव किया था।


69000 शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थियों को सीएम से वार्ता का मिला आश्वासन, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने घेरा मंत्री राजभर का आवास

06 सितम्बर 2024
लखनऊ। हाईकोर्ट डबल बेंच के आदेश के पालन के लिए लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने बृहस्पतिवार को पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर के आवास का घेराव किया। अभ्यर्थी हाईकोर्ट के फैसले का पालन करने व नियुक्ति देने की मांग कर रहे थे।

मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों से मुलाकात की। उन्होंने अभ्यर्थियों की समस्याएं सुनीं और ज्ञापन लिया। राजभर ने आश्वासन दिया कि वे अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सात सितंबर को करवाएंगे। इस मामले का समाधान जल्द ही किया जाएगा। सीएम से मिलने के लिए उन्होंने पांच अभ्यर्थियों के नाम भी मांगे।


धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा अभ्यर्थी चार साल से सड़कों पर भटक रहे हैं। अब कोर्ट का फैसला आया है तो इसका पालन नहीं हो रहा है। कोर्ट ने भर्ती की मूल चयन सूची रद्द कर सरकार को तीन महीने में आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है, लेकिन सरकार ने अब तक कोई काम शुरू नहीं किया है। इससे अभ्यर्थियों में नाराजगी है।



बारिश में भी डटे रहे 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी, नियुक्ति के लिए घेरा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का आवास

05 सितम्बर 2024
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश का अनुपालन कराने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का आवास घेरा। सुबह लगभग 11 बजे बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी यहां धरने पर बैठ गए और नियुक्ति दिए जाने की मांग की। वहीं दोपहर में हुई भारी बरसात के बीच भी वे डटे रहे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के बाद ही लौटे।

अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि हम ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं व मंत्रियों के आवास का घेराव इसलिए भी कर रहे हैं कि वे मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर इस मामले का समाधान कराएं। हम सभी अभ्यर्थी पिछले चार साल से भटक रहे हैं। अब कोर्ट के फैसले का पालन किया जाना चाहिए, किंतु विभागीय अधिकारी इसमें भी हीलाहवाली कर रहे हैं।


हाईकोर्ट ने पुरानी चयन रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है। किंतु सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है। 


जल्द अभ्यर्थियों की सीएम से कराएंगे मुलाकात 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने धरना दे रहे अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर बात की। इसमें उन्होंने सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। अभ्यर्थियों का ज्ञापन लेते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में जल्द ही वह मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात करेंगे। साथ ही अभ्यर्थियों की भी मुलाकात कराएंगे। प्रतिनिधिमंडल में अमरेन्द्र पटेल, वीरेन्द्र, विजय, अर्चना, विक्रम शामिल थे।


आरक्षण घोटाले के पीड़ित अभ्यर्थियों की नई चयन सूची जारी करे सरकार

लखनऊ। 69000 शिक्षक घोटाला के खिलाफ इंकलाबी नौजवान सभा ने बुधवार को मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया। उन्होंने आरक्षण घोटाले के पीड़ित अभ्यर्थियों की नई चयन सूची जारी करने की सरकार से मांग की। जिलाधिकारी के जरिये राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित कर मामले में दखल देने की अपील की। 

परिवर्तन चौक से जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश सह सचिव राजीव गुप्ता ने कहा कि भाजपा सरकार आरक्षण घोटाला के खिलाफ हाईकोर्ट के फैसले को लागू करने के बजाय नई चयन सूची की मांग कर र रहे छात्रों पर लाठीचार्ज कर रही है लेकिन अभी तक आरक्षण घोटाले के एक भी दोषी को सजा नहीं दी गई। वहीं, नीरज कनौजिया ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती को आजादी के बाद का सबसे बड़ा शिक्षक भर्ती घोटाला बताया। 



कैबिनेट मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन, अपनी मांगों को लेकर 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का जोरदार हंगामा

मंत्री को सौंपा ज्ञापन न्याय पाने तक संघर्ष जारी रखने का एलान

04 सितम्बर 2024
लखनऊ- 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का जोरदार प्रदर्शन यूपी की राजधानी लखनऊ में जारी है. आज 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी ने कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया।

मंत्री आशीष पटेल के आवास पर शिक्षक अभ्यर्थी बैठे है. प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक नियुक्ति देने की मांग.आशीष और अनुप्रिया पटेल के आवास का घेराव किया.पुरानी सूची बनाने वाले अधिकारियों को हटाने की मांग है. मंत्री के आवास पर प्रदर्शन के दौरान महिला अभ्यर्थी बेहोश भी हो गई.


बता दें कि कल भी शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन करते हुए उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया था. कल भी प्रर्दशन करने वाले अभ्यर्थीयों का कहना था कि वो नियुक्ति मांगने के लिए आए हुए है. वह यह प्रदर्शन नई सूची बनाकर तत्काल नियुक्ति की मांग करने के लिए कर रहे है.प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थीयों का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा.


69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने घेरा मंत्री आशीष पटेल का आवास

अभ्यर्थियों ने कहा- जल्द नियुक्ति दी जाए, दागी अधिकारी हटाए जाएं


लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को अपना दल (एस) पार्टी कार्यालय व मंत्री आशीष पटेल के आवास का घेराव किया। अभ्यर्थी हाईकोर्ट लखनऊ डबल बेंच के फैसले का पालन किए जाने के लिए मंत्री के घर के सामने धरने पर बैठे। कड़ी धूप होने से कुछ अभ्यर्थियों की तबीयत भी खराब हुई। इन्हें अस्पताल भेजा गया।

अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट का जो निर्णय आया है, सरकार उसे जल्द लागू करे और न्याय देते हुए नियुक्ति का रास्ता साफ करे। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि दागी अधिकारियों को तत्काल हटाकर नए अधिकारी नियुक्त करें। ताकि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी रूप से पूरी की जा सके। 

अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि भर्ती में बड़े स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है। उन्हें नौकरी से वंचित कर दिया गया। लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद 13 अगस्त को लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है।

बेसिक शिक्षकों के पारस्परिक अंतर्जनपदीय तबादले पर जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट खफा, विभाग को सशर्त मोहलत

हाईकोर्ट ने शिक्षकों के अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण पर जवाब मांगा


प्रयागराज । बेसिक शिक्षा परिषद में अध्यापकों के अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के मामले में जवाब दाखिल न करने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा है कि 30 सितंबर तक अधिकारी हलफनामा दाखिल करें या फिर स्वयं अदालत में उपस्थित हों। प्रतिभा वर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने दिया है। 


तमाम सहायक अध्यापकों ने  पारस्परिक स्थानांतरण मामले में कि परिषद अध्यापकों का एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण करने के बजाय सीधे उन विद्यालयों में स्थानांतरण कर रहा है जहां उनके पेयर अध्यापक नियुक्त थे।


कोर्ट ने इस मामले में संक्षिप्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। मगर परिषद और राज्य सरकार की ओर से कोई हलफनामा नहीं दिया गया। राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद की अधिवक्ता ने कहा कि जवाब तैयार है और जल्द दाखिल कर दिया जाएगा।




बेसिक शिक्षकों के पारस्परिक अंतर्जनपदीय तबादले पर जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट खफा, विभाग को सशर्त मोहलत


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में अध्यापकों की ओर से अंतर्जनपदीय सहमति स्थानांतरण को लेकर दाखिल याचिका में बेसिक शिक्षा विभाग ने जवाब दाखिल नहीं किया। इससे खफा कोर्ट ने 30 सितंबर तक बेसिक शिक्षा परिषद के जिम्मेदार अधिकारी को हलफनामा दाखिल करने की सशर्त मोहलत दी है। अब जवाब न देने पर उन्हें अदालत में हाजिर होना होगा। 


यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष माथुर की अदालत ने प्रतिभा वर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते दिया है। विभिन्न जिलों के कई शिक्षकों ने तमाम सहायक अध्यापकों ने अंतर्जनपदीय सहमति स्थानांतरण के मामले में याचिका दाखिल की है। दलील दी है कि बेसिक शिक्षा नियमावली के विपरीत विभाग अध्यापकों का स्थानांतरण एक से दूसरे जिले में न कर उन विद्यालयों में कर रहा है, जहां उनके समकक्ष अध्यापक नियुक्त हैं।

Saturday, September 7, 2024

जुड़वा बच्चों के बाद अगले बच्चे हेतु मातृत्व अवकाश का आवेदन खारिज करने पर बीएसए कासगंज हाईकोर्ट में तलब, देखें कोर्ट ऑर्डर

जुड़वा बच्चों के बाद अगले बच्चे हेतु मातृत्व अवकाश का आवेदन खारिज करने पर बीएसए कासगंज हाईकोर्ट में तलब, देखें कोर्ट ऑर्डर

छात्रवृत्ति के लिए संस्कृत के छात्रों से मांगे गए आवेदन

छात्रवृत्ति के लिए संस्कृत के छात्रों से मांगे गए आवेदन

07 सितम्बर 2024
प्रयागराज । संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रदेश में संचालित संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से ऑफलाइन आवेदन मांगे गए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव की ओर से शुक्रवार को सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों, डीआईओएस और निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं को छात्रवृत्ति के आवेदन की समय सारिणी भेजी गई है।

समय सारिणी के अनुसार छात्र-छात्राएं 25 सितंबर तक अपनी संस्था के प्रधानाचार्य को ऑफलाइन आवेदन देंगे। प्राचार्य एवं प्रधानाचार्य 26 से 28 सितंबर के बीच आवेदन पत्रों की जांच करते हुए डीआईओएस को भेजेंगे। डीआईओएस के स्तर से 29 सितंबर से पांच अक्तूबर तक आवेदन पत्रों की जांच की जाएगी। उसके बाद जनपद स्तरीय समिति से आवेदन पत्रों की स्वीकृति तथा संबंधित डीआईओएस की ओर से लाभार्थी के खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि ट्रांसफर करने की अंतिम तिथि 12 अक्तूबर है।



अब संस्कृत विद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को मिलेगी छात्रवृत्ति

03 सितम्बर 2024
प्रयागराज। संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले सभी विद्यार्थियों को अब छात्रवृत्ति मिलेगी। इसके लिए संशोधित छात्रवृत्ति योजना बनाई गई है। समाज कल्याण विभाग से यह छात्रवृत्ति दी जाएगी इसका आवेदन ऑनलाइन करना होगा। इसके लिए विभाग की वेबसाइट पर अलग से एक विंडो बनाई जाएगी।

आवेदन के लिए जल्द ही तिथि घोषित कर दी जाएगी। इससे पहले संस्कृत विद्यालयों में पढ़ने वाले 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलती थी, वह भी काफी कम थी। इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 50 हजार रुपये वार्षिक होनी चाहिए थी।

अब संशोधित छात्रवृत्ति में आय सीमा खत्म कर दी गई है। प्रदेश सरकार का मानना है इसमें पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्राएं अत्यंत निर्धन पारिवारिक पृष्ठभूमि के होते हैं। 



छात्रवृत्ति के लिए संस्कृत विद्यार्थी अगले वर्ष से ऑनलाइन भरेंगे फार्म, इस बार ऑफलाइन मिलेगा वजीफा

छात्रवृत्ति बढ़ोतरी का आदेश जारी किया गया, दो किस्तों में भुगतान

 लखनऊ : संस्कृत स्कूलों व महाविद्यालयों के विद्यार्थी अगले वर्ष से छात्रवृत्ति के लिए आनलाइन आवेदन करेंगे। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) को इसके लिए 50 लाख रुपये की धनराशि दी गई है। समाज कल्याण विभाग के आनलाइन पोर्टल को संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के लिए प्रयोग किए जाने को एनआइसी की मदद से ही विद्यार्थियों का आनलाइन डाटा अपलोड किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी किए जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया। बीते मंगलवार को कैबिनेट ने छात्रवृत्ति बढ़ाए जाने पर अपनी मुहर लगाई थी।

अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार के मुताबिक नियमावली तैयार करने और आनलाइन आवेदन की व्यवस्था किए जाने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया है। वर्तमान शैक्षिक सत्र में विद्यार्थी छात्रवृत्ति के लिए आफलाइन ही आवेदन करेंगे।

ऐसे विद्यार्थी जिन्हें परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक और उनकी कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति हो वह ही इसके लिए पात्र होंगे। छात्रवृत्ति का भुगतान दो किस्तों में दशहरा व होली से पहले किया जाएगा। प्रश्थमा के छात्रों के लिए कक्षावार अलग- अलग वार्षिक छात्रवृत्ति निर्धारित की गई है। कक्षा छह व कक्षा सात के छात्रों को वार्षिक 600 रुपये, कक्षा आठ के छात्रों को वार्षिक 900 रुपये, पूर्व मध्यमा यानी कक्षा नौ व कक्षा 10 के छात्रों को 1,200 रुपये वार्षिक, उत्तर मध्यमा यानी कक्षा 11 व कक्षा 12 के छात्रों को साल भर में 1,800 रुपये छात्रवृत्ति दी जाएगी। शास्त्री यानी स्नातक में 2,400 रुपये और आचार्य यानी परास्नातक कक्षा के छात्रों को 3,000 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाएगी।



इस बार ऑफलाइन मिलेगा संस्कृत के छात्रों को वजीफा, संशोधित दर से छात्रवृत्ति भुगतान के लिए शासनादेश जारी 

लखनऊ । संस्कृत छात्रों को संशोधित दर से छात्रवृत्ति भुगतान के लिए शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया गया। इसके अनुसार वर्ष 2024-25 में इसका भुगतान आफलाइन ही किया जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष (2025-26) से इसके लिए समाज कल्याण विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। छात्रवृत्ति के लिए नई नियमावली बनाई जाएगी। इसके लिए निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है।

अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित छात्रवृत्ति योजना की पारदर्शी आनलाइन प्रक्रिया को संस्कृत छात्रवृत्ति योजना में लागू करने के लिए समाज कल्याण विभाग के आनलाइन पोर्टल में अलग से विंडो बनाया जाए। इसके लिए एनआईसी को अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था के लिए वेतन के मद में प्रतिवर्ष 50 लाख रुपये की अतिरिक्त बजट व्यवस्था कराई जाए। छात्रवृत्ति की पूरी प्रक्रिया के लिए एक समय सारिणी भी निर्धारित की जाए, जिसमें आवेदन से लेकर छात्रवृत्ति खाते में ट्रांसफर करने तक की अंतिम तिथि निर्धारित की जाए



संस्कृत संस्थानों के 1.5 लाख छात्रों को मिलेगा नई छात्रवृत्ति योजना का लाभ, योगी सरकार ने 24 साल बाद संस्कृत छात्रों की छात्रवृत्ति बढ़ाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई  6वीं से 12वीं तक के छात्रों की छात्रवृत्ति में तीन गुना वृद्धि

योगी सरकार ने ली संस्कृत के विद्यार्थियों की सुध, 24 साल बाद बढ़ाई गई छात्रवृत्ति 

11 नए राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों और 5 नए आवासीय संस्कृत विद्यालयों की मिली है स्वीकृति


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कैबिनेट के तहत राज्य के संस्कृत संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति देने के फैसले का लाभ करीब 1.5 से ज्यादा छात्रों को मिलेगा। 24 साल बाद संस्कृत संस्थानों के छात्रों की छात्रवृत्ति में की गई वृद्धि से योगी सरकार ने न सिर्फ 2001 से चली आ रही व्यवस्था में बड़ा सुधार किया है बल्कि युवाओं को संस्कृति से जोड़ने की दिशा में भी अनूठी पहल की है।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में संस्कृत के विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में तीन गुना तक इजाफा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। महत्वपूर्ण ये है कि पहली बार कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों को भी छात्रवृत्ति से जोड़ा गया है। इसमें वार्षिक आय की शर्त को भी हटा लिया गया है, जिससे अब किसी भी आय वर्ग के विद्यार्थी छात्रवृत्ति पाने के लिए पात्र होंगे।


आचार्य के लिए मिलेगी 250 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति

वर्ष 2001 में संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति की जो व्यवस्था थी, उसके अनुसार पूर्व मध्यमा (कक्षा 9-10) के छात्रों को 50 रुपये प्रतिमाह, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11-12) के छात्रों के लिए 80 रुपये प्रतिमाह, शास्त्री के लिए 80 और आचार्य के लिए 120 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाते थे। योगी सरकार ने 24 साल बाद इस छात्रवृत्ति में संशोधन करते हुए इसमें तीन गुना तक वृद्धि की है।

सरकार का मानना है कि संस्कृत शिक्षा ग्रहण करने वाले ज्यादातर छात्र-छात्राएं निर्धन परिवारों से होते हैं, इसलिए अब नई व्यवस्था के तहत प्रथमा (कक्षा 6,7 और 8) के छात्रों को भी पहली बार छात्रवृत्ति दिए जाने की व्यवस्था की गई है। पहले की व्यवस्था में इन कक्षाओं के छात्रों को किसी भी तरह की छात्रवृत्ति की सुविधा नहीं थी। नई व्यवस्था में प्रथमा के कक्षा 6 एवं 7 के छात्रों के लिए 50 रुपये प्रतिमाह और कक्षा 8 के लिए 75 रुपये प्रतिमाह निर्धारित किए गए हैं। 

इसके साथ ही, पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 व 10) के लिए 100 रुपये, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 व 12) के लिए 150 रुपये, शास्त्री के लिए 200 रुपये एवं आचार्य के लिए 250 रुपये प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति प्रदान किए जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।


संस्कृत को उचित स्थान दिलाने के लिए निरंतर हो रहे प्रयास

योगी सरकार का विजन है कि संस्कृत को उचित स्थान मिलना चाहिए। सरकार लगातार संस्कृत भाषा के पुनरुत्थान के लिए प्रयास कर रही है। इसके तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा संस्कृत विद्यालयों के पुनरुद्धार की योजना लागू की जा चुकी है। उप्र संस्कृत संस्थान की तरफ से निशुल्क कोचिंग भी दिलाई जा रही है।

 संस्कृत के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी छात्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। 2019 से अब तक दो आईएएस, दो एसडीएम, एक डिप्टी एसपी, 3 नायब तहसीलदार सहित कुल 49 अभ्यर्थियों का विभिन्न सेवाओं में चयन हो चुका है। यही नहीं 11 नए राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों और 5 नए आवासीय संस्कृत विद्यालयों को मंजूरी मिली है।


संस्कृत भाषा का अध्ययन करने वाले निर्धन छात्रों के उत्साह के लिए छात्रवृत्ति को बढ़ा के उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रशंसनीय कार्य का श्रीकाशीविद्वत्परिषद् परिवार स्वागत करता है।-प्रो. रामनारायण द्विवेदी महामंत्री, श्रीकाशीविद्वत परिषद् वाराणसी

उत्तर प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को प्रोत्साहन हेतु छात्रवृत्ति की घोषणा से संस्कृत विद्यालयों में छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी। यह मुख्यमंत्री के प्रयासों से संभव हो पाया है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहुत-बहुत बधाई व धन्यवाद । –विनोद कुमार मिश्रा, महामंत्री, माध्यमिक संस्कृत शिक्षक कल्याण समिति

इसमें कोई दो राय नहीं है कि उत्तर प्रदेश लगातार संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रही है। यह निर्णय भी बहुत ही सराहनीय है। इससे संस्कृत के छात्रों को आर्थिक सहायता प्राप्त होगी और वे भी संस्कृत को आधुनिक युग की भाषा बनाने के लिये प्रेरित होंगे। –आचार्य सर्वेश शुक्ला, संस्थापक, श्री स्वामी आत्मानन्द संस्कृत शिक्षण संस्थाऩ, नैमिषारण्य, सीतापुर



संस्कृत स्कूल व कॉलेजों में 24 साल बाद बढ़ी छात्रवृत्ति, संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिपरिषद का अहम फैसला

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि करने का फैसला लिया गया। यह बढ़ोत्तरी 24 साल बाद की गई है। कैबिनेट ने वर्ष 2001 से लागू वर्तमान छात्रवृति दरों में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी। स्वीकृति प्रदान की है। बैठक में कुल 14 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें से 13 प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।



कक्षा छह व सात के छात्रों को भी मिलेगी छात्रवृत्ति 

माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने उनके विभाग से संबंधित इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत प्रथमा (कक्षा 6 एवं 7) के लिए 50 रुपये प्रतिमाह और मध्यमा (कक्षा 8) के लिए 75 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति निर्धारित की गई है। पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 व 10) के लिए 100 , उत्तर मध्यमा के लिए 150 रुपये, शास्त्रत्त्ी के लिए 200 रुपये एवं आचार्य के लिए 250 रुपये प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 517 संस्कृत विद्यालय हैं, जहां विद्यार्थी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।


राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की बाधा दूर, जल्द होगा गठन, नियमावली भी हो गई तैयार, नई शिक्षा नीति के तहत होगी पढ़ाई

राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की बाधा दूर, जल्द होगा गठन, नियमावली भी हो गई तैयार,  नई शिक्षा नीति के तहत होगी पढ़ाई


प्रयागराज। विद्यालय में नियमित पढ़ाई न कर पाने वाले विद्यार्थियों के लिए गठित किए जा रहे राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की बाधा अब दूर हो गई है। इसकी नियमावली भी तैयार कर ली गई है। इसी हफ्ते उसे शासन को भेज दिया गया है। शासन से स्वीकृत होने के बाद आने वाले कुछ महीनों में इसका गठन किया जा सकता है। उसके बाद प्रवेश का क्रम शुरू हो जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत इसमें पढ़ाई होगी।


यूपी बोर्ड के अंतर्गत पत्राचार शिक्षा संस्थान 1980 से चल रहा है। इसमें बच्चों का पंजीकरण 11 वीं और 12वीं में होता है। दो दशक से पहले इसे मुक्त विद्यालय परिषद बनाने की योजना बनी थी। 29 अगस्त 2008 को इसका अधिनियम पारित हो गया। सितंबर में प्रमुख सचिव ने इसका शासनादेश जारी किया। शासनादेश में लिखा कि परिषद संचालन के लिए सोसाइटी पंजीकरण कराएं। 


पत्राचार संस्थान के अफसरों ने कहा कि यूपी बोर्ड की तरह मुक्त विद्यालय परिषद काम करेगा। इसलिए इसके सोसाइटी पंजीकरण की जरूरत नहीं है। इसके बाद पत्राचार संस्थान से उचित पैरवी न होने पर फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी रही। पिछले वर्ष अपर निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र तिवारी को यहां का कार्यभार मिला। उन्होंने पुरानी फाइल निकलवाई और शासन में कई बैठकें करवाई। 


अफसरों ने माना की पूर्व में जारी हुआ शासनादेश विसंगतिपूर्ण था। इसलिए पिछले दिनों उसे वापस ले लिया गया। अब इसके गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ने लगी है। अपर निदेशक की निगरानी में इसकी नियमावली भी बनाई गई थी। अब वह उसे भी भेज दिया गया है। मुक्त विद्यालय परिषद बनने पर नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई होगी।


अधिनियम से पहले ही बन गई फर्जी वेबसाइट

प्रयागराज। मुक्त विद्यालय परिषद का अधिनियम बना लेकिन धरातल पर नहीं आ सका। लेकिन इसके नाम से पहले ही फर्जी वेबसाइट बन गई। कुछ लोग इस नाम का सोसाइटी पंजीकरण कराकर प्रवेश लेने लगे। परीक्षा करवाकर अंक पत्र बांटने लगे। ठगों ने परिषद के नाम से चार वेबसाइट भी बना ली थी। पिछले दिनों अपर निदेशक अजय द्विवेदी ने साइबर थाने में ठगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया। साइबर टीम फर्जी वेबसाइट को बंद कराने की प्रक्रिया कर रही है। 

तीन लाख रुपये रिश्वत लेने में जेल गए संयुक्त शिक्षा निदेशक को शासन ने किया निलंबित, शिक्षक भी हुआ बर्खास्त, बर्खास्तगी की कार्रवाई रोकने के लिए ही रुपए मांगने का था आरोप

तीन लाख रुपये रिश्वत लेने में जेल गए संयुक्त शिक्षा निदेशक को शासन ने किया निलंबित

शिक्षक भी हुआ बर्खास्त, बर्खास्तगी की कार्रवाई रोकने के लिए ही रुपए मांगने का था आरोप


आगरा। तीन लाख रुपये रिश्वत लेने में जेल गए संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा को शासन ने निलंबित कर दिया है। जिस डेट में उन्हें रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था उसी डेट से उन्हें निलंबित किया गया है। 

डीसी वैदिक इंटर कॉलेज में तैनात सहायक अध्यापक अजयपाल सिंह के खिलाफ फर्जी नियुक्ति की शिकायत हुई थी। मामले की संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा जांच कर रहे थे। अजयपाल सिंह ने विजिलेंस में शिकायत की थी कि जांच को निस्तारित करने के एवज में दस लाख रुपये की उनसे मांग की गई है। फाइल निस्तारण से पहले पहली किस्त के रूप में तीन लाख रुपये एडवांस मांगे गए थे। शिकायत पर गोपनीय जांच कराई गई। 

गोपनीय जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि लेन-देन के बाद संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा के कार्यालय में फाइल का निस्तारण किया जाता है। शिक्षक की फाइल भी पेंडिंग में है।  ट्रेप करने की कार्रवाई के दौरान जिला अधिकारी के यहां से दो गवाह भी मौजूद रहे। अजय पाल  सिंह तय समय पर रिश्वत की रकम देने गया। रकम उसने आरोपित अधिकारी को दे दी। इसी दौरान विजिलेंस टीम ने उन्हें दबोच लिया।

 इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। संयुक्त शिक्षा निदेशक के पकड़े जाने के बाद कई और लोग भी विजिलेंस के सामने आए जिन्होंने कहा कि उनसे भी रिश्वत मांगी जाती थी। शासन के द्वारा संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा, जो जेल में बंद हैं, उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इधर निदेशक की ओर से शिकायतकर्ता अजय पाल सिंह को भी बर्खास्त कर दिया गया है। विभाग ने भी यह सिद्ध कर दिया है उन पर बर्खास्तगी की कार्रवाई होनी थी लेकिन यह लटकी पड़ी थी। चर्चा है कि संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा जानबूझकर बर्खास्तगी की फाइल को लंबित रखे हुए थे जिससे उन्हें कुछ फील गुड हो सके। 


फर्जी नियुक्ति करने वाले निशाने पर, क्या इसलिए आरपी शर्मा मामले को दिया जा रहा तूल?

आगरा। जिला विद्यालय निरीक्षक रहे (दिवंगत) दिनेश कुमार ने 57 लोगों की माध्यमिक शिक्षा विभाग में तैनाती की थी। ये सभी नियुक्तियां ठेके पर की गई थीं। कुछ विभागीय चर्चित बाबू और तत्कालीन डीआईओएस दिनेश कुमार की कार्यशैली संदिग्ध रही थी। दिनेश कुमार का निधन हो चुका है।  इन नियुक्तियों की शिकायतें भी विजीलेंस में की गई हैं। इन नियुक्ति की जांच होने के चलते खलबली मची हुई है। कहा जा रहा है कि इस मामले में कई अधिकारी और कर्मचारी फंस सकते हैं। इधर यूपी एजुकेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आरपी शर्मा प्रकरण की जांच के लिए शासन को ज्ञापन दिया था। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने जांच समिति बना दी है। इसमें सतर्कता विभाग के सचिव राजेश कुमार और गृह विभाग के विशेष सचिव वीके सिंह हैं। एसोसिएशन द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर यह समिति जांच करेगी। 

अयोध्या में 1 लाख की रिश्वत लेते खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात लेखाकार गिरफ्तार, GPF अकाउंट से पैसे निकालने के लिए मांगी थी घूस

अयोध्या में 1 लाख की रिश्वत लेते खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात लेखाकार गिरफ्तार,  GPF अकाउंट से पैसे निकालने के लिए मांगी थी घूस


अयोध्या में शुक्रवार को विजिलेंस टीम ने शिक्षा विभाग के असिस्टेंट अकाउंटेंट को ट्रैप किया। बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) कार्यालय के पास से उसे 1 लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। ABSA मसौधा में असिस्टेंट अकाउंटेंट अमरेंद्र प्रताप सिंह तैनात है।


मसौधा के भदोखर प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका यासमीन फातिमा ने GPF से पैसा निकालने के लिए आवेदन किया था। नौकरी की दौरान ही प्रधानाध्यापिका यासमीन फातिमा का निधन हो गया था। उन्होंने पति इरफानुल हक को जीपीएफ अकाउंट में नॉमिनी बनाया था। जीपीएफ का पैसा निकालने के लिए सहायक लेखाकार अमरेंद्र प्रताप सिंह ने एक लाख रुपए मांगी थी। जिसकी सूचना उन्होंने विजिलेंस को दिया था। यासमीन फातिमा शहर के हसनू कटरा की रहने वाली थी।


शिकायतकर्ता मो इरफानुल हक को सहायक लेखाकार ने बीएसए कार्यालय के पास पैसा लेकर बुलाया। बीएसए कार्यालय पहुंचने के बाद आरोपी अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने उससे सम्पर्क किया। जहां विजलेंस टीम द्वारा एक लाख की रिश्वत लेते हुए उसे रंगे हाथ गिरफ्तार किया। मामले में खण्ड शिक्षा अधिकारी मसौधा के कार्यालय में नियुक्त सहायक लेखाकार अमरेन्द्र प्रताप सिंह के खिलाफ थाना उत्तर प्रदेश सर्तकता अधिष्ठान सेक्टर अयोध्या में केस दर्ज किया गया है।

शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने मुख्य सचिव से की मुलाकात, समस्यायों के समाधान के साथ सीएम योगी से वार्ता का मिला आश्वासन

शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने मुख्य सचिव से की मुलाकात, समस्यायों के समाधान के साथ सीएम योगी से वार्ता का मिला आश्वासन


शिक्षा मित्रों ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से मुलाकात की। मनोज सिंह ने इस दौरान सीएम से बात कर उनकी समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया।

मुख्य सचिव ने शासन के आला अधिकारियों से फोन पर बात किया। उनको निर्देश दिया कि शिक्षा मित्रों के साथ वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान जल्द किया जाए। वार्ता करने वालों में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश महामंत्री आरके निगम, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश मंत्री आरके वर्मा व सुशील तिवारी मौजूद रहे।

मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर लखनऊ पहुंचे थे लखनऊ में गुरुवार को करीब 50 हजार शिक्षकों ने आंदोलन किया था। इसमें नियमित करने और न्यूनतम वेतन कम से कम 40 हजार रुपए करने की मांग की गई थी। दरअसल, अखिलेश सरकार में शिक्षा मित्रों को नियमित कर दिया था। उसके बाद उनका वेतन करीब 40 हजार रुपए पहुंच गया था। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद उनको फिर से शिक्षा मित्र होना पड़ा। वेतन भी उनका कम होकर 10 हजार रुपए हो गया। अब उसका ही शिक्षा मित्र विरोध कर रहे है। वह सरकार से खुद नियमित करने की

शिक्षामित्र संघ के संगठन महामंत्री श्रीराम द्विवेदी ने बताया कि हम गुरुवार सीएम आवास पर गए थे, मुख्यमंत्री गोरखपुर में हैं। सीएम के ओएसडी ने कहा कि मुख्यमंत्री से इस संबन्ध में बात कर जल्द वार्ता कराएंगे। आंदोलन करने वालों का कहना था कि हमारे सामने अब करो या मरो की स्थिति है। इतने कम पैसों में हमारा गुजारा नहीं हो रहा है। सरकार को आश्वासन से आगे बढ़कर हमारे बारे में सोचना होगा। इको गार्डन में प्रदर्शनकारी नारा भी लगा रहे थे कि 'चाहे जो मजबूरी हो, हमारी मांगें पूरी हो। प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए हापुड़, मुरादाबाद, वाराणसी, मिर्जापुर समेत प्रदेश के सभी जिलों से लोग पहुंचे थे।


मुख्य सचिव से शिक्षामित्रों ने संकट का समाधान मांगा

लखनऊ, शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन और प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से मुलाकात की।

संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने एवं शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान शीघ्र कराने का आग्रह किया। प्रतिनिधि मण्डल में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला, प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार, प्रदेश प्रदेश संगठन मंत्री श्रीराम द्विवेदी, प्रदेश मंत्री कौशल सिंह, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश महामंत्री आर के निगम मौजूद रहे।

इसके बाद शिक्षक एमएलसी मेरठ खंड श्रीचंद शर्मा के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारियों ने अधिकारियों से मुलाकात कर शिक्षामित्र के संबंध में चल रही प्रक्रिया का शासनादेश जल्द जारी करने का आग्रह किया।

रायबरेली : शिकायतों पर खण्ड शिक्षा अधिकारी निलंबित

रायबरेली : शिकायतों पर खण्ड शिक्षा अधिकारी निलंबित 


Friday, September 6, 2024

UP Shikshamitra andolan : प्रदेश भर से शिक्षामित्रों ने लखनऊ में डाला डेरा, मानदेय बढ़ाने और नियमितीकरण करने की मांग की, नारेबाजी के साथ दिखाई ताकत


आजीविका का समाधान होने तक जारी रहेगा धरना

शिक्षा मित्र अड़े

प्रदेशभर के शिक्षा मित्र संगठनों ने इको गार्डन व शिक्षा निदेशालय में डाला डेरा

18 अक्टूबर 2023 को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से हुई वार्ता पर अमल नहीं


लखनऊ: मानदेय बढ़ाने और नियमित करके आजीविका का समाधान कराने के लिए शिक्षामित्र अड़ गए हैं। गुरुवार को प्रदेशभर से बड़ी संख्या में पहुंचे शिक्षामित्रों ने ईको गार्डेन व बेसिक शिक्षा निदेशालय परिसर में डेरा डाल दिया। उनका कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री या शासन का सक्षम अधिकारी उनकी मांगे पूरी नहीं करता धरना खत्म नहीं होगा। दोनों जगह शिक्षामित्र सरकार से टकराने की जगह संवाद व समन्वय बनाकर चल रहे हैं, इसीलिए मंच से ललकारने की बजाय सिर्फ मांगें ही दोहराई जाती रही।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने ईको गार्डेन में शिक्षामित्र आजीविका रैली/धरना प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। शिक्षक दिवस पर प्रदेशभर के सभी संगठनों से जुड़े शिक्षामित्रों का सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गया। दोपहर तक धरना स्थल परिसर व बाहर सड़क पर बसों व अन्य वाहनों की कतारें लग गईं। 

संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ल ने धरने में सरकार से अनुरोध किया कि शिक्षामित्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका चलाने में परेशानी हो रही है, उसी का समाधान पाने के लिए यहां आए हैं। मुख्यमंत्री से सुरक्षित भविष्य का आशीर्वाद पाने की अभिलाषा है। यदि अनसुनी हुई तो शिक्षामित्र शांत नहीं बैठेंगे। समाधान पाने के लिए अनवरत संघर्ष करते रहेंगे।


प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार यादव ने कहा कि 18 अक्टूबर 2023 को शिक्षामित्रों की प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से वार्ता करके लिखित आश्वासन मिला था कि उन्हें नियमित किया जाएगा, मूल विद्यालय में वापसी होगी और मानदेय बढ़ोतरी की जाएगी, लेकिन दस माह बीत जाने के बाद भी शासन ने अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया है। 

प्रदेश संरक्षक गाजी इमाम आला ने सभी से एकता बनाए रखने का आह्वान किया। कोषाध्यक्ष रमेश मिश्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्यामलाल यादव, प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह, संगठन मंत्री श्रीराम द्विवेदी, प्रदेश प्रवक्ता तेजभान सिंह सहित दर्जनों वक्ताओं ने संबोधित किया। शिक्षा निदेशालय परिसर में आदर्श समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र वेलफेयर की ओर से धरना चल रहा है। वहां प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा भी पहुंचे।



तीन हजार से अधिक बसों से राजधानी पहुंचे प्रदेश के शिक्षामित्र, सीएम से वार्ता होने तक आन्दोलन जारी

शिक्षामित्रों की हुंकार, लखनऊ आए हैं और अपना हक लेकर ही जाएंगे


लखनऊ । नयमितीकरण, मानदेय बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर गुरुवार को प्रदेश भर से आए हजारों शिक्षामित्रों ने इको गार्डन में धरने के साथ हुंकार भरी। शिक्षामित्रों के सीएम आवास के घेराव की चेतावनी से प्रशासन पहले से ही सतर्क था। भारी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात थी। मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग कर रहे शिक्षामित्रों को दोपहर बाद प्रशासन के अधिकारियों ने सीएम के ओएसडी से वार्ता कराई, लेकिन बात नहीं बनी। शिक्षामित्रों का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री से वार्ता नहीं हो जाती, धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। 


उप्र. प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले गुरुवार को प्रदेश भर के करीब 50 हजार शिक्षामित्र लखनऊ के आलमबाग स्थित धरना स्थल इको गार्डन पहुंचे और अपनी आवाज बुंलद की। शिक्षामित्रों ने कहा कि लखनऊ आए हैं, हक लेकर जाएंगे, सरकार शिक्षामित्रों को नियमित करे, नियमितीकरण की कार्रवाई होने तक मानदेय बढ़ाएं, हमारी मांगें पूरी हो, चाहे जो मजूबरी हो। 


इन्हीं नारों के साथ शिक्षामित्रों ने अपने गुस्से को बयां किया। शिक्षामित्रों को नियमित करें, सहायक शिक्षकों के समान सुविधाएं दी जाएं आदि स्लोगन लिखी तख्ती लेकर शिक्षामित्र आए थे। उप्र. प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने कहा कि करीब एक लाख 40 हजार शिक्षामित्र प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 24 वर्षों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। राज्य और केंद्र सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर रहे हैं। फिर भी सरकार शिक्षामित्रों की अनदेखी कर रही है। अब शिक्षामित्र अपना हक लेकर ही जाएंगे।

इको गार्डन में हजारों की संख्या में पहुंचे शिक्षामित्रों के चलते कानपुर रोड, वीआईपी रोड, आशियाना से लेकर तेलीबाग तक जाम रहा। प्रदेश भर से आए हजारों शिक्षामित्रों ने गुरुवार को इको गार्डन में धरना दिया। सीएम के ओएसडी से वार्ता के बावजूद नहीं माने।



सात वर्ष से नहीं बढ़ाया शिक्षामित्रों का मानदेय

प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों की जब तक मुख्यमंत्री से वार्ता नहीं हो जाती है, आन्दोलन जारी रखेंगे। शिक्षामित्रों को हर माह सिर्फ 10 हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है, जबकि काम शिक्षकों के बराबर लिय जा रहा है। वो भी 11 माह का। अधिकांश शिक्षामित्र घर से करीब 70 किमी. दूर स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। वर्ष 2017 से सरकार ने मानदेय नहीं बढ़ाया है। शिक्षामित्र वापसी की मांग कर रहे।


स्वास्थ्य बीमा और आयुष्मान का लाभ मिले

संघ वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्याम लाल यादव ने कहा कि अधिकांश शिक्षामित्र 45 वर्ष से अधिक के हो गए हैं। कई बीमारियों से पीड़ित हैं। इन्हें स्वास्थ्य बीमा और इलाज के लिये आयुष्मान योजना का लाभ मिलना चाहिये। चिकित्सीय अवकाश की व्यवस्था की जाए। इतने कम मानदेय में परिवार का पेट पालना मुश्किल हो रहा है। कई शिक्षामित्र आर्थिक परेशानी के चलते खुदकुशी कर चुके हैं। 


मुख्यमंत्री से मुलाकात कर समाधान कराएं

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं और मंत्रियों के आवास का घेराव कर अदालत के आदेश का पालन करने का दबाव डाल रहे हैं। ताकि डिप्टी सीएम, मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर इस मामले का समाधान कराएं। अभ्यर्थी चार वर्ष से आन्दोलन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने कहा कि कोर्ट ने मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने में नई सूची जारी करने का आदेश दिया है।


UP Shikshamitra andolan : प्रदेश भर से शिक्षामित्रों ने लखनऊ में डाला डेरा, मानदेय बढ़ाने और नियमितीकरण करने की मांग की, नारेबाजी के साथ दिखाई ताकत

लखनऊ में प्रदेश भर से जुटे हजारों शिक्षामित्र, इको गार्डन में धरना

अजीविका रैली में उमड़े शिक्षामित्र, प्रदर्शन

लखनऊ। उप्र. प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले शिक्षामित्रों ने बृहस्पतिवार को अजीविका रैली निकाली और ईको गार्डन में प्रदर्शन किया। शिक्षामित्रों को संबोधित करते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने मुख्यमंत्री से नियमित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कम मानदेय में शिक्षामित्रों को घर चलाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार जरूरी निर्णय ले। पूर्व में मानदेय बढ़ाने का आश्वासन मिला था, लेकिन आजतक कोई निर्णय नहीं हुआ है। प्रदर्शन में महामंत्री सुशील कुमार, गाजी इमाम आला, श्यामलाल यादव, रमेश मिश्रा, श्रीराम द्विवेदी, श्याम मिश्रा समेत बड़ी संख्या में शिक्षामित्र शामिल हुए। 


राजधानी लखनऊ में शिक्षामित्रों का धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है। शिक्षामित्रों की मांग है कि मानदेय बढ़ाया जाए और उन्हें नियमित किया जाए।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षकमित्र संघ के नेतृव में गुरुवार को भारी संख्या में इको गार्डन में जुटे शिक्षामित्र धरने पर बैठे। प्रदेशभर से आए शिक्षामित्रों ने नियमितिकरण की मांग को लेकर आवाज बुलंद की। नारेबाजी के साथ ही अपनी मांगें रखीं। शिक्षामित्रों का कहना है कि उन्हें भी समान काम का समान पैसा दिया जाय। शिक्षकों की तरह अवकाश, मेडिकल व अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएं।

शिक्षामित्रों का कहना है यह हमारी आखिरी लड़ाई है। सरकार ने मांगे नहीं मानी तो शिक्षामित्र विधान भवन का घेराव करेंगे। शिक्षामित्रों ने अल्टीमेटम दिया है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला और महामंत्री सुनील कुमार का कहना है कि प्रदेश सरकार से शिक्षामित्रों का सिर्फ शोषण कर रही है। 

अभी तक न मानदेय बढ़ाया है। शिक्षामित्र शिक्षकों के समान बच्चों को पढ़ा रहे है। समान काम का समान मानदेय दिया जाए। इको गार्डन में प्रदेश भर से भारी संख्या में महिला एवम पुरुष शिक्षामित्र बसों से आए हैं। भारी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात हैं। ताकि शिक्षामित्रों को विधान भवन का घेराव न करने जा पाएं।

देशभर के 50 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिए गए, राष्ट्रपति मुर्मु ने शिक्षकों को किया सम्मानित

देशभर के 50 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिए गए, राष्ट्रपति मुर्मु ने शिक्षकों को किया सम्मानित


नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में देश भर से चुने गए शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 प्रदान किए।

शिक्षकों को कक्षा में उनके इनोवेटिव तरीके से पढ़ाने, बच्चों के लिए उपयोगी पुस्तक लेखन सहित कई अन्य मानकों के आधार पर पुरस्कार दिए गए। एक दिव्यांग शिक्षक को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रपति मंच से नीचे आईं। उत्तर प्रदेश से रविकांत द्विवेदी और श्याम प्रकाश मौर्य, दिल्ली की चारू शर्मा, उत्तराखंड की कुसुम लता गरिया, कर्नाटक के नरसिम्हा मूर्ति एचके, पश्चिम बंगाल के आशीष कुमार रॉय समेत 50 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सम्मानित शिक्षकों को 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार, मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।


ये 50 शिक्षक हुए सम्मानितः अविनाशा शर्मा (हरियाणा), सुनील कुमार (हिमाचल प्रदेश), पंकज कुमार गोयल (पंजाब), राजिंदर सिंह (पंजाब), बलजिंदर सिंह बराड़ (राजस्थान), हुकम चंद चौधरी (राजस्थान), कुसुम लता गरिया (उत्तराखंड), चंद्रलेखा दामोदर मेस्त्री (गोवा), चंद्रेश कुमार बोलाशंकर बोरिसागर (गुजरात), विनय शशिकांत पटेल (गुजरात), माधव प्रसाद पटेल (मध्य प्रदेश), सुनीता गोधा (मध्य प्रदेश), के. शारदा (छत्तीसगढ़), नरसिम्हा मूर्ति एच.के. (कर्नाटक), द्विति चंद्र साहू (ओडिशा), संतोष कुमार कर (ओडिशा), आशीष कुमार रॉय (पश्चिम बंगाल), प्रशांत कुमार मारिक (पश्चिम बंगाल), उरफाना अमीन (जम्मू और कश्मीर), रविकांत द्विवेदी (उत्तर प्रदेश), श्याम प्रकाश मौर्य (उत्तर प्रदेश), डॉ. मिनाक्षी कुमारी (बिहार), सिकेन्द्र कुमार सुमन (बिहार), के. सुमा (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह), सुनीता गुप्ता (मध्य प्रदेश), चारू शर्मा (दिल्ली), अशोक सेनगुप्ता (कर्नाटक), एचएन गिरीश (कर्नाटक), नारायणस्वामी आर (कर्नाटक), ज्योति (अरुणाचल प्रदेश), लेफिजो अपोन (नागालैंड), नंदिता चोंगथम (मणिपुर), यांकिला लामा (सिक्किम), जोसेफ वनलालहरूइया सेल (मिजोरम), एवरलास्टिंग पिंगरोप (मेघालय), डॉ. नानी गोपाल देबनाथ (त्रिपुरा), दीपेन खानिकर (असम), डॉ. आशा रानी (झारखंड), जिनु जॉर्ज (केरल), के. शिवप्रसाद (केरल), मिडी श्रीनिवास राव (आंध्र प्रदेश), सुरेश कुनाती (आंध्र प्रदेश), प्रभाकर रेड्डी पेसरा (तेलंगाना), थदुरी संपत कुमार (तेलंगाना), पल्लवी शर्मा (दिल्ली), चारु मैनी (हरियाणा)।

सरकार को गुमराह कर रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी, सीएम लें संज्ञान : हाईकोर्ट, तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण पर भ्रामक परिपत्रों पर कोर्ट सख्त

सरकार को गुमराह कर रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी, सीएम लें संज्ञान : हाईकोर्ट, तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण पर भ्रामक परिपत्रों पर कोर्ट सख्त


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षकों के नियमतीकरण और वेतन भुगतान  पर शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं। सही तथ्यों को छिपाकर सरकार से तरह-तरह के । भ्रामक परिपत्र जारी करवा रहे  हैं। लिहाजा, मामला 48 घंटे के भीतर सीएम के समक्ष पेश कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मामले में अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी


यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने जालौन के याची विनोद कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। मामला माध्यमिक विद्यालय में तैनात उन एक हजार तदर्थ शिक्षकों से जुड़ा है, जिन्हें नवंबर 2023 में बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद तमाम अदालती आदेशों के बावजूद उनके समायोजन को लेकर कई परिपत्र जारी किए गए।


उन परिपत्र के आलोक में 1993 से 2000 के बीच नियुक्त शिक्षकों को 2000 के बाद नियुक्त शिक्षकों के समान समायोजन की कोशिश की जा रही है। इसके खिलाफ 2000 से पहले नियुक्त हुए शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने दलील दी कि विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) को संबोधित परिपत्र आठ जुलाई 2024 को जारी परिपत्र का हवाला दिया।


नियमितीकरण पर जल्द होगा फैसला : सरकार

अपर महाधिवक्ता अजीत सिंह ने सरकार का पक्ष रखा। बताया कि बाहर किए गए शिक्षकों के नियमितीकरण और समायोजन पर सरकार जल्द फैसला लेगी। मौजूदा मामले दो प्रकार के हैं, एक वर्ष 2000 से पहले नियमितीकरण से संबंधित है, जिसे धारा 33-बी, सी, एफ, जी के प्रावधानों के तहत निपटाया जाना है। 

वहीं, जहां तक वर्ष 2000 के बाद की नियुक्तियों का सवाल है, उसे संजय सिंह (सुप्रा) के मामले में दिए गए निर्णय के अनुसार निपटाया जाना है। इसके द्वारा 2000 के बाद नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को निश्चित मानदेय के साथ 11 माह के लिए समायोजित किया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने परिपत्र भी जारी किया है। वेतन भुगतान का मामला भी विचाराधीन है।


प्रदेश के हजार से ज्यादा अस्थायी शिक्षकों के नियमितीकरण पर निर्णय जल्द होगा

सात अगस्त 1993 से 2000 के बीच नियुक्त अध्यापकों के मामले में सरकार का आश्वासन

हाई कोर्ट का आदेश मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को 48 घंटे में भेजने का निर्देश


प्रयागराज । प्रदेश में हजार से ज्यादा अस्थायी शिक्षकों के नियमितीकरण पर निर्णय जल्द लिया जाएगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता ने कहा कि सात अगस्त 1993 से दिसंबर 2000 के बीच नियुक्त इन अस्थायी अध्यापकों  को नियमित करने पर शीघ्र ही सरकार निर्णय लेगी। कोर्ट ने कहा है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सरकार को सही जानकारी नहीं दी। दो मुद्दों को आपस  में मिलाकर भ्रमित किया और उलझा  रखा है। 

न्यायमूर्ति रोहित रंजन  अग्रवाल ने विनोद कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई करते तथ्य छिपाने वाले ऐसे अधिकारियों के  खिलाफ कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति मुख्यमंत्री के समक्ष पेश  करने को कहा है। प्रकरण में अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।

 सरकार से सही तथ्य छिपाकर नौ नवंबर 2023 व आठ जुलाई 2024 को परिपत्र जारी कराया। कोर्ट ने निबंधक (अनुपालन) को कहा है कि 48 घंटे में आदेश की प्रति मुख्य सचिव को भेजें ताकि कार्रवाई के लिए इसे मुख्यमंत्री के समक्ष एक सप्ताह में पेश किया जा सके। याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा, शिवेंदु ओझा, वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे और सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने पक्ष रखा। 


कोर्ट द्वारा पारित आदेश पर अपर महाधिवक्ता ने आदेश के पालन के लिए कुछ समय मांगा। साथ ही आश्वासन दिया कि वह आदेश की जानकारी सरकार को देंगे। उम्मीद है कि सरकार सही निर्णय लेगी। निर्णय वर्ष 2000 के बाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा संजय सिंह केस में दिए गए फैसले के तहत लिया जाएगा। कहा गया कि सरकार इन अध्यापकों को वेतन देने पर भी विचार कर रही है, लेकिन पहले नियमितीकरण पर निर्णय लेना होगा।


 याची के अधिवक्ता ने कहा, सरकार भ्रमित है, पूरी स्कीम पर विचार करना चाहिए। कोर्ट ने अंतरिम आदेश से अध्यापकों को वेतन देने व सेवा जारी रखने का निर्देश दिया है। इसके बावजूद सरकार ने आठ नवंबर, 2023 से वेतन भुगतान रोक रखा है। विशेष सचिव ने नै निदेशक माध्यमिक शिक्षा को आठ जुलाई 2024 को आदेश दिया कि जिन्हें नौ नवंबर 2023 से हटाया गया है, उनमें हाईस्कूल के अध्यापकों को 25 हजार व इंटरमीडिएट के अध्यापकों को 30 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाए। 


इस सर्कुलर का शिक्षा विभाग को पालन करना चाहिए, यह बाध्यकारी है। अपर महाधिवक्ता ने स्वीकार किया कि धारा 33जी का मुद्दा सरकार ने जवाबी हलफनामे में नहीं लिया है। इस पर कोर्ट ने कहा अधिकारी दो मुद्दों को एक साथ मिक्स कर सरकार को गुमराह कर रहे हैं। वे ऐसा जानबूझकर कर रहे हैं, इस कारण सही निर्णय नहीं लिया जा रहा है।

ट्रेड यूनियन का हिस्सा न बनें शिक्षक, सीएम योगी की शिक्षक दिवस पर नसीहत, राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह में सीएम योगी ने 54 शिक्षकों को किया सम्मानित

ट्रेड यूनियन का हिस्सा न बनें शिक्षक, सीएम योगी की शिक्षक दिवस पर नसीहत

राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह में सीएम योगी ने 54 शिक्षकों को किया सम्मानित


गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षक को राष्ट्र और समाज निर्माता के रूप में खुद को तैयार करना होगा। इसके लिए नवाचार पर काम करने की जरूरत है। पढ़ाई का ऐसा फार्मूला या तरीका ढूढ़ें, जो बेहद आसान हो। एक शिक्षक ट्रेड यूनियन का हिस्सा नहीं हो सकता, उसे बनना भी नहीं चाहिए। यह शिक्षक की गरिमा के प्रतिकूल है। जब भी आप अपने आप को ट्रेड यूनियन बनाने का प्रयास करेंगे तो आप अपने सम्मान के साथ स्वयं खिलवाड़ करेंगे।

सीएम योगी बृहस्पतिवार को योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह में 54 शिक्षकों को सम्मानित करने के बाद संबोधित कर रहे थे। 


शिक्षकों को पुरस्कार देते समय योगी ने उनसे आत्मीय संवाद कर बधाई दी और खूब प्रोत्साहित भी किया। सीएम ने शिक्षकों से कहा कि मांग को रखने के लिए लोकतांत्रिक तरीके हैं। आज तो डिजिटल माध्यम से मेल से भेजे जा सकते हैं। अधिकारियों को भेजने के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेज सकते हैं। 


उन्होंने आश्वस्त किया कि सरलता से लिखा मुद्दों पर आधारित आपका ज्ञापन आदेश होगा, भीख नहीं होगी। कहा, भारत हमेशा से गुरु परंपरा को सम्मान देने वाला देश रहा है। गुरु के प्रति श्रद्धा का भाव इसलिए है कि बिना श्रद्धा के ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। जो ज्ञानी नहीं हो सकता, वह जीवन में कुछ नहीं कर सकता।


 बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की उन्नति वहां की संस्कृति और शिक्षित नागरिक होते हैं। आज भारत दुनिया के उन देशों में है, जिसने शिक्षा व्यवस्था के बल पर विशेष स्थान बनाया है। यह शिक्षकों की बदौलत संभव हुआ है।


शिक्षक दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह में राज्य शिक्षक पुरस्कार में चयनित शिक्षकों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित किया। इस मौके पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी मौजूद रहीं। अलीगढ़ के शिक्षक मूलचंद के पैर में चोट होने के कारण सीएम ने उनके पास जाकर पुरस्कृत किया। 


अपने रहन-सहन और पहनावे पर ध्यान दें शिक्षक माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

गुलाब देवी ने कहा कि भौतिकवादी युग में शिक्षकों को अपने रहन-सहन और पहनावे पर ध्यान देना होगा। जैसा आचरण करेंगे, छात्र उसका ही अनुसरण करेंगे। शिक्षक, छात्र की अज्ञानता दूर कर उनका मार्ग प्रशस्त करते हैं। शिक्षक छात्रों के व्यक्तित्व विकास में संकल्पबद्ध होकर अपनी भूमिका का निर्वहन करें।

हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से मांगा जवाब, आरटीई के तहत प्रारंभिक सर्वे न होने का मामला

हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से मांगा जवाब, आरटीई के तहत प्रारंभिक सर्वे न होने का मामला

06 सितम्बर 2024
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कोर्ट के आदेश के बावजूद शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत प्रारंभिक शिक्षा पर सर्वेक्षण कराने के आदेश का पालन न होने पर बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को दो हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

इससे पहले के आदेश के तहत प्रमुख सचिव डॉ. एमके शनमुगा सुंदरम सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि बीते 30 अप्रैल के आदेश पर वह दो हफ्ते में जवाबी हलफनामा पेश करेंगे। इस पर कोर्ट ने उन्हें जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देकर मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को नियत की है। 




RTE के तहत प्रारंभिक शिक्षा पर सर्वे न होने पर हाईकोर्ट सख्त, अपर मुख्य सचिव से मांगा जवाब

01 सितम्बर 2024
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कोर्ट के आदेश के बावजूद शिक्षा का अधिकार कानून के तहत 4 को होगी होगी अगली सुनवाई, प्रारंभिक शिक्षा पर सर्वे बताना होगा आदेश का पालन न होने का कारण आदेश का पालन न होने पर सख्त रुख अपनाया है। 


कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को 4 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होकर आदेश का अब तक पालन न होने का कारण पूछा है।

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता मनेंद्र नाथ राय की जनहित याचिका पर दिया। याची का कहना था कि शिक्षा के अधिकार के तहत सभी बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा देने की अनिवार्यता के प्रावधानों का पूरा पालन नहीं हो रहा है। 

कोर्ट - ने बीते 30 अप्रैल को अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। इसका पालन न होने पर कोर्ट ने कहा यह अच्छी स्थिति नहीं है। इसको लेकर कोर्ट ने अगली सुनवाई पर 4 सितंबर को अपर मुख्य सचिव से जवाब मांगा है।


आरटीई में प्रारम्भिक शिक्षा सर्वे क्यों नहीं हुआ : हाईकोर्ट

लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश के बावजूद शिक्षा के अधिकार कानून के तहत प्रारम्भिक शिक्षा पर सर्वेक्षण आदेश का अनुपालन नहीं होने पर सख्त रुख अपनाया है।

कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई प्रक्रिया में शामिल होकर आदेश का अनुपालन न होने का कारण पूछा है। सुनवाई चार सितम्बर को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय, न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने महेन्द्र नाथ राय की जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया है कि शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों को प्रारम्भिक शिक्षा दिए जाने की अनिवार्यता सम्बन्धी प्रावधानों का पूर्णतया पालन नहीं हो रहा है।

 इस पर 30 अप्रैल को न्यायालय ने अपर मुख्य सचिव को पूरे प्रदेश में बच्चों की प्रारम्भिक शिक्षा को लेकर सर्वेक्षण का आदेश दिया था। आदेश के कई माह बाद भी अनुपालन न होने पर न्यायालय ने कहा कि यह अच्छी स्थिति नहीं है।

Thursday, September 5, 2024

कक्षा 8 तक गर्ल्स स्कूलों में जूडो कराटे जरूरी करने की मांग हाईकोर्ट ने की खारिज

कक्षा 8 तक गर्ल्स स्कूलों में जूडो कराटे जरूरी करने की मांग हाईकोर्ट ने की खारिज


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गर्ल्स स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक की छात्राओं को जूडो, कराटे व ताइक्वांडो कोर्स का प्रशिक्षण अनिवार्य करने की मांग में दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने दिया है।


प्रयागराज की शालिनी अग्रवाल की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया था कि गर्ल्स स्कूलों में जूडो, कराटे व ताइक्वांडो प्रशिक्षण का कोर्स होने से जूनियर छात्राओं का मनोबल व आत्मविश्वास बढ़ेगा। और वे स्वयं को स्वतंत्र एवं मजबूत स्थिति में पाएंगी। 


याचिका में मांग की गई थी कि छात्राओं के लिए गर्ल्स स्कूलों में जूडो, कराटे व ताइक्वांडो प्रशिक्षण का कोर्स अनिवार्य किया जाए।

बैगलेस डे पर स्कूल में बच्चे देखेंगे कार्टून आधारित संस्कृत कविता वीडियो, बेसिक शिक्षा विभाग की नई पहल

बैगलेस डे पर स्कूल में बच्चे देखेंगे कार्टून आधारित संस्कृत कविता वीडियो, बेसिक शिक्षा विभाग की नई पहल 

बच्चों में संस्कृत से लगाव के लिए तैयार किए गए कविता आधारित वीडियो

बेसिक शिक्षा परिषद के 8वीं तक के स्कूलों में इसी माह से होगी शुरुआत


प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों के बच्चों में संस्कृत के प्रति लगाव पैदा करने, संस्कृत सीखने और बोलने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने नई पहल की है। इसके लिए राज्य शिक्षा संस्थान ने कार्टून आधारित संस्कृत भाषा में 13 ऐसे कविता आधारित वीडियो तैयार कराए हैं, जिसमें बच्चों की पसंद का ध्यान रखा गया है। 


बैगलेस डे यानी शनिवार को बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा आठ तक के बच्चे स्कूल में संस्कृत भाषा में कविता आधारित वीडियो देखेंगे, सुनेंगे और वीडियो में नीचे चल रहे वाक्यों को पढ़कर संस्कृत सीखेंगे। 


इसमें कार्टून आधारित बैलगाड़ी, मेला, गुब्बारे, घूमता झूला, उमड़ते घुमड़ते बादल, सुबह के दृश्यों का समावेश बच्चों को आकर्षित करेगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने संस्कृत भाषा में एनिमेटेड वीडियो पहली बार तैयार कराए हैं। 


राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर के निर्देशन में इसे तत्कालीन कार्यक्रम समन्वयक डा. दीप्ति मिश्रा एवं सह समन्वयक मो. कासिम फारूकी ने तैयार कराया है। समन्वयकों का मानना है कि इसे तैयार करने में आर्ट वर्क बनाना बड़ा चुनौती था, क्योंकि संस्थान के पास संसाधन कम थे, लेकिन इस विधा में दक्ष शिक्षकों ने सहयोग दिया। इसमें एनिमेशन इसलिए किया गया ताकि बच्चे जुड़ें और संस्कृत सीख सकें, तभी इसी सार्थकता है। 


तीन से पांच मिनट के इन वीडियो में हे भगवन्, भारत देशः, 'मम् शकटिका (मेरी बैलगाड़ी), अवकर पात्रम, का कुरुते, मनोहर दृश्यम, मेघम, मेलाम् अहम्, पत्र वाहकम्, प्रबोधनम्, प्रातःकाले, वायु लूनकम् (गुब्बारा), वृहद् विहारः हैं। इसके माध्यम से बच्चे रचनात्मकता, भाषा, संगीत, देशजता व समाज से जुड़ाव भी सीखेंगे। वीडियो तीन से पांच मिनट के हैं। इसे इसी माह से स्कूलों में दिखाया जाएगा। ये सभी वीडियो डीटीएच पर पीएम-ई-विद्या चैनल पर भी प्रसारित होंगे।

पदोन्नति में देरी से प्रभारी बनाने की परंपरा बढ़ी, शिक्षाधिकारियों की भी पदोन्नति लटकी, 198 में 88 पद खाली

पदोन्नति में देरी से प्रभारी बनाने की परंपरा बढ़ी, शिक्षाधिकारियों की भी पदोन्नति लटकी, 198 में 88 पद खाली

• शिक्षा निदेशक के सृजित चार पदों में से तीन पर प्रभारी तैनात

• अपर शिक्षा निदेशक स्तर के 12 पदों में से आठ पर कार्यवाहक


प्रयागराज : बेसिक और माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई पर सरकार का विशेष जोर है। स्कूलों में पढ़ाई  की आनलाइन मानीटरिंग कराई जा रही है। शिक्षाधिकारी निरीक्षण कर सेल्फी भेज रहे हैं, लेकिन पढ़ाई  व्यवस्था ठीक कराने, विभागीय कार्य व समस्याएं समय पर निपटाने 5 का जिन पर दायित्व है, उनकी  बहुत कमी है। 


स्थिति यह है कि , शिक्षा विभाग में समूह 'क' के न सृजित 198 पदों में से 88 रिक्त हैं। उन पर प्रभारी नियुक्त हैं। इनमें प्रदेश स्तर के भी पद हैं। इतना ही न नहीं, प्रदेश स्तर के दो-दो पद तक व एक ही अधिकारी के पास है। कार्य की अधिकता से जहां विभागीय कामकाज में देरी होती है, वहीं 5 अधिकारियों में समय से पदोन्नति न मिलने पर निराशा है। 


विभागीय व्यवस्था में शिक्षा निदेशक के चार पद सृजित हैं, जिनमें शिक्षा निदेशक माध्यमिक, बेसिक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) और साक्षरता हैं। इनमें से सिर्फ माध्यमिक निदेशक पूर्णकालिक हैं। शेष तीन पदों पर प्रभारी कार्यरत हैं। 


इसी तरह अपर शिक्षा निदेशक (एडी) स्तर के 12 पद प्रदेश में सृजित हैं। इनमें एक पद कैंप कार्यालय लखनऊ तथा एक पद शिक्षा निदेशालय मुख्यालय प्रयागराज में है। इसके अलावा एडी राजकीय, पत्राचार, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज, महिला शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, सीमैट निदेशक, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी), साक्षरता और संयुक्त सचिव शासन का पद है। इनमें सिर्फ चार पदों पर अपर शिक्षा निदेशक नियुक्त हैं। शेष आठ पद प्रभारियों के भरोसे हैं। 


प्रदेश स्तर के इन पदों में एडी राजकीय के पास एडी पत्राचार का तथा एडी माध्यमिक के पास सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश का प्रभार है। मंडल स्तर के पदों पर भी अधिकारियों की कमी है। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के 22 पद सृजित हैं। इनमें जेडी अर्थ, जेडी महिला शिक्षा तथा दो  पद कैंप कार्यालय में हैं, जिनमें एक बेसिक व एक माध्यमिक में है। शेष 18 पद मंडल मुख्यालय में हैं। इनमें भी पांच पदों पर प्रभारी कार्य कर रहे हैं। 


मंडलीय उप शिक्षा निदेशक (डीडीआर) स्तर के प्रदेश में सृजित 108 पदों में 31 खाली हैं, जिस पर प्रभारियों को तैनाती मिली है। पदोन्नति में देरी से जहां प्रभारी बनाने की परंपरा बढ़ी है, वहीं कार्य संचालन और समस्या निस्तारण पर भी असर पड़ रहा है।

69000 सहायक अध्यापक भर्ती में गलत आंसर-की का मामला, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को हाईकोर्ट ने किया तलब

69000 सहायक अध्यापक भर्ती में गलत आंसर-की का मामला, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को हाईकोर्ट ने किया तलब


प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में गलत आंसर-की वाले अभ्यर्थियों को एक अंक देने के आदेश का अनुपालन नहीं करने एवं इस संदर्भ में और समय मांगे जाने पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी को अगली सुनवाई पर तलब किया है।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर याचियों को एक अंक देने के आदेश के अनुपालन के संबंध में जानकारी मांगी थी। मंगलवार को 10 दिन का और समय मांगने को कोर्ट ने प्रथमदृष्टया घोर लापरवाही मानते हुए कहा कि आदेश का पालन करने में शासन से अनुमति की क्या आवश्यकता है और यदि अनुमति चाहिए थी तो तीन साल से अब तक क्यों नही कुछ किया गया। 


कोर्ट ने कहा कि अवमानना याचिका दाखिल न होती तो नंबर देने पर विचार भी नहीं होता। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने मनोज कुमार व कुमार अन्य की अवमानना याचिका पर उनके अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी, राहुल कुमार मिश्र व अन्य और सचिव नियामक परीक्षा के वकील को सुनकर दिया है। 


हाईकोर्ट ने तीन वर्ष पूर्व 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में गलत उत्तर कुंजी वाले अभ्यर्थियों को एक अंक देने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। उसके बाद आदेश का अनुपालन नहीं होने पर अवमानना याचिकाएं दाखिल हुई

चयन के चार साल बाद भी अब तक पुरस्कार व उससे जुड़े लाभ नहीं मिले, हुए सेवानिवृत अब हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

चयन के चार साल बाद भी अब तक पुरस्कार व उससे जुड़े लाभ नहीं मिले, हुए सेवानिवृत अब हाईकोर्ट ने मांगा जवाब


सेवानिवृत्ति के बाद भी नहीं मिला शिक्षक श्री पुरस्कार, पहुंचे हाईकोर्ट

2020 में प्रयागराज के प्रो. राजेश व जौनपुर की प्रो. वंदना हुई थीं चयनित


प्रयागराज। शिक्षक दिवस पर देशभर में गुरुजन सम्मानित किए जाएंगे। लेकिन, शिक्षक श्री पुरस्कार के लिए चयनित प्रयागराज और जौनपुर के दो गुरु सेवानिवृत्ति के बाद भी अदालत के चक्कर लगा रहे हैं। इनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।


यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की अदालत ने प्रयागराज के हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय परास्नातक कॉलेज, नैनी में वाणिज्य विभाग में तैनात रहे प्रो. राजेश कुमार पांडेय और जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी विभाग की प्रो.वंदना राय की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।


याची गुरुओं का कहना है कि 2020 में शिक्षक श्री पुरस्कार के लिए उन्हें चयनित किया गया था। लेकिन, चार साल बाद भी अब तक उन्हें पुरस्कार व उससे जुड़े लाभ नहीं प्रदान किए गए। इसके तहत उन्हें दो वर्ष का सेवा विस्तार भी दिया जाना था। शिक्षक श्री सम्मान हासिल करने की कानूनी लड़ाई लड़ते-लड़ते 30 जून 2024 को सेवानिवृत्त हो गए।

शिक्षामित्र अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए आज से लखनऊ के इको गार्डन में धरना देने के लिए होंगे इकट्ठा, सरकार की तरफ से ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली तो 6 सितंबर से होगा निदेशालय का अनिश्चितकाल घेराव

शिक्षामित्र अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए आज से लखनऊ के इको गार्डन में धरना देने के लिए होंगे इकट्ठा,

सरकार की तरफ से ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली तो 6 सितंबर से होगा निदेशालय का अनिश्चितकाल घेराव 


आज से पूरे प्रदेश के 1.42 लाख शिक्षामित्र भी लखनऊ में डालेंगे डेरा

पांच सितंबर से प्रदेशभर के 1.42 लाख शिक्षामित्र भी लखनऊ में डेरा डालेंगे। मानदेय बढ़ाने व नियमितीकरण के लिए उप्र. प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि ईको गार्डन में सुबह 10 बजे से तब तक अभ्यर्थी धरने पर रहेंगे, जब तक मांग पूरी नहीं होती। आदर्श समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से बेसिक शिक्षा निदेशालय में धरना दिया जाएगा।


लखनऊ । 5 सितंबर 2024 — उत्तर प्रदेश में 1.42 लाख शिक्षामित्र अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए आज से लखनऊ के इको गार्डन में धरना देने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं। शिक्षक दिवस के मौके पर, जहाँ पूरे देश में शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है, वहीं उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र आर्थिक कठिनाइयों से जूझते हुए अपनी न्यायपूर्ण माँगों के लिए संघर्ष की राह पर हैं। इन शिक्षामित्रों की पीड़ा और संघर्ष सरकार से समाधान की प्रतीक्षा में अब उग्र रूप ले रही है। इको गार्डन की इस आवाज़ में न केवल शिक्षा प्रणाली की खामियों का जिक्र है, बल्कि उस जुझारूपन की भी गूंज है जिसे वर्षों से अनदेखा किया जा रहा है।


प्रदेश भर के शिक्षामित्रों का यह आंदोलन आज मात्र धरने के रूप में नहीं, बल्कि अपनी अस्तित्व की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर आज, 5 सितंबर को उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई, तो कल, 6 सितंबर से यह संघर्ष अनिश्चितकालीन घेराव में तब्दील हो जाएगा। संगठन के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने आंदोलन की अगुवाई करते हुए यह चेतावनी दी है कि जब तक उनकी माँगें पूरी नहीं होंगी, वे बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव करते रहेंगे।


आर्थिक तंगी और संघर्ष की दास्तान

शिक्षामित्रों की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है। पिछले सात वर्षों से वे वेतन कटौती और अन्य वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे हैं। कई शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिनके पास जीवन-यापन के लिए पर्याप्त साधन नहीं बचे हैं। उनका मानना है कि सरकार ने उन्हें वादों में उलझाए रखा, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस स्थिति में शिक्षामित्रों के पास कोई विकल्प नहीं बचा, सिवाय संघर्ष के।

शिक्षामित्रों की दलीलें अत्यधिक भावुक और व्यक्तिगत हैं। एक शिक्षामित्र का कहना है, “हमारे पास ना तो वेतन में वृद्धि का आश्वासन है, ना स्थाई नौकरी का। हम हर दिन अपने परिवारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हमारी पुकार सरकार तक नहीं पहुंच रही है।”

शिक्षामित्रों के इस आंदोलन की जड़ें बहुत गहरी हैं। सरकार द्वारा दी गई अस्थायी नौकरी और उस पर लगे हुए वेतन की कमी ने उनके जीवन में निरंतर आर्थिक संघर्ष पैदा किया है। जब एक शिक्षक आर्थिक रूप से कमजोर होता है, तो उसकी शिक्षा देने की क्षमता भी प्रभावित होती है। यही वजह है कि शिक्षामित्र अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं, जो किसी भी शिक्षण प्रणाली का अहम हिस्सा होते हैं।


धरना की तैयारी और उम्मीदें

शिक्षामित्रों के इस आंदोलन को लेकर प्रदेशभर के लोग उत्सुकता से देख रहे हैं। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर धरना देना शिक्षामित्रों का एक प्रतीकात्मक कदम है। यह सरकार को यह संदेश देने का प्रयास है कि जब देशभर में शिक्षक सम्मानित हो रहे हैं, तब उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र अपनी पहचान और अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। धरने के दौरान शिक्षामित्रों द्वारा प्रदर्शन किए जाने वाले नारों और पोस्टरों से यह साफ संदेश दिया जाएगा कि वे अब और इंतजार नहीं कर सकते।

इस धरने का मुख्य उद्देश्य सरकार को उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करने के लिए मजबूर करना है। शिक्षामित्रों का कहना है कि उनकी माँगें बहुत स्पष्ट हैं – आर्थिक स्थिति में सुधार, वेतन में वृद्धि, और स्थायी नौकरी की सुरक्षा। वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत रूप से उनकी समस्याओं पर ध्यान दें और जल्द से जल्द समाधान प्रस्तुत करें।


कल से अनिश्चितकालीन घेराव की धमकी

अगर 5 सितंबर के धरने के बावजूद सरकार की तरफ से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो 6 सितंबर से बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। इस घेराव की तैयारी पहले ही हो चुकी है, और शिक्षामित्रों का कहना है कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, वे पीछे नहीं हटेंगे। 

कौशल कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने सात साल इंतजार किया है। अब और नहीं। हम चाहते हैं कि हमारी समस्याओं का समाधान तुरंत किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता, तो हम अनिश्चितकाल तक धरना जारी रखेंगे।”


सरकार के सामने चुनौती

सरकार के लिए यह समय एक बड़ी चुनौती का है। एक तरफ शिक्षक दिवस पर पूरे देश में शिक्षक सम्मानित हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र आर्थिक और सामाजिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। सरकार को न केवल इस आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से संभालने की जरूरत है, बल्कि उन्हें समाधान भी प्रस्तुत करना होगा जो शिक्षामित्रों की उम्मीदों को पूरा कर सके।

आज से शुरू हो रहा यह धरना सिर्फ लखनऊ का मामला नहीं है, बल्कि यह प्रदेश के हर कोने में गूंजने वाली आवाज़ है। जब तक शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक यह आंदोलन यूँ ही चलता रहेगा, और शायद यह शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर दे।

पीएम श्री स्कूलों में रोपे जाएंगे नवाचार के बीज, देशभर के माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों, प्रधानाचार्यों को विशेष प्रशिक्षण

पीएम श्री स्कूलों में रोपे जाएंगे नवाचार के बीज, देशभर के माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों, प्रधानाचार्यों को विशेष प्रशिक्षण 

• AICTE देगा इनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षण


नई दिल्ली : देश की नई पीढ़ी में इनोवेशन के बीज अब स्कूली स्तर पर ही रोपे जाएंगे। इसकी शुरुआत देशभर के पीएम- श्री (पीएम स्कूल फार राइजिंग इंडिया) से होगी। फिलहाल, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने इस दिशा में एक बड़ी पहल शुरू की है। इसके तहत पीएम श्री स्कीम में चयनित देशभर के माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों, प्रधानाचार्यों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही छात्रों को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करेगी।


एआइसीटीई ने पीएम-श्री स्कूलों को नवाचार और स्किल से जोड़ने के लिए एक विस्तृत कार्यक्रम जारी किया है। इसके तहत वह देशभर में इसे लेकर चार से 19 सितंबर के बीच दस केंद्रों पर प्रशिक्षण अभियान चलाएगी। यह अभियान तीन चरणों में चलेगा। 

पहला चरण 4 से 5 सितंबर तक बेंगलुरु, चंडीगढ़, देहरादून और गांधीनगर में आयोजित होगा। दूसरा चरण 11-12 सितंबर को गुवाहाटी, हैदराबाद, जमशेदपुर, पटना और बद्दी (हिमाचल प्रदेश) में होगा। वहीं, अंतिम चरण 18-19 सितंबर को विजयवाड़ा में होगा। पीएम श्री स्कीम के तहत अभी देशभर के 2320 माध्यमिक और 2487 उच्चतर माध्यमिक स्कूलों का चयन होना है।

Wednesday, September 4, 2024

यूपी बोर्ड के विद्यालयों की मान्यता के लिए 16 अगस्त तक देनी होगी रिपोर्ट, 30 जून तक लिए गए थे आवेदन, सभी DIOS ने अब तक नहीं जमा की आख्या

यूपी बोर्ड के विद्यालयों की मान्यता के लिए 16 अगस्त तक देनी होगी रिपोर्ट

30 जून तक लिए गए थे आवेदन, सभी DIOS ने अब तक नहीं जमा की आख्या


प्रयागराज। यूपी बोर्ड की मान्यता के लिए आए हुए आवेदनों की जांच और स्थलीय निरीक्षण की रिपोर्ट डीआईओएस को 20 अगस्त तक यूपी बोर्ड को भेजनी थी। लेकिन वह रिपोर्ट नहीं दे सके। इसलिए जांच आख्या जमा करने की तिथि बढ़ाकर 16 सितंबर कर दी गई है।


 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मान्यता के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की वेबसाइट पर एक अप्रैल को लिंक जारी किया गया था। 15 मई तक आवेदन करना था। विलंब शुल्क सहित 31 मई तक आवेदन लिए गए। इस दौरान पोर्टल ठीक से नहीं चला।

कई संस्थाओं के आवेदन नहीं हो पाए थे। इसलिए विलंब शुल्क के साथ 30 जून तक आवेदन लिए गए। आवेदन की जांच डीआईओएस को करनी थी, लेकिन वह निर्धारित अवधि में नहीं कर पाए। कई जिलों के डीआईओएस ने तिथि बढ़ाने की मांग की।

इसलिए सचिव संजय कुमार ने 16 सितंबर तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। वैसे प्रदेशभर में इंटरमीडिएट के 27,871 विद्यालय और हाईस्कूल के 18,082 विद्यालय यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। 

PPP मॉडल नहीं, यूपी सरकार स्वयं चलाएगी 71 नए महाविद्यालय, शासन ने निर्माणाधीन विद्यालयों में पद सृजन का मांगा प्रस्ताव

PPP मॉडल नहीं, यूपी सरकार स्वयं चलाएगी 71 नए महाविद्यालयशासन ने निर्माणाधीन विद्यालयों में पद सृजन का मांगा प्रस्ताव

● पहले पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर संचालन के दिए थे आदेश

● अब इन राजकीय महाविद्यालयों को सरकार ही चलाएगी

प्रयागराज : प्रदेश में निर्माणाधीन 71 राजकीय महाविद्यालयों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर नहीं सरकार स्वयं चलाएगी। मुख्यमंत्री घोषणा के तहत बन रहे इन महाविद्यालयों को पहले पीपीपी मॉडल पर संचालित करने का निर्णय हुआ था। संबंधित राज्य विश्वविद्यालयों को निजी क्षेत्र के सहयोग से इन महाविद्यालयों के संचालन के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब सरकार ने निर्माणाधीन महाविद्यालयों के संचालन का जिम्मा स्वयं उठाने का निर्णय लिया है। शासन के विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी ने उच्च शिक्षा निदेशक को 27 अगस्त को भेजे पत्र के माध्यम से 71 राजकीय महाविद्यालयों में पद सृजन का प्रस्ताव मांगा है।



असिस्टेंट प्रोफेसर के 1062 पद बढ़ेंगे

निर्माणाधीन 71 राजकीय महाविद्यालयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के 1062 पद सृजित होंगे। कला संकाय के लिए सात, विज्ञान संकाय पांच, वाणिज्य संकाय दो और प्रवक्ता लाइब्रेरी के एक पद की सीधी भर्ती का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा प्रत्येक महाविद्यालय में प्रयोगशाला सहायक के पांच-पांच कुल 355 पदों और कनिष्ठ सहायक के दो-दो कुल 142 पदों पर सीधी भर्ती से चयन का प्रस्ताव भेजा गया है। प्राचार्य के 71, प्रधान सहायक के 71 पदों और वरिष्ठ सहायक के 71 पदों पर पदोन्नति से तैनाती होगी। प्रयोगशाला परिचर के पांच-पांच और कार्यालय परिचर, अर्दली, पुस्तकालय परिचर, स्वीपर व चौकीदार पांच-पांच कुल 710 पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती की जाएगी।


मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत निर्माणाधीन 71 महाविद्यालयों में पद सृजन के लिए प्रस्ताव मांगा गया है। इन्हें राजकीय महाविद्यालय के रूप में संचालित किया जाएगा।
- डॉ. अमित भारद्वाज, निदेशक उच्च शिक्षा।

संगमनगरी को मिलेंगे दो महाविद्यालय

प्रयागराज में दो राजकीय महाविद्यालय निर्माणाधीन हैं। एक राजकीय महिला महाविद्यालय परासिनपुर सिकंदरा फूलपुर और दूसरा मेजा में बन रहा है। कौशाम्बी के सिराथू में एक राजकीय महाविद्यालय निर्माणाधीन है। आगरा व झांसी में नौ-नौ, लखनऊ में 12, बरेली में 13, मेरठ में 10 और गोरखपुर में चार महाविद्यालय बन रहे हैं।

1645 शिक्षिकाओं को जल्द मिलेगी पदोन्नति, सूबे के राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता पद पर होना है प्रमोशन

1645 शिक्षिकाओं को जल्द मिलेगी पदोन्नति, सूबे के राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता पद पर होना है प्रमोशन

● विभाग से पदोन्नति के लिए आयोग को भेजा गया पत्र

● आपत्ति निस्तारण के बाद होगी डीपीसी की बैठक


प्रयागराज : प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत 1645 एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) शिक्षिकाओं की प्रवक्ता पद पर पदोन्नति करने की तैयारी है। इससे पहले दिसंबर 2022 में दो विषयों की 59 शिक्षिकाओं की प्रवक्ता पद पर पदोन्नति की गई थी। इस बार 20 विषयों की 1645 शिक्षिकाओं को प्रमोशन का तोहफा मिलने जा रहा है। पदोन्नति के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक कराने के लिए अनुरोध किया गया है।


2019-20 से 2023-24 सत्र के बीच रिक्त पदों पर पदोन्नति के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर आयोग की ओर से आपत्ति भेजी गई है। आयोग ने रिक्तियों के घटित होने का कारण व तिथि के विवरण के साथ ही ज्येष्ठता सूची निर्विवादित होने संबंधित प्रमाणपत्र देने को कहा है। सूची में कार्मिकों का क्रमांक क्रमवार नहीं है और उस संदर्भ में कोई सूचना नहीं नहीं दी गई है। चयन वर्षवार अधियाचित पदों के सापेक्ष दिव्यांगों के लिए आरक्षण चिह्नित नहीं किया गया है। आयोग की ओर से आपत्ति मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी उसके निस्तारण में जुटे हुए हैं। आपत्ति निस्तारण के बाद पदोन्नति पर मुहर लगेगी।


क्लास टू में पदोन्नति के लिए मांगी आख्या

राजकीय हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक और राजकीय इंटर कॉलेज में उप प्रधानाचार्य व समकक्ष पदों पर कार्यरत अधिकारियों के क्लास टू में पदोन्नति के लिए गोपनीय आख्या मांगी गई है। ऐसे 159 अधिकारियों की क्लास टू में पदोन्नति की तैयारी है। अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी ने तीन वर्ष की अर्हकारी सेवा पूरी करने वाले अधिकारियों की सूची भेजते हुए गोपनीय आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।



माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षिकाएं प्रोन्नत होंगी, विभाग ने प्रोन्नति के लिए लोक सेवा आयोग को भेजा पत्र

■ 1645 एलटी ग्रेड शिक्षिकाओं की प्रवक्ता के पद पर की जाएगी पदोन्नति

■ राजकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं को मिलेगा प्रोन्नति का लाभ

प्रयागराज । प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत 1645 एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) शिक्षिकाओं की प्रवक्ता पद पर पदोन्नति करने की तैयारी है। इससे पहले दिसंबर 2022 में दो विषयों की 59 शिक्षिकाओं की प्रवक्ता पद पर पदोन्नति की गई थी। इस बार 20 विषयों की 1645 शिक्षिकाओं को प्रमोशन का तोहफा मिलने जा रहा है। पदोन्नति के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक कराने के लिए अनुरोध किया गया है।


2019-20 से 2023-24 सत्र के बीच रिक्त पदों पर पदोन्नति के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर आयोग की ओर से आपत्ति भेजी गई है। आयोग ने रिक्तियों के घटित होने का कारण व तिथि के विवरण के साथ ही ज्येष्ठता सूची निर्विवादित होने संबंधित प्रमाणपत्र देने को कहा है। सूची में कार्मिकों का क्रमांक क्रमवार नहीं है और उस संदर्भ में कोई सूचना नहीं नहीं दी गई है। चयन वर्षवार अधियाचित पदों के सापेक्ष दिव्यांगों के लिए आरक्षण चिह्नित नहीं किया गया है। 

आयोग की ओर से मिलने के बाद माध्यमिक आपत्ति शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उसके निस्तारण में जुटे हुए हैं। आपत्ति निस्तारण के बाद पदोन्नति पर मुहर लगेगी।


क्लास टू में पदोन्नति के लिए मांगी आख्या

राजकीय हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक और राजकीय इंटर कॉलेज में उप प्रधानाचार्य व समकक्ष पदों पर कार्यरत अधिकारियों के क्लास टू में पदोन्नति के लिए गोपनीय आख्या मांगी गई है। ऐसे 159 अधिकारियों की क्लास टू में पदोन्नति की तैयारी है। अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी ने तीन वर्ष की अर्हकारी सेवा पूरी करने वाले अधिकारियों की सूची भेजते हुए गोपनीय आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रोन्नति की कार्रवाई की जा सके।