उप्र स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अध्यादेश सोमवार से लागू, अधिक फीस वसूलने पर रद होगी मान्यता
स्कूलों को 30 दिन में सार्वजनिक करनी होगी फीस
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि अब उन्हें भारी पड़ेगी। वे अब न तो मनमाने तरीके से फीस बढ़ा सकेंगे और न ही विद्यार्थियों के अभिभावकों को कॉपी-किताब, यूनीफॉर्म, जूते-मोजे व स्टेशनरी किसी दुकान विशेष से खरीदने के लिए मजबूर कर सकेंगे। पांच साल से पहले यूनीफॉर्म भी नहीं बदल पाएंगे। अधिसूचित फीस से अधिक शुल्क लेने पर स्कूल की मान्यता रद कर दी जाएगी। मनमानी फीस वृद्धि को नियंत्रित करने का कानून सोमवार से प्रदेश में लागू हो गया है।1राज्यपाल राम नाईक ने कैबिनेट से अनुमोदित ‘उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अध्यादेश 2018’ को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद सरकार ने इस बारे में अधिसूचना भी जारी कर दी है। अध्यादेश के दायरे में वे सभी मान्यताप्राप्त निजी स्कूल आएंगे जिनकी वार्षिक फीस 20 हजार रुपये से अधिक है।
• एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ: निजी स्कूलों में फीस के नाम पर मनमानी रोकने के लिए अध्यादेश की अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी गई। सोमवार को ही राज्यपाल ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी। यह इसी सत्र से लागू हो जाएगा। इसके तहत दाखिले के समय ही अभिभावक को 12वीं तक की फीस बतानी होगी। यह कानून उन सारे स्कूलों पर लागू होगा, जिनकी वार्षिक फीस 20 हजार रुपये से अधिक है।
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